बुध धनु राशि में वक्री: जानें किन राशियों के लिए साबित हो सकती है यह अवधि अशुभ!

बुध धनु राशि में वक्री: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध धनु राशि में वक्री के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि बुध 13 दिसंबर 2023 की दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित राशि धनु में वक्री होने जा रहे हैं। बुध का वक्री अवस्था का आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। तो आइए जानते हैं बुध धनु राशि में वक्री किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के आसान उपायों के बारे में।

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बुध वाणी, तर्क और बुद्धि के कारक हैं। ज्योतिष में बुध हमारी सोच और संचार कौशल को नियंत्रित करते हैं। यह सूचना का ग्रह है, जो कॉमर्स, बैंकिंग, शिक्षा, लेखन, किताबें, ह्यूमर, मीडिया आदि क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 12 राशियों में बुध को मिथुन और कन्या राशि का आधिपत्य प्राप्त है। कन्या राशि इनकी उच्च राशि भी होती है जबकि मीन इनकी नीच राशि होती है। नक्षत्रों की बात करें तो बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। सूर्य और शुक्र बुध के मित्र ग्रह होते हैं, वहीं चंद्रमा और मंगल से इनकी शत्रुता होती है।

जब बुध वक्री हो जाते हैं तो हमें हमारे सोचने समझने की क्षमता को कमज़ोर कर देते हैं। इनके प्रभाव से वाणी में कठोरता आ जाती है। साथ ही, गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, स्पीकर आदि खराब होने लगते हैं। 

बुध धनु राशि में वक्री : समय व तिथि

बुद्धि के कारक ग्रह बुध 13 दिसंबर 2023 की दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर धनु राशि में वक्री हो जाएंगे। बुध के वक्री होने से कई राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन राशियों के बारे में जिन्हें इस दौरान उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।

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बुध धनु राशि में वक्री: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव!

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव में वक्री हो रहे हैं। नौवां भाव धर्म, अध्यात्म, गुरु, मार्गदर्शक, पिता, उच्च शिक्षा को दर्शाता है। बुध के वक्री अवस्था के परिणामस्वरूप आपको अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जो जातक ज्योतिष या अन्य गूढ़ विद्याओं की पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें भी इस दौरान कुछ खास परिणाम प्राप्त न होने की संभावना है या हो सकता है कि उन्हें अपनी बात पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़े। इसके अलावा, आध्यात्मिकता के मार्ग में कुछ रुकावटें भी आपको परेशान कर सकती है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप रचनात्मक और कलात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अपने क्षेत्र में कई बदलावों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आठवां भाव परिवर्तन व अचानक होने वाली घटनाओं का भाव है। बुध आठवें भाव से वाणी के दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके फलस्वरूप इस दौरान आप अपनी वाणी के कारण परेशानी में पड़ सकते हैं क्योंकि आपके बोलचाल के तरीके में कुछ आक्रामकता आ सकती है और आपकी बातों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है या कार्यक्षेत्र में आपके विचारों से लोग सहमत नहीं हो सकते हैं, जिससे आपको निराशा हो सकती है। इसलिए अपने शब्दों का चयन बहुत ही सोच-समझकर करें। इसके अलावा, आर्थिक जीवन के लिए भी वक्री बुध आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि आपके खर्चों में अचानक वृद्धि हो सकती है और बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल साबित हो सकती है।

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कर्क राशि

कर्क राशि में बुध तीसरे भाव और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह छठे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि बुध की स्थिति आपकी कुंडली में अनुकूल स्थिति में विराजमान नहीं हैं तो, आप इस दौरान कर्ज या किसी प्रकार के लोन से घिर रह सकते हैं। वित्तीय रूप से यह समय आपके लिए बेहद उतार-चढ़ाव वाला साबित हो सकती है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रकार के निवेश करने से इस दौरान बचें। जिन जातकों का अपना व्यापार है उन्हें कुछ नया करने का जोखिम लेने से बचना चाहिए। नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में अचानक से आने वाली घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं कुछ लोगों को अपनी नौकरी तक गंवानी पड़ सकती है।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव में वक्री हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव के कारण आपके पेशेवर जीवन में भी परेशानियां पैदा हो सकती है। हो सकता है कि आपको अपने वरिष्ठों से भी सहयोग की कमी महसूस हो और इस वजह से आप निराश हो सकते हैं। यह अवधि आपके निजी जीवन के लिए भी बहुत अधिक अनुकूल प्रतीत होती नहीं दिख रही है। यदि आप कोई संपत्ति खरीदना या बेचना चाह रहे हैं तो यह योजना कुछ समय के लिए टाल दें क्योंकि कई रुकावटों का सामना आपको करना पड़ सकता है।

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी है और यह आपके तीसरे भाव में वक्री होंगे। तीसरा भाव छोटे भाई-बहनों, संचार शैली, कम दूरी की यात्रा, साहस, जुनून आदि को दर्शाता है। इस दौरान आपको अपनी भाषा का विशेष ध्यान देने की जरूरत हो सकती है क्योंकि आपको शब्द दूसरों पर बुरा प्रभाव छोड़ सकते हैं, जिसके चलते आपको भाई-बहनों और अन्य लोगों के बीच दरार पैदा हो सकती है। यदि आप इस अवधि व्यापार के सिलसिले से या काम के सिलसिले से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो हो सकता है कि आपको कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़े और आपकी यात्रा उम्मीद के मुताबिक सफल न होने की संभावना है। इस अवधि आपको सलाह दी जाती है कि अपने कार्यक्षेत्र में और आर्थिक जीवन में किसी भी प्रकार का वित्तीय जोखिम न लें अन्यथा आपको हानि उठानी पड़ सकती है।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें के स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप व्यापार और कार्यक्षेत्र में आपको तर्क-वितर्क और अपनी कठोर वाणी के चलते निराशा का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करें। आपके असभ्य व्यवहार के कारण बिज़नेस में आपकी पार्टनरशिप खराब हो सकती है। संभावना है कि नौकरी या किसी बड़े पद के लिए अच्छी खासी स्किल्स होने के बावजूद आप उसे हासिल करने में असमर्थ हो या हासिल करने के लिए आपको संघर्ष का सामना करना पड़े और दोगुनी मेहनत करनी पड़ सकती है। कुल मिलाकर धनु राशि वाले जातकों के लिए यह अवधि कुछ खास प्रतीत नहीं हो रही है।

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको भाग्य का साथ मिलता नहीं दिख रहा है। इस दौरान आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से वे जातक जो विदेश में रह रहे हैं या विदेश यात्रा करने जा रहे हैं। मकर राशि के जातकों के आर्थिक जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है क्योंकि बाहरवें भाव घाटे का भाव है। ऐसे में यदि आप कहीं यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल के लिए उसे स्थगित कर दें या आगे के लिए टाल दें।

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बुध धनु राशि में वक्री: प्रभावशाली उपाय

  • बुध के बीज मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का जाप करें।
  • अपनी छोटी बहनों और परिवार की अन्य महिलाओं को उपहार दें।
  • भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास चढ़ाएं।
  • जरूरतमंद और गरीब बच्चों को कंबल, किताबें और कपड़े दान करें।
  • प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
  • प्रत्येक बुधवार को बुध ग्रह की शांति के लिए यज्ञ व हवन करें।

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