बुध को सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता है जो सूर्य के सबसे करीब स्थित है और इसी कारण से इसे नवग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। उच्च शिक्षा, तीव्र बुद्धि और आकर्षक शरीर बुध के प्रभाव से ही मिलता है। बुध मनुष्यों को पित्त से संबंधित बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है और डिप्रेशन को रोकने में भी बुध प्रभावी साबित होता है। साथ ही, इसके अच्छे-बुरे प्रभाव जातकों के पारिवारिक जीवन को भी प्रभावित करते हैं। बुध को शुभ ग्रह माना जाता है, लेकिन अगर बुध किसी पापी ग्रह से पीड़ित होता है, तो इसका असर उनसे मिलने वाले परिणामों पर भी पड़ता है। बुध का स्वामित्व मिथुन और कन्या राशि पर हैं और 27 में से आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती नक्षत्र पर बुध का शासन है। इनकी उच्च राशि कन्या है जबकि नीच राशि मीन है।
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बुध की महादशा 17 साल तक चलती है और कुंडली में बुध की दशा के आधार पर इसके प्रभाव लाभकारी या हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए बुध को एक दोहरे चरित्र वाला ग्रह कहा जाता है। जिन जातकों पर बुध का शासन होता है वह अक्सर दो बिज़नेस या रोजगार में लिप्त होते हैं। अगर बुध आपकी कुंडली में सही दशा में मौजूद हैं, तो इसके प्रभाव से आपको लगातार नए अवसरों की प्राप्ति होती है। इसके प्रभाव से पत्रकारिता, लेखन, प्रिंट मीडिया और एड के क्षेत्रों से जुड़े जातकों को लाभ होता हैं। वहीं बुध के कमजोर होने से जातकों को हानि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, बुध की युति मंगल, शनि, राहु या केतु इन चारों ग्रहों में से किसी एक के साथ होने से स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है। इसका असर जातकों के रिश्तों और संपत्ति पर पड़ने की संभावना होती है।
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बुध के धनु राशि में उदय से जातकों के अंदर अहंकार की भावना बढ़ेगी और इससे आपके रिश्तों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। आपका पार्टनर के साथ बिना बात के विवाद हो सकता है। इस अवधि के दौरान लोग परिवार को लेकर कुछ गलत फैसले ले सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप सदस्यों में गलतफहमी पैदा हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ, बुध के उदय से जातकों का संवाद कौशल शानदार रहेगा और मीडिया या पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए भी यह अवधि अच्छी साबित होगी। जिन लोगों की कुंडली में बुध बेहतर स्थिति में मौजूद होते हैं, वे लोग तेज़ दिमाग वाले होते हैं। ऐसे जातक हमेशा अपनी सोच के दायरे को बढ़ाने की कोशिश में रहते हैं और ये लोग स्पष्ट बातें करने के लिए जाने जाते हैं, इसलिए इनकी दोस्ती कम ही लोगों से होती है।
एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में हम धनु राशि में बुध के उदय के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही हम जानेंगे इसकी तिथि, समय और भारत समेत विश्व पर इसके प्रभाव के बारे में। इतना ही नहीं, हम उन अचूक उपायों से भी आपको अवगत कराएंगे जिनकी मदद से आप इस अवधि को बेहतर बना सकते हैं और बुध का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
बुध 13 जनवरी, 2023 को सुबह 05 बजकर 15 मिनट पर धनु राशि में उदय हो रहे हैं। आइए अब इसके प्रभाव के बारे में बात करते हैं।
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बुध का धनु राशि में उदय, क्या कुछ बदलेगा?
बुध एक दोहरे स्वभाव का ग्रह है और इनका उदय दोहरे स्वभाव की राशि यानी धनु में हो रहा है। बुध और बृहस्पति दोनों को एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है। एक ज्ञान का ग्रह है तो वहीं दूसरा बुद्धि का। लेकिन जब भी यह दोनों ग्रह साथ में आते हैं, तो जातकों को कई सारे लाभ प्रदान करते हैं। धनु राशि में बुध के होने से जातक उदारवादी बनते हैं और न्याय की रक्षा करने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके अलावा, बुध के उदय से आध्यात्मिक चीजों के प्रति लोगों का रुझान अधिक होगा। बुध के धनु राशि में उदय होने से दुनिया पर कैसा प्रभाव पड़ेगा, अब इस पर नज़र डालते हैं।
बुध का धनु राशि में उदय: दुनिया पर इसका प्रभाव
- बुध के उदय से देशों के बीच होने वाले व्यापार में हल्के सुधार देखने को मिल सकते हैं। लेकिन यह पूरी तरह से बेहतर नहीं होंगे क्योंकि बुध अभी भी वक्री अवस्था में हैं।
- भारत और पड़ोसी देशों के बीच बिजनेस को लेकर बातचीत बेहतर होने की संभावना है।
- सॉफ्टवेयर और कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में कुछ तेज़ी देखने को मिल सकती है, हालांकि दूसरी तरफ इनकी रफ्तार धीमी भी हो सकती है।
- दुनियाभर के लोगों को किसी नए तरह का वायरस प्रभावित कर सकता है। हवा में पैदा होने वाले वायरस का भी खतरा बना रह सकता है।
- उच्च शिक्षा की तैयारी करने वाले छात्र या फिर उच्च शिक्षा के लिए किसी विदेशी संस्थान में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए यह अवधि अच्छी साबित होगी क्योंकि शिक्षा का ग्रह बुध नौवें भाव में उदय हो रहे हैं।
- जो लोग गुप्त विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं, ऐसे लोगों के लिए यह अवधि अच्छी साबित होगी।
- भारत की राजनीति के बारे में बात करें तो कुछ राजनेता खुलेआम कुछ ऐसे बयान दे सकते हैं जिनके कारण राजनीतिक पार्टियों के बीच मतभेद बढ़ सकते हैं।
- दुनियाभर के वे लोग जो सॉफ्ट स्किल सीख रहे है, या किसी दूसरी भाषा को सीख रहे हैं, उनके लिए यह अवधि अच्छी साबित होगी।
मज़बूत बुध के लिए ज्योतिषीय उपाय
- बुध के बीज मंत्र का रोजाना 108 बार जाप करें।
- रोज़ाना 108 बार बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप करें।
- घर पर हवन करें।
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