श्री भुवनेश्वरी जयंती आज, पायें पूजा विधि और महत्वपूर्ण मंत्रों की जानकारी

भारत में स्त्रियों को पूजनीय माना जाता है। हिंदू धर्म के अलावा शायद ही कोई ऐसा धर्म होगा जिसमें स्त्री को भगवान के रुप में पूजा जाता है। यहां भक्तों द्वारा नवरात्र के दौरान मॉं दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है, हिंदू धर्म में धन और वैभव की देवी लक्ष्मी हैं वहीं ज्ञान और विवेक की देवी सरस्वती और माँ भुवनेश्वरी को शक्ति का स्वरुप माना जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार माता भुवनेश्वरी प्राणियों का पालन करती हैं। साल 2019 में 10 सितंबर के दिन माता भुवनेश्वरी की जयंती मनाई जाएगी। इस दिन यदि व्यक्ति मात भुवनेश्वरी की पूजा अर्चना करता है तो उसे धन और शक्ति की प्राप्ति होती है। वहीं आध्यात्म के मार्ग पर चलने वालों के लिये भी देवी की उपासना करना फलदायी माना गया है। माँ भुवनेश्वरी की अराधना करने से वैराग्य और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।   

भुवनेश्वरी माता की कृपा प्राप्ति की लिये करें नीचे दिये गये मंत्रों का जाप

भुवनेश्वरी माता अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखती हैं। जो भक्त जीवन में ऐश्वर्य प्राप्त करना चाहता है उसे माता भुवनेश्वरी की अराधना करनी चाहिये। विद्या और बुद्धि की कामना करने वालों के लिये भी माता की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। माता की कृपा प्राप्ति के लिये और सिद्धि प्राप्ति के लिये नीचे दिये गये मंत्रों का जाप जातकों द्वारा किया जाना चाहिये। 

माता भुवनेश्वरी का मूल मंत्र- ऊं ऎं ह्रीं श्रीं नम:

माता भुवनेश्वरी का त्रयाक्षरी मंत्र-  हृं ऊं क्रीं

माता भुवनेश्वरी का पंचाक्षरी मंत्र- ऐं हृं श्रीं ऐं हृं

माता भुवनेश्वरी की पूजा-अराधना विधि 

माता भुवनेश्वरी को वैसे तो हर समय पूजा जा सकता है लेकिन यदि कोई जातक सिद्धि प्राप्ति या किसी विशेष प्रयोजन से माता की पूजा करता है तो उसके लिये भुवनेश्वरी जंयती के अलावा कुछ विशेष दिनों पर भी माता की पूजा अवश्य की जानी चाहिये। ऐसा माना जाता है माता की पूजा के लिये कृष्ण पक्ष की अष्टमी, चतुर्दशी, दीपावली, महाशिवरात्री, होली और कालरात्रि का समय शुभ होता है। पूजा में जातकों द्वारा लाल वस्त्र पर चौकी बिछाकर माता के चित्र या प्रतिमा को स्थापित करना चाहिये। माता की पूजा के लिये कुमकुम, चंदन नैवेद्य और रुद्राक्ष की माला अवश्य होनी चाहिये। इसके बाद स्वच्छ मन से पूरे विधि-विधान के साथ माता की पूजा अर्चना की जानी चाहिये। यदि आप माता की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो मदिरा, मांसाहार से दूरी बनाएं और जरुरत मंदों की सहायता करें। यदि आप माता भुवनेश्वरी जयंती पर व्रत रखते हैं तो आपको माता के किसी मंदिर में जाकर मंदिर प्रांगण की साफ-सफाई करनी चाहिये। 

माना जाता है कि माता भुवनेश्वरी शक्ति स्वरुपा हैं और इन्हीं की कृपा से सृष्टि चल रही है। इसलिये यदि भक्तों द्वारा पूरी श्रद्धा से इनका व्रत लिया जाये तो हर प्रकार का अज्ञान दूर हो जाता है। यदि आप भी माता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस भुवनेश्वरी जयंती यानि 10 सितंबर के दिन व्रत रखें और माता की पूजा करें।

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