जहाँ देश अभी कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में फंसा ही हुआ है वहीं इसी बीच ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है। कोरोना की ही तरह ब्लैक फंगस नाम की यह बीमारी भी बेहद ही खतरनाक और घातक साबित हो रही है। डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक फंगस नाम की यह बला इंसान की नाक के माध्यम से उनके लंग्स और दिमाग तक पहुंचकर जान लेने की क्षमता रखता है। आंकड़े हैरान करने वाले हैं लेकिन कोरोना वायरस की ही तरह ब्लैक फंगस के मरीजों में भी लगातार होता इज़ाफा अब डराने वाला प्रतीत हो रहा है।
ऐसे में आचार्य रमन जी के इस ज्योतिषीय विश्लेष्ण के माध्यम से जानते हैं कि, आखिर व्यक्ति की कुंडली में मौजूद किन ग्रहों की दशा की वजह से ये जानलेवा बीमारियाँ (ब्लैक फंगस और हार्ट-अटैक) होने का खतरा बढ़ जाता है।
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क्या है ब्लैक-फंगस?
कोविड की दूसरी लहर के बाद, एक नई बीमारी का ज़िक्र हम हर दिन सुन रहे हैं जिसे ‘ब्लैक फंगस’ कहा जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार यह आंखों का एक संक्रमण है जो मरीजों को अंधा बना रहा है और कई मामलों में पीड़ित व्यक्ति की जान भी चली जा रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, यह बीमारी एक तरह के स्टेरॉयड के उपयोग की वजह से हो रही है जो किसी व्यक्ति को कोविड के प्रति प्रतिरक्षित बनाता है। जहाँ एक तरफ यह स्टेरॉयड कोविड मरीज के शरीर को कोरोना से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है वहीं दूसरी तरफ इस फंगस के विकसित होने की संभावना को भी बढ़ाता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिन्हें शुगर की समस्या है।
ब्लड क्लॉटिंग एक और मुश्किल बला है जिससे लोगों को अचानक या तो दिल का दौरा या ब्रेन स्ट्रोक आने की आशंका बढ़ जाती है जिससे ज़्यादातर मामले में व्यक्ति की मौत हो जाती है।
इन राज्यों में फ़ैल रहा है ब्लैक फंगस
जानकारी के मुताबिक ब्लैक फंगस का ज़्यादातर प्रकोप गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, ओड़िसा, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य-प्रदेश और केरल में देखने को मिला है।
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क्या है इस जानलेवा बीमारी की ज्योतिषीय वजह और क्या है इससे बचाव के उपाय?
शुक्र ग्रह के साथ-साथ सूर्य और चंद्रमा को आंखों के लिए कारक ग्रह माना गया है क्योंकि उन्हें प्रकाशमान ग्रह कहा जाता है। हालांकि अपने इस आकलन में मैं (आचार्य रमन) ज्यादा ध्यान शुक्र ग्रह पर ही केंद्रित रखूंगा क्योंकि शुक्र ग्रह के गोचर के बाद से ही इस बीमारी का ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है। यह शरीर में शुगर का ग्रह भी माना गया है इसलिए जब भी शुक्र, द्वादश और दूसरे भाव, शुक्र किसी भी तरह से उनके साथ जुड़ता है और/या 6-8-12 जैसे बुरे भावों में स्थित होता है और व्यक्ति को कोविड की समस्या है तो, कृपया स्टेरॉयड आदि न लें अन्यथा आप जीवन भर के लिए आपकी आँखों की रोशनी जा सकती है या फिर आपकी जान भी जा सकती है।
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ग्रहों की यह दशा बनती है हार्ट अटैक/ब्रेन स्ट्रोक की वजह
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा और मंगल संबंधित दोष मौजूद हैं, मंगल किसी भी तरह से चौथे या पहले घर से जुड़ रहा होता है और चंद्रमा अशुभ ग्रहों से घिरा हुआ है, उन्हें कोरोना से जंग जीतने के बाद या अच्छी खासी रिकवरी की स्टेज में भी दिल का दौरा / ब्रेन स्ट्रोक होने की आशंका है। मुमकिन है कि, आपको कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा का ज्ञान ना हो, ऐसे में परेशान न हों और चैट या फिर कॉल के माध्यम से ज्योतिषियों से फोन पर जुड़कर आप इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है इस जानलेवा बीमारी के लक्षण?
किसी भी बीमारी से लड़ना तभी मुमकिन होता है जब समय से हमें उसके लक्षणों का पता लग पाए जिससे हम उस बीमारी को समय रहते ठीक कर सकें। ऐसे में बात करें ब्लैक फंगस के लक्षण की तो,
- आँखों में दर्द और आँखों का लाल होना
- बुखार
- खांसी
- सिरदर्द
- साँस लेने में तकलीफ महसूस होना
- साफ़ नज़र न आना
- उलटी में खून आना
ये कुछ प्रारंभिक लक्षण हैं, जिनके नज़र आते ही आपको डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है।
बचाव के उपाय
सलाह यही दी जा रही है कि, ऐसी परिस्थिति में सबसे पहले किसी जानकार डॉक्टर से मशविरा लें। मुमकिन हो सके तो अभी कुछ समय के लिए, (जहां हर दूसरा व्यक्ति कोरोना ग्रस्त है, या खुद को डॉक्टर, साइंटिस्ट, ज्योतिषी और ना जाने क्या ही समझ रहा है ऐसे में) फेसबुक और व्हाट्सएप से जितना मुमकिन हो दूरी बनाकर रखें।
बहुत ज़रूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें। सरकारी गाइडलाइन्स का पूरा पालन करें। हाथ और मुंह समय समय पर धोते रहे। मास्क का उपयोग करें और सोशल डिस्टेंसिंग को जीवन का हिस्सा बना लें।
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इसके अलावा जितना मुमकिन हो देवी-देवताओं में अपना ध्यान लगाएं, हनुमान चालीसा और देवी कवच का पाठ करें। घबराएं नहीं। बस सब ठीक होगा, आपको इससे अधिक कुछ करने की ज़रूरत नहीं है।
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