भरणी नक्षत्र (Bharni Nakshatra) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको हमारे इस लेख में मिलेंगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह और नक्षत्र का इंसान के जीवन पर कुछ न कुछ असर होता है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और उनके गुण के अनुसार ही व्यक्ति के व्यक्तित्व पर भी प्रभाव देखने को मिलता है। ज्योतिष में 27 नक्षत्र बताए गए हैं और इनमें से एक है भरणी नक्षत्र आज अपने इस लेख में हम भरणी नक्षत्र के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इस नक्षत्र में जन्मे लोग कैसे होते हैं।
भरणी नक्षत्र क्या है?
भरणी अकाश मंडल में स्थित एक नक्षत्र है जिसका आकार त्रिकोण की तरह होता है, इस नक्षत्र का रंग लाल और प्रतीक चिन्ह त्रिकोण ही है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है और यम इसके देवता हैं। इस नक्षत्र को स्त्री लिंगी माना जाता है। अकाश मंडल में स्थित इस नक्षत्र का स्थान सभी 27 नक्षत्रों में दूसरा है। आइए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है।
भरणी नक्षत्र के लोगों का व्यक्तित्व
- शुक्र के स्वामित्व वाले भरणी नक्षत्र के लोगों का स्वभाव जिंदादिल होता है। यह लोग हर पल को जीना पसंद करते हैं।
- चूंकि यह नक्षत्र शुक्र का है इसलिए देखने में भी इस नक्षत्र में जन्मे लोग आकर्षक होते हैं।
- इन लोगों की आंखें बोलती हैं, यह लोग अपनी आंखों से लोगों को आकर्षित करने वाले होते हैं।
- ऐसे लोगों को किसी की भी बातों का भी बुरा नहीं लगता इसलिए सामाजिक स्तर पर भी इस नक्षत्र के लोग काफी अच्छे होते हैं।
- इन लोगों के हावभावों से आप इनके दिल में चल रहे तुफान को नहीं जान सकते।
- यह लोग सीधे-साधे होते हैं और कभी भी किसी भी तरह की चालकी नहीं करते हैं।
- यह लोग स्वाभीमानी और ईमानदार भी होते हैं।
- पारिवारिक जीवन में भी ऐसे लोगों का व्यवहार काफी अच्छा होता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो भरणी नक्षत्र में रहने वाले लोगों को शुक्र की कृपा प्राप्त होती है और इसीलिए यह जीवन में सफल भी होते हैं।
कला के क्षेत्रों में भरणी नक्षत्र के लोगों की होती है रुचि
इस नक्षत्र में जन्मे लोग कला के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ऐसे लोगों को गायन, नृत्य, संगीत आदि का शौक होता है। इसके साथ ही फैशन डि़जाइनिंग, फोटोग्राफी के क्षेत्र में भी यह रुचि रखते हैं। यदि इनको सही मार्गदर्शन मिले तो इन क्षेत्रों में यह जबरदस्त प्रदर्शन करते हैं। ऐसे लोग अपनी काल से नाम और शोहरत कमाना चाहते हैं और धनी बनने की भी इनमें लालसा होती है। अपनी कलात्मक रुचियों के चलते यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में भी सक्षम होते हैं।
भरणी नक्षत्र (Bharni Nakshatra) में जन्मे लोगों का आर्थिक जीवन
आर्थिक रूप से इस नक्षत्र में जन्मे लोग अच्छे होते हैं। इनको पता होता है कि किन चीजों पर खर्च करना है और किनपर नहीं। हालांकि खुद को आकर्षित करने के लिए यह सौंदर्यप्रसाधनों पर खूब खर्च करते हैं। धन को संचित करने में भी इस राशि के लोग सक्षम होते हैं।
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भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों का पारिवारिक और प्रेम जीवन
शुक्र के प्रभाव के कारण इस राशि के लोग विपरीत लिंगी लोगों को आकर्षित भी करते हैं और उनकी ओर आकर्षित भी होते हैं। प्रेम के मामलों में यह ईमानदार होते हैं और ज्यादातर 23 से 27 साल की उम्र तक यह विवाह के बंधन में बंध जाते हैं। पारिवारिक जीवन की बात की जाए तो इस नक्षत्र में जन्मे लोग अपने परिवार के लोगों से अत्यधिक प्रेम करते हैं और उनके प्रति ईमानदार होते हैं। यह अपने दायित्वों का भी सही तरह से निर्वहन करते हैं। अपने परिवार की जरूरतों का इनको हमेशा ख्याल होता है। विवाहित जीवन में यह अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग करते हैं जिसके चलते दांपत्य जीवन अच्छा रहता है। इनका व्यवहार इतना अच्छा होता है कि घर के बुजुर्ग लोग भी इनको अत्यधिक प्रेम करते हैं।
भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों के जीवन की चुनौतियां
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों के जीवन में कई सकारात्मक बातें होती हैं लेकिन कुछ चुनौतियों का सामना भी इनको करना पड़ता है। कई बार इस नक्षत्र में जन्मे लोग अपने दिमाग से ज्यादा दिल को अहमियत दे देते हैं और इसके कारण नुकसान उठाते हैं। इसके साथ ही विलासितापूर्ण चीजों पर अत्यधिक धन खर्च करके कई बार यह अपनी आर्थिक स्थिति को भी खराब कर देते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातक की कुंडली में यदि मंगल और शुक्र प्रतिकूल हों तो ऐसा व्यक्ति क्रूर होता है और बुरे स्वभाव वाला हो सकता है।
भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए उपाय
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों के जीवन में यदि परेशानियां आ रही हैं तो उन्हें नीचे दिए गए उपायों को करना चाहिए।
आपको शुक्र के बीज मंत्र ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ का जाप करना चाहिए।
यदि कुंडली में मंगल और शुक्र प्रतिकूल हों तो इन दोनों ग्रहों की शांति करवानी चाहिए।
मन को संतुलित रखने के लिए योग ध्यान का सहारा लेना चाहिए।
भगवान शिव और गणपति की अराधना करना भी इस नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए शुभ माना गया है।
यदि कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ नहीं है तो 6 या 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करना इन नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए शुभ माना जाता है।
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निष्कर्ष
भरणी नक्षत्र शुभ ग्रह कहे जाने वाले शुक्र का नक्षत्र है इसलिए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को जीवन में कई सकारात्मक फल मिलते हैं। हालांकि कुंडली में ग्रहों शुक्र की स्थिति यदि बहुत अच्छी नहीं है तो कुछ प्रतिकूल परिणाम मिलने के संभावना रहती है जिसके लिए ऐसे लोगों को कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए।