मंगलवार को है भौमवती अमावस्या, इस दिन पितृ शांति के लिए करें ये काम

मार्गशीर्ष मास या अगहन माह की अमावस्या मंगलवार 26 नवंबर को है।  मार्गशीर्ष मास या अगहन माह को भगवान कृष्ण का प्रिय महीना माना जाता है इस वजह से इन दिनों में भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इसके अलावा इस महीने में पड़ने वाली अमावस्या को भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस दिन की गयी पूजा भगवान जल्दी सुनते हैं।  यहाँ इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस अमावस्या में कौन-कौन से शुभ काम कर के आप भी अपने देवता को प्रसन्न कर सकते हैं।

इस दिन होती है स्नान और दान करने की परंपरा

इस महीने की अमावस्या के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। वैसे कहा गया है कि जिनके लिए संभव हो वो इस दिन मथुरा में स्थित यमुना नदी में स्नान करें।  ऐसा इसलिए क्योंकि मथुरा भगवान श्री-कृष्ण का जन्मस्थान है। ऐसे में यहाँ के मंदिरों में पूजा और नदी में स्नान आदि करने से मन-चाहा फल मिलता है। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है। आप अपनी इच्छा-शक्ति के अनुसार कुछ भी दान कर सकते हैं।

पितरों के लिए करें धूप-ध्यान

मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन अपने पूर्वज-पितरों के लिए धूप-ध्यान भी करना चाहिए। इस दिन आप गाय के गोबर से बनाए जाने वाले कंडों को जलाएं और उस पर गुड़-घी डाल कर पितरों को पूरी आस्था के साथ धूप अर्पित करें। इस दिन पितरों की शांति के लिए ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को दान भी ज़रूर करना चाहिए।

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इस दिन करें हनुमानजी की पूजा

मंगलवार और अमावस्या के योग में इस दिन हनुमानजी की पूजा विधि-विधान से करें। पूजा में हनुमान भगवान के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें और अगर संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। आज के दिन सुंदर-कांड का पाठ करना विशेष फ़लदायी होता है।

मंगल ग्रह की पूजा करें

मंगलवार को मंगल ग्रह के लिए भी पूजा-पाठ विशेष मानी जाती है। मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में होती है इसीलिए इस दिन शिवलिंग पर लाल रंग का फूल, लाल गुलाल चढ़ाएं। हो सके तो इस दिन ज़रूरतमंदों में मसूर की दाल भी अर्पित करें।

इस दिन करें ये ख़ास उपाय:

  • इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ के नीचे कच्ची लस्सी, थोड़ा सा गंगा-जल, काला तिल, चीनी, चावल, जल और पुष्प अर्पित करें।
  • ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र को अति-फलदायी माना गया है।
  •  अगर किसी का कर्ज काफी बढ़ चुका है तो उन्हें अमावस्या के दिन ऋणमोचक मंगल स्रोत का पाठ करना चाहिए और अगर पाठ खुद नहीं कर सकते तो किसी युवा ब्राह्मण सन्यासी से कराए।
  • अगर आप लम्बे समय से किसी दुःख, कष्ट से गुज़र रहे हैं तो आपको गुड़ और आटा दान करना चाहिए।
  • अगर आप विद्या की कामना रखते हैं तो इस दिन बहते जल में रेवड़ी का प्रवाह करें।
  • अमावस्या के दिन सूर्य देवता को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ का मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना भी काफी फलदायी माना जाता है।

अमावस्या पर क्या न करें

ये तो हो गयी वो बातें जो आपको अमावस्या के दिन विशेष तौर पर करनी चाहिए।  हालाँकि यहाँ कुछ ऐसे भी काम बताए गए हैं जिन्हे आज के दिन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि अगर अमावस्या के दिन निम्न लिखित बातों को करने से बचा जा सकता है तो उससे हमें अवश्य ही बचना चाहिए।

  • अमावस्या के दिन किसी को भी अपने घर में क्लेश नहीं करना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • माता-पिता का अनादर कभी भी न करें।
  • इस दिन घर में शांति और प्यार बनाए रखना चाहिए। ऐसा करने से घर का वातावरण सकारात्मक बना रहता है और पूजा-पाठ में मन लगता है और पूजा भी फलदायी होती है।

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