नवरात्रि के दौरान भूलकर भी ना करें इन कामों को, देवी माँ हो जाएंगी रुष्ट !

हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी माँ की उपासना के लिए शारदीय नवरात्रि को बेहद अहम माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा की उपासना के लिए भक्त जन अपने घरों में विशेष रूप से देवी माँ की प्रतिमा स्थापित करते हैं और नियम पूर्वक उनकी पूजा अर्चना करते हैं। आने वाले रविवार से नवरात्रि पर्व की शुरुआत होने जा रही है। इस त्यौहार को मुख्य रूप से समस्त उत्तर भारत में ख़ासा हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। दक्षिण भारत में भी इस त्यौहार की मान्यता है लेकिन वहां इसे मनाये जाने का अंदाज बिल्कुल अलग है। आज हम आपको नवरात्रि के दौरान देवी माँ की उपासना के समय निषेध माने जाने वाले कामों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं, कौन से हैं वो काम जिन्हें देवी माँ की पूजा के दौरान आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए। 

नवरात्रि के दौरान इन नियमों का पालन जरूर करें 

  • सबसे पहले जिस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए वो ये है की, इस दौरान मुख्य रूप से यदि आप अपने घर में नियम पूर्वक माता की पूजा करते हैं और अखंड ज्योत जलाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें की भूलकर भी इस दौरान अपने घर को खाली ना छोड़े और माता के सामने जलने वाले ज्योत को कभी भी बुझने ना दें। 
  • नवरात्रि के नौ दिनों तक भूलकर भी अपने नाख़ून और बाल ना काटे। 
  • यदि अपने या आपके परिवार के किसी भी सदस्य ने नवरात्रि का व्रत रखा है तो इस दौरान भूलकर भी बाल और दाढ़ी ना बनवाएं। 
  • नवरात्रि के नौ दिन भूलकर भी लहसुन, प्याज और मांसाहार भोजन ग्रहण ना करें। 
  • इस दौरान मुख्य रूप से व्रतियों को रोजाना साफ़ सुथरे कपड़े ही पहनने चाहिए। 
  • नवरात्रि के दौरान व्रतियों को खासतौर से चमड़े से बानी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 
  • नौ दिनों तक अनाज ग्रहण ना करें, केवल फलाहार का ही सेवन करें और फलाहार का समय भी निश्चित कर लें। 
  • पुराणों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन व्रतियों को दिन के समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए। 
  • इन दिनों दुर्गा सप्तसती या दुर्गा चालीसा का पाठ करते समय उच्चारण की गलती ना करें वर्ना अर्थ का अनर्थ हो सकता है। 
  • व्रतियों को नवरात्रि के नौ दिन खासतौर से वैवाहिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। 
  • इस दौरान सुबह शाम नियम पूर्वक देवी माँ की पूजा अर्चना कर उनकी आरती जरूर करें। 
  • व्रतियों के लिए महाष्टमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोग लगाना आवश्यक माना जाता है। 
  • इन नौ दिनों के दौरान अपने मन में बुरे ख्याल या किसी के लिए बुरी भावना ना लाएं। ऐसा करने से देवी माँ रुष्ट हो सकती हैं और आपको मनवांछित फल नहीं मिलेगा। 
  • यदि आप किसी प्रकार के व्यसनों में लिप्त हैं तो ध्यान रखें की नवरात्रि के दौरान उनसे अवश्य दूर रहें। 

यहाँ जानें नवरात्रि और विजयादशमी की पूजा विधि कैसे एक दूसरे से अलग है !

गौरतलब है की नवरात्रि के नौ दिन भूलकर भी उपरोक्त कामों को ना करें। इन बातों को ध्यान में रखकर उनसे बचने का प्रयास करें।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.