भारत में ऐसे अनेक मंदिर हैं जो अद्भुत और अविश्वसनीय हैं। ये रहस्यमयी मंदिर या तो अपनी अनोखी प्रथाओं से विख्यात हैं या फिर इनकी वास्तु और शिल्प कला इन्हें विश्व प्रसिद्ध बनाती हैं। इन मंदिरों के पीछे कुछ न कुछ ऐसा हैरान करने वाला तथ्य सामने आता है जिसको जानकर आप दाँतों तले उंगली दबा लेंगे। अपनी अजीबो-ग़रीब विशेषताओं के कारण ही ये मंदिर दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम भारत के ऐसे 5 रहस्यमयी मंदिर की पड़ताल करेंगे जिनके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे। ये मंदिर इस प्रकार हैं :-
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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
हनुमान जी का यह मंदिर राजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित मेहंदीपुर में है। यह मंदिर भक्तों को दुष्ट आत्माओं, भूत-प्रेतों आदि से छुटकारा दिलाता है। मंदिर में दुष्ट आत्माओं से पीड़ित लोगों को उल्टा लटके हुए और जंजीर से बंधे हुए देखा जाता है। शाम के समय जब हनुमान जी की आरती होती है तो भूत प्रेत से पीड़ित लोग आक्रामक रूप से झूमने लगते हैं। वाक़ई में यह दृश्य बेहद डरावना होता है।
क़रीब हज़ार साल पुराने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, यहाँ एक विशाल चट्टान में हनुमान जी की आकृति स्वयं प्रकट हो गई थी। इसे ही हनुमान जी का स्वरूप माना जाता है। ख़ास बात यह है कि इनके चरणों में छोटी सी कुण्डी है, जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता है।
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कामाख्या देवी मंदिर
कामाख्या मंदिर असम में गुवाहाटी के पास 8 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत में स्थित है। यह मंदिर देवी सती का प्रमुख शक्ति पीठ है। इस मंदिर में हर साल अम्बूबाची का मेला आयोजित होता है। यह मेला विश्व के सिद्ध पुरुषों और तांत्रिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यहाँ साधक नीलांचल की पहाड़ियों की गुफाओ में साधना करते हैं।
अन्बूबाची पर्व के दौरान माँ भगवती जस्वला होती हैं। इसमें लगातार तीन दिनों तक माँ भगवती की योनि तीर्थ से जल के स्थान पर रक्त प्रवाहित होता है। यह अपने आप में एक अद्भुत दृश्य होता है।
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स्तंभेश्वर महादेव मंदिर
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के वडोदरा शहर से लगभग 60 किमी. दूर है। ख़ास बात यह है कि यह मंदिर अरब सागर में खंबात की खाड़ी में स्थित है। समुद्र के बीचोंबीच होने के कारण यह बेहद खूबसूरत मंदिर है। यदि समुद्र में कम ज्वार भाटाएं आती हैं तभी इस मंदिर का दर्शन संभव होता है। ऊँची लहरों में यह मंदिर अक्सर डूब जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध करने के बाद किया था। लेकिन शिव के इस मंदिर की खोज क़रीब 150 साल पहले हुई थी।
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वेंकटेश्वर मंदिर
वेंकटेश्वर मंदिर दक्षिण भारत का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले में स्थित है जो तिरुमाला की पहाड़ियों पर बना है। इस मंदिर की वास्तु और शिल्पकला बहुत ही भव्य और अद्भुत है। मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ जिन भक्तों की मुरादें पूरी हो जाती हैं वे अपने सिर के बाल अर्पण करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक यहाँ प्रतिदिन बीस हज़ार भक्त अपने बाल मुंडवाते हैं। इस कार्य को संपन्न करने के लिए परिसर में लगभग 600 नाइयों की व्यवस्था है। दान के रूप में मिले बालों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बेचा जाता है।
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काल भैरव मंदिर, उज्जैन
काल भैरव मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यहाँ काल भैरव को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ायी जाती है। मंदिर के बाहर साल के 12 महीने और 24 घंटे शराब उपलब्ध रहती है। प्रसाद के रूप में यहाँ पर भक्तों को मदिरापान कराया जाता है। प्राचीन काल में भैरव मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध था। यहाँ केवल तांत्रिकों को ही आने की अनुमति थी।
इसी प्रकार भारत में कई और चमत्कारिक मंदिर भी हैं, जिनका वर्णन यहाँ पर नहीं किया गया है। आशा करते हैं रहस्यमयी मंदिरों पर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा। आप अपनी प्रतिक्रियाँ हमें कमेंट बॉक्स पर दे सकते हैं।