जानें जगत की आत्मा कहे जाने वाले “सूर्य” की कैसे हुई थी उत्पति !

वेदों में जगत की आत्मा कहे जाने वाले सूर्य ग्रह को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है, जो सभी जीवधारियों को ऊष्मा तथा जीवन प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों में सूर्य को राजा माना गया गया है। सूर्य के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। धरती पर जीवन सूर्य की वजह से ही संभव है, और इसीलिए वैदिक काल से ही भारत में सूर्य की उपासना का चलन रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर सूर्य देव उत्पत्ति कैसे हुई! अगर नहीं पता तो चलिए, आज इस लेख में आपको बताते हैं कि जगत की आत्मा कहे जाने वाले सूर्य  देव कैसे प्रकट हुए। 

सूर्य देव के जन्म की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मा जी के पुत्र थे मरिचि और मरिचि के पुत्र थे महर्षि कश्यप, जिनका विवाह प्रजापति दक्ष की कन्या दीति और अदिति से हुआ था। दीति से उन्हें दैत्य पैदा हुए, और अदिति ने देवताओं को जन्म दिया। ये हमेशा आपस में लड़ते रहते थे। इसे देख देव माता अदिति बेहद दुखी हुई। उन्होंने सूर्य देव की उपासना की। अदिति की तपस्या देख सूर्य देव बेहद प्रसन्न हुए और उनके यहाँ पुत्र रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। कुछ समय बाद, अदिति ने गर्भधारण किया। समय आने पर अदिति के गर्भ से एक तेजस्वी बालक ने जन्म लिया, जो देवताओं के नायक बने और बाद में दैत्यों का संहार कर देवताओं कि रक्षा की। अदिति के गर्भ से जन्म लेने के कारण ही सूर्य को “आदित्य” कहा गया। 

यह भी पढ़ें –

ओरछा के इस मंदिर में विराजे हैं अयोध्या राम मंदिर के प्रभु श्रीराम

इस मंदिर में ताला-चाबी चढ़ाने से खुल जाते हैं बंद किस्मत के दरवाजे

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.