बुध का मेष राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रह एक निश्चित समय के बाद ही राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों की बदलने वाली चाल प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करती है। इसी क्रम में ग्रहों के राजकुमार बुध 31 मार्च 2023 को मेष राशि में गोचर करेंगे। बुध के इस गोचर से राशि चक्र की प्रत्येक राशि अलग-अलग तरह से प्रभावित होगी।
जब बुद्धि, तर्क क्षमता, अच्छा संचार कौशल के कारक ग्रह बुध मेष राशि में गोचर करते हैं तो एक मजबूत संयोग बनाते हैं। मेष राशि के जातक आवेगी और लापरवाह स्वभाव के होते हैं और इनका यह व्यवहार इन्हें कभी-कभी परेशानी में डाल देता है लेकिन बुध के प्रभाव से इनके आवेग में कमी आ सकती है। इस दौरान मेष राशि के जातक नए विचारों पर मंथन और भविष्य के लिए योजनाएं बना सकते हैं। बुध का मेष राशि में गोचर सभी 12 राशियों के लिए कैसा साबित होगा, यह जानने के लिए कुंडली में बुध की स्थिति एवं जातक की दशा का विश्लेषण करना ज़रूरी हो जाता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।
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बुध का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय
बुध का मेष राशि में गोचर 31 मार्च 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। इस समय और तिथि में बुध मेष राशि में उदित भी होंगे। अब चलिए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं कुंडली में बुध ग्रह के मजबूत होने के संकेत।
बुध ग्रह मजबूत होने के कुछ संकेत
ज्योतिष के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होते हैं उन्हें व्यापार, शिक्षा और नौकरी में सफलता दिलाते हैं। वहीं अगर किसी की कुंडली में बुध कमजोर हैं तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कुंडली में बुध ग्रह के शुभ होने पर किस तरह के संकेत मिलते हैं।
बेहतर संचार कौशल
जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ होते हैं वे संवाद और संचार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे जातकों की संवाद शैली कुशल होती है और वे अपनी बातों को बेहतर तरीके से रखने वाले होते हैं। साथ ही जातक अपनी बातों व तर्कों से सबको मोह लेते हैं।
तेज बुद्धि
बुध बुद्धि के साथ-साथ तेज दिमाग के भी सूचक हैं। बुध की शुभता से संपन्न जातक बुद्धिमान और दिमाग के तेज होते हैं। साथ ही बड़ी से बड़ी समस्याओं को सुलझाने में माहिर होते हैं। ऐसे लोग अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता वाले होते हैं।
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अच्छी याददाश्त
बुध यदि मजबूत स्थिति में हों तो जातक की याददाश्त बहुत अच्छी होती है। वे हर जानकारी को अच्छे से याद रखने में सक्षम होते हैं और नई-नई चीजों को सीखने वाले होते हैं।
लचीले और अनुकूलनीय
बुध की शुभ स्थिति जातक को लचीले और अनुकूलनीय स्वभाव का बनाती है। ऐसे लोग जल्द ही नए साँचे में ढल जाते हैं और बेहतर तालमेल स्थापित करते हैं।
त्वरित विचारक
कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत हो तो ऐसे लोगों में निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है और वे किसी भी फैसले को लेने में देरी नहीं करते हैं। साथ ही ऐसे जातक मल्टीटास्किंग होते हैं।
व्यापार में सफलता
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को वाणिज्य और व्यापार का कारक माना गया है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में बुध की स्थिति शुभ होती है वे अपने व्यापार में अत्यधिक सफलता हासिल करते हैं।
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बुध ग्रह के कमजोर होने के कुछ संकेत
- बुध को संचार का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो जातक को बातचीत करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। साथ ही जातक अपने विचारों को सही से पेश नहीं कर पाता है। कई बार अपने विचारों को दूसरों के सामने व्यक्त करने में कठिनाई भी हो सकती है।
- कमजोर बुध वाले लोग अपने जीवन में किसी भी तरह का फैसला लेने से कतराते हैं। उनकी निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है।
- इसके अलावा बिज़नेस में भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कई बार ये जातक अच्छे अवसर भी गंवा देते हैं और व्यापार में बेहतर डीलिंग करने में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
बुध का मेष राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आने वाला है। सामान्य तौर पर लग्न भाव में बुध का गोचर… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए बुध लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। यह भाव आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा को दर्शाता है। बुध का मेष राशि में गोचर होने से आपके द्वारा…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए बुध बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर के दौरान यह आपके दसवें भाव में विराजमान होंगे। यह समय नौकरीपेशे वाले जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। करियर में नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
बुध सिंह राशि के जातकों के लिए दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान यह आपकी राशि से नवम भाव यानी कि धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य के भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु, आकस्मिक घटना और गोपनीयता के भाव में प्रवेश करेंगे। लग्न भाव के स्वामी का आठवें भाव में गोचर आपके लिए…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि के लिए बुध बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव यानी कि जीवनसाथी और पार्टनरशिप के भाव में गोचर करेंगे। परिणामस्वरूप, जो लोग सिंगल हैं और अपने लिए एक पार्टनर की तलाश कर रहे हैं तो…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
बुध आपकी राशि के ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके शत्रु, रोग, प्रतिस्पर्धा और चाचा के छठे भाव में गोचर करेंगे। बुध का मेष राशि में गोचर काल के दौरान आपको अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान के भाव में गोचर करेंगे। पांचवें भाव को पूर्व पुण्य भाव भी कहा जाता है। बुध का मेष राशि में गोचर छात्रों के लिए बेहतरीन साबित होगा, विशेष रूप से…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह चौथे भाव यानी कि माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन और संपत्ति के भाव में गोचर करेंगे। बुध के चौथे भाव में गोचर के परिणामस्वरूप आपका पारिवारिक जीवन…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
बुध कुंभ राशि के लोगों के लिए पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर के दौरान यह आपकी राशि से तीसरे यानी कि भाई-बहनों, शौक, कम दूरी की यात्रा तथा संचार कौशल के भाव में विराजमान होंगे। बुध का मेष राशि में गोचर काल…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
आपकी राशि के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं तथा इस गोचर काल में यह आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार, बचत और वाणी के भाव में प्रवेश करेंगे। इस गोचर काल में आपकी वाणी और आपका संचार कौशल…(विस्तार से पढ़ें)
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