चंद्र की राशि में बुध के प्रवेश से, किन राशियों का होगा भाग्योदय और किनकी बढ़ेंगी परेशानियां?

बुध का कर्क राशि में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राजकुमार बुध देव को विशेष दर्जा प्राप्त है और इनका वर्णन हिंदू धर्म सहित कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। साथ ही, बुध महाराज का वर्णन 5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ “आर्यभटीय” में भी किया गया है। अब बुध ग्रह कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इनके राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर भिन्न-भिन्न तरीके से पड़ता है। साथ ही, इस गोचर का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार के साथ-साथ देश दुनिया पर भी दिखाई देगा। ऐसे में, बुध का कर्क राशि में गोचर आपकी राशि को किस तरह के परिणाम देगा? यह जानने के लिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं बुध गोचर का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा और इसके अशुभ प्रभावों से कैसे बचा जा सकता हैं।

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वैदिक ज्योतिष में बुध देव को एक अत्यंत शुभाशुभ ग्रह माना गया है जो ग्रहों की संगति के अनुसार ही परिणाम देते हैं इसलिए जब भी बुध की चाल, दशा या स्थिति में बदलाव होता है, तो यह संसार में अच्छे-बुरे दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा, बुध को बुद्धि, व्यापार, तर्कशक्ति, तार्किक क्षमता और शेयर बाजार के कारक ग्रह भी माना जाता है। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: तिथि और समय

बुध ग्रह को सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है इसलिए यह एक राशि में बेहद कम समय के लिए रहते हैं। बुध 29 जून 2024 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कर्क के स्वामी ग्रह चंद्र देव हैं और यह बुध देव के शत्रु माने गए हैं। ऐसे में, बुध ग्रह का गोचर अपनी शत्रु राशि में होने जा रहा है। इस प्रकार, बुध का कर्क राशि में गोचर राशियों समेत विश्व को निश्चित रूप से प्रभावित करेगा। 

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बुध ग्रह का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र में बुद्धि एवं वाणी के कारक ग्रह के रूप में बुध को एक लाभकारी ग्रह का दर्जा प्राप्त है। साथ ही, यह संवाद, चतुरता, मित्र और गणित आदि को भी नियंत्रित करते हैं। वहीं, कुंडली में बुध महाराज तीसरे और छठे भाव पर शासन करते हैं जबकि राशि चक्र में इन्हें मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के और मीन में नीच होते हैं। यह प्रत्येक राशि में तक़रीबन 24 दिनों तक रहते हैं। 

नक्षत्रों की बात करें तो, बुध ग्रह अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के अधिपति देव हैं। हालांकि, नवग्रहों में इनके सूर्य और शुक्र के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है, तो चंद्रमा और केतु बुध के शत्रु माने गए हैं जबकि यह मंगल, बृहस्पति और शनि के साथ तटस्थ संबंध रखते है। इसके विपरीत, सप्ताह में बुध ग्रह को बुधवार का दिन समर्पित होता है और इन्हें रंगों में हरा रंग अत्यंत प्रिय हैं। बता दें कि बुध ग्रह को रौहिनेया, तुंगा सौम्य (चंद्रमा के पुत्र) आदि नामों से जाना जाता है। ग्रीस की पौराणिक कथाओं में बुध ग्रह हेमीज़ को दर्शाते हैं। 

वैज्ञानिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व  

बुध ग्रह को सौरमंडल में सबसे छोटा और तीव्र गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है जो कि सूर्य के सबसे निकट स्थित है। जहां बुध की सतह चट्टान की तरह ठोस है, तो वहीं इसका वायुमंडल हीलियम, हाइड्रोजन, सोडियम पोटेशियम और ऑक्सीजन आदि से मिलकर बना है। हालांकि, बुध ग्रह के पास अपना कोई चंद्रमा नहीं है इसलिए इस ग्रह पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। 

बुध ग्रह मनुष्य जीवन को अच्छे या बुरे दोनों तरह से प्रभावित करता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कुंडली में बुध मज़बूत होने के लक्षण। 

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कुंडली में बुध के मज़बूत होने के लक्षण 

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव बलवान या शुभ होते हैं, तो जातक को अपने जीवन में अनेक तरह के लाभ की प्राप्ति होती है। आइए नज़र डालते हैं बुध के मजबूत होने के लक्षणों पर। 

