वैसे तो अगर पर्यावरण के दृष्टिकोण से देखा जाए तो घर के आस पास पेड़ पौधे का होना अच्छा माना जाता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसे भी पेड़ पौधे हैं जिनका आपके घर आस-पास होना अशुभ फलदायी माना जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही पेड़-पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने घर के आसपास आपको नहीं लगाना चाहिए और यदि ये आपके घर के पास हों भी तो आपको ख़ास तौर से सावधान हो जाने की जरुरत पड़ सकती है।
घर के आस-पास ना रहने दें इन पेड़-पौधों को
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर के मुख्य द्वार के सामने पीपल, बरगद, नीम और बांस के पेड़ों को लगाना वर्जित माना जाता है। इसके साथ ही साथ गूलर, आम, बहेड़ा और इमली आदि के पेड़ों को भी घर से कुछ दूरी पर ही लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है इन पेड़ों की छाया घर पर पड़ने से घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि पूर्व दिशा में पीपल, दक्षिण दिशा में पाकड़, पश्चिम दिशा में बबूल और उत्तर दिशा में केला और गूलर के पेड़ भूल से भी नहीं लगवाने चाहिए।
गलत दिशा में भी पेड़-पौधे लगाने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि पूर्व दिशा में कोई फलदार पेड़ लगाया जाता है तो इससे संतान को चोट पहुंच सकती है, या कोई अप्रिय घटना हो सकती है। इसके अलावा पश्चिम दिशा में बबूल या अन्य कोई कांटेदार पेड़ लगाने शत्रु पक्ष मजबूत हो सकता है। दक्षिण दिशा में पीपल, बरगद और नीम का पेड़ लगाने से धन से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा इन दिशाओं में ऐसे पेड़ पौधे लगाने से परिवार में शोक की खबर और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। ऐसी मान्यता है कि कांटेदार पेड़ के घर के आस पास होने से परिवार में सदस्यों के बीच दुश्मनी की भावना जागृत हो सकती है। हालांकि कांटेदार पौधों में गुलाब का पौधा एक अपवाद है, इसे घर के आँगन में बखूबी लगाया जा सकता है।
इन पेड़ों के प्रभाव के बारे में भी जरूर जान लें
सबसे पहले आपको बता दें कि घर के परिसर में जामुन और अमरुद के पेड़ छोड़कर अन्य कोई पेड़ नहीं लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा घर के आस पास गुलमोहर और कटहल के पेड़ लगाने से आपस में शत्रुता की भावना बढ़ती है और परिवार में कलह की स्थिति उत्पन्न होती है। लिहाजा सभी पेड़-पौधे के लगाए जाने के लिए उचित दिशा और घर से एक विशेष दूरी का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।