बुध ग्रह को देवताओं का दूत माना जाता है और यह ग्रह अन्य सभी ग्रहों की अपेक्षा अपनी तेजी और गति के लिए जाना जाता है। बुध ग्रह 88 दिनों में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाला सबसे तेज़ ग्रह भी माना गया है। बारह राशियों में दो राशियों कन्या राशि और मिथुन राशि का शासक स्वामी भी बुध ग्रह को माना गया है। इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह मानसिकता, संचार, अनुकूलन क्षमता, सोच पैटर्न, और परिवर्तनशीलता जैसे सिद्धांतों का कारक भी माना गया है।
यह भाई-बहनों और चचेरे भाइयों, शिक्षा और स्कूली शिक्षा, पड़ोसियों के तत्काल वातावरण, आदि को नियंत्रित करता है। बुध ऊर्जावान वाइब्स का उत्सर्जन करता है, जो इसके स्थान के आधार पर विभिन्न राशियों के जातकों के लिए या तो अच्छा या बुरा हो सकता है।
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इसके अलावा बुध ग्रह की बात करें तो यह एक दोहरी प्रकृति वाला ग्रह है और शरीर के अंगों में कान, हाथ, फेफड़े, त्वचा, तंत्रिका तंत्र आदि को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। चंद्रमा के साथ जहाँ बुध ग्रह के रिश्ते दुश्मनी वाले होते हैं वहीं राहु, सूर्य और शुक्र के साथ बुध ग्रह के दोस्ताना वाले संबंध होते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह प्रतिकूल स्थिति में मौजूद होता है तो इसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति के जीवन में खराब समझ शक्ति, संचार के मुद्दों से संबंधित दिक्कतें, बोलने में दिक्कत, नीरसता आदि देखने को मिलती है। वहीं इसके विपरीत जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह मजबूत स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति ज्ञान, चतुराई, व्यवसाय दिमाग, और गणितीय कला के धनी होते हैं। जिन लोगों को बुध को मजबूत बनाने की इच्छा होती है उन्हें भगवान विष्णु की पूजा का विधान बताया जाता है।
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बुध का मीन राशि में गोचर (24 मार्च, 2022)
बुध का यह गोचर 24 मार्च, 2022 को सुबह 11 बजकर 05 मिनट पर मीन राशि में होगा और 8 अप्रैल, 2022 की दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक यह मीन राशि में ही स्थित रहेगा। इसके बाद बुध मंगल शासित राशि मेष में प्रवेश कर जाएगा।।
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या कुछ प्रभाव और असर देखने को मिलेगा। साथ ही जान लेते हैं राशि अनुसार उपायों की भी जानकारी।
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बुध का मीन में गोचर: गोचरफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहन व संवाद के भाव और छठे भाव यानी कि विवाद, प्रतिस्पर्धा व शत्रु के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे भाव यानी कि परिवार, धन व वाणी के भाव और पांचवें भाव यानी कि मनोरंजन, रोमांस व संतान के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध उनके लग्न भाव और चौथे भाव यानी कि सुख, आराम और भूमि के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध मिथुन राशि के दसवें भाव यानी कि कर्म भाव से गोचर करेगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो बुध के इस गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे भाव यानी कि साहस, शक्ति व भाई-बहन के भाव और बारहवें भाव यानी कि यात्रा व व्यय के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार व वाणी के भाव और ग्यारहवें भाव यानी कि आय, मित्र व लाभ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध उनके लग्न भाव और दसवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध कन्या राशि के सातवें भाव यानी कि व्यवसाय, यात्रा और साझेदारी के भाव में गोचर करेगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो…(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध उनके नौवें भाव यानी कि भाग्य व धर्म के भाव और बारहवें भाव यानी कि व्यय व हानि के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध तुला राशि के छठे भाव यानी कि विवाद, शत्रु और रोग के भाव में स्थित रहेगा। पेशेवर जीवन के रूप से देखा जाए तो…(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध उनके आठवें भाव यानी कि अनिश्चितता के भाव और ग्यारहवें भाव यानी कि आय व लाभ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध वृश्चिक राशि के पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, संतान और मनोरंजन के भाव से गोचर करेगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो…(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध उनके दो महत्वपूर्ण भावों यानी कि सातवें भाव और दसवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध धनु राशि के चौथे भाव यानी कि परिवार, आराम व सुख के भाव में स्थित रहेगा। पेशेवर जीवन के लिहाज से देखा जाए तो…(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध उनके छठे भाव यानी कि प्रतिस्पर्धा व विवाद के भाव और नौवें भाव यानी कि भाग्य व धर्म के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध मकर राशि के तीसरे भाव यानी कि संवाद, भाई-बहन और इच्छाशक्ति के भाव से गोचर करेगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो…(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा व संतान के भाव और आठवें भाव यानी कि विरासत, अनिश्चितता व आकस्मिक परिवर्तन के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध उनके चौथे भाव यानी कि परिवार, संपत्ति व सुविधा के भाव और सातवें भाव यानी कि विवाह, साझेदारी व यात्रा के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल में बुध …(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
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