  • बुध महाराज के आशीर्वाद से जातक का संचार कौशल शानदार होता है और वह अपनी वाणी से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं।
  • जिन लोगों की कुंडली में बुध देव की स्थिति मजबूत होती है, वह ट्रेडिंग में माहिर होते हैं और इसके माध्यम से अपार लाभ प्राप्त करते हैं।
  • बुध देव शुभ स्थिति में होने पर जातक को विश्लेषणात्मक कौशल और तेज़ बुद्धि जैसे गुण प्रदान करते हैं।
  • अगर किसी जातक की कुंडली में बुध बलवान होते हैं, तो जातक तर्कसंगत और राजनीति में बेहद कुशल होता है। साथ ही, ऐसे जातकों का झुकाव सभी तरह के विषयों को सीखने में होती है और वह उसमें महारत भी हासिल करता है।
  • व्यक्तित्व की बात करें, तो बुध ग्रह के कुंडली में शुभ स्थिति में होने पर जातक शारीरिक रूप से बेहद सुंदर एवं आकर्षक होते हैं। ऐसे लोग अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु के ही दिखाई देते हैं और इनकी आँखों में चमक होती है। साथ ही, आवाज़ एकदम पतली होती है।
  • मनुष्य शरीर में बुध ग्रह त्वचा, पित्ताशय, तंत्रिका तंत्र, जीभ, बाल, छाती और चेहरे आदि को नियंत्रित करते हैं।
  • बुध के शुभ प्रभाव से जातक अच्छा वक्ता, प्रवक्ता, अधिकारी, बीमा एजेंट और बहुभाषी आदि बनता है।

बुध ग्रह के कमजोर होने के कुछ संकेत

ज्योतिषियों के मतानुसार, कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक समस्याओं या परेशानियों का सामना करना पड़ता है जो कि इस प्रकार है:

  • अगर किसी मनुष्य की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से समस्याओं से जूझना पड़ता है।
  • कुंडली में बुध कमजोर होने पर जातक को बातचीत करने और अपने विचारों को दूसरों के सामने रखने में परेशानी का अनुभव होता है।
  • कमजोर बुध के अशुभ प्रभाव की वजह से व्यक्ति के पद-प्रतिष्ठा, मान सम्मान और यश बल में कमी आती है। 
  • जिन जातकों का बुध कमजोर होता है, वह स्वभाव से चतुर और मूडी होते हैं। साथ ही, इनमें धोखा या छलकपट की प्रवृत्ति देखने को मिलती है।
  • साथ ही, व्यक्ति की भाषण देने और बातचीत करने की क्षमता प्रभावित होती है।

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कुंडली में बुध को मज़बूत करने के लिए अवश्य करें ये उपाय

  • प्रतिदिन मस्तक पर सफेद चंदन का तिलक करने से बुध ग्रह मजबूत होते हैं।
  • कुंडली में बुध को मजबूत बनाने के लिए जातक को चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। लेकिन, इसके लिए पहले किसी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
  • गाय को हरा चारा या हरी सब्जियां जैसे पालक, सोया मेथी आदि खिलाएं।
  • बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए व्रत करें। ऐसा करने से कुंडली में बुध मज़बूत होते हैं।
  •  यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कुपित होता है, तो आप विद्वान एवं अनुभवी ज्योतिषियों की सलाह पर आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।
  • कमजोर बुध को बलवान करने के लिए भगवान गणेश की उपासना करना फलदायी रहता है। साथ ही, नीले फूल, साबुत मूंग और हरे रंग के वस्त्रों का दान करें।
  • बुध महाराज से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से बुध के बीज मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करें। बुध का बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” और गायत्री मंत्र “ॐ सौम्य-रूपाय विदमहे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्यः प्रचोदयात्”।

बुध का कर्क राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल  

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर के लिहाज़ से. अगर आप नौकरी… (विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर की बात करें, तो आपसे मौजूदा नौकरी में कुछ… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर को देखें, तो आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध देव आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पहले/लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर की दृष्टि से, अगर आप नौकरी करते हैं, तो उनके लिए… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध के इस गोचर के दौरान आपकी सुख… (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके दसवें और लग्न भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपके जीवन में सब कुछ बिना… (विस्तार से पढ़ें)

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध आपके बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध का कर्क राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होने जा रहा है। बुध की इस स्थिति की वजह से आपका ज्यादातर समय… (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में बुध देव आपके ग्यारहवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, हो सकता है कि इस समय इन जातकों को… (विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके सातवें भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, आपको कार्यस्थल पर… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों की कुंडली में बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध के इस राशि परिवर्तन की वजह से इन लोगों को…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके छठे भाव में जा रहे हैं। इस वजह से आपको कार्यों में देरी…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर आपके इस भाव में होने से… (विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. बुध कितने दिन में अपनी राशि बदलते हैं?

उत्तर 1. बुध ग्रह लगभग 24 दिनों में अपना राशि परिवर्तन करते हैं। 

प्रश्न 2. कर्क राशि में बुध का गोचर कब होगा?

उत्तर 2. बुध देव 29 जून 2024 को कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

प्रश्न 3. कुंडली में बुध के मज़बूत होने पर क्या होता है?

उत्तर 3. बुध के मज़बूत होने पर जातक बुद्धिमान और संचार कौशल शानदार होता है।

 

   

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