भारतीय सिनेमा के दिग्गज सितारे गिरिश कर्नाड का सोमवार को बैंग्लोर में निधन हो गया। न्यूज़ एजेंसी एनआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए इस बात की जानकारी दी। 81 वर्षीय गिरिश कर्नाड पिछले कई दिनों से बीमार थे। कर्नाड ने बॉलीवुड के अलावा कन्नड़ फिल्मों में भी अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। उन्होंने सलमान ख़ान के साथ ‘एक था टाईगर’ और ‘टाईगर ज़िंदा है’ में अभिनय किया था। कोंकणी भाषी परिवार में जन्मे गिरिश कर्नाड की हिन्दी के साथ-साथ कन्नड़ और अंग्रेज़ी भाषा में अच्छी पकड़ थी।
निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया शोक
गिरीश कर्नाड के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है। पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, “गिरीश कर्नाड अपने बहुमुखी अभिनय के लिए सदैव याद रहेंगे। बेबाक अंदाज़ से मुद्दों पर बात करने वाले कर्नाड का काम आने वाले वर्षों में लोकप्रिय होता रहेगा। अचानक उनके निधन पर दुख हुआ, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
गिरीश कर्नाड के जीवन पर एक नज़र
गिरिश कर्नाड का जन्म 19 मई साल 1938 में महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। बॉलीवुड में उन्हें लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार के रूप में जाना जाता था। ऐसे में उनका यूँ चला जाना बॉलीवुड के लिए अपूर्ण क्षति है। कर्नाड ने ‘वंशवृक्ष’ नामक कन्नड़ फिल्म से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने कई कन्नड़ और हिन्दी फिल्मों का निर्देशन किया।
ऑक्सफोर्ड और शिकागो विश्वविद्यालय से जुड़ा है कर्नाड का नाता
अभिनय और निर्देशन के साथ-साथ कर्नाड एक अच्छे स्कॉलर और प्रोफेसर भी थे। उन्होंने 1958 में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद कर्नाड पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए जहाँ उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन और मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया था। वे शिकागो विश्वविद्यालय के फुलब्राइट महाविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर भी रह चुके हैं।