अश्वत्थ मारुति पूजन आज, जानें हिन्दू धर्म में आज का दिन क्यों है ख़ास

हिन्दुओं की आस्था के लिए आज का दिन विशेष है। क्योंकि आज अश्वत्थ मारुति पूजन है। इसलिए आज हम इस ख़बर के माध्यम से जानेंगे कि हिन्दू धर्म में अश्वत्थ मारुति पूजन का क्या महत्व है और आज के दिन किस तरह की पूजा की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार देखें तो आज शनिवार का दिन और भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, अश्वत्थ मारुति पूजा का संबंध पीपल के वृक्ष और हनुमान जी से है।

अश्वत्थ मारुति पूजन से मिलती है रोग-दोष से मुक्ति

मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन यह पूजा करने से व्यक्ति को रोग-दोष से मुक्ति मिलती है और वह शारीरिक रूप से सेहतमंद रहता है। यहाँ अश्वत्थ का अर्थ पीपल से है और मारुति का अर्थ अंजनी के लाल हनुमान जी से है। हिन्दू धर्म में पीपल को ईश्वर के रूप में पूजा जाता है। वैदिक शास्त्रों में भिन्न-भिन्न रूप में पीपल की महिमा को बताया गया है।

वहीं रामचरित मानस के रचनाकार तुलसीदास ने हनुमान चालीसा के एक श्लोक में लिखा है, “नासै रोग हरै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलवीरा। अर्थात जो व्यक्ति हनुमान जी आराधना, उनका सुमिरन करता है तो पवनपुत्र हनुमान लला उनके सारे शारीरिक कष्टों को हर लेते हैं।”

पीपल की परिक्रमा का है आज विशेष दिन

पीपल अपने आप में एक चमत्कारिक वृक्ष है। इसमें दैवीय और औषधीय शक्ति निहित हैं। अश्वत्थ मारुति पूजन में पीपल की परिक्रमा करने का विधान है। अश्वत्थोपनयन व्रत के संदर्भ में महर्षि शौनक कहते हैं कि मंगल मुहूर्त में पीपल वृक्ष की नित्य तीन बार परिक्रमा करने और जल चढ़ाने पर दरिद्रता, दु:ख और दुर्भाग्य का विनाश होता है। पीपल के दर्शन-पूजन से दीर्घायु तथा समृद्धि प्राप्त होती है। अश्वत्थ व्रत अनुष्ठान से कन्या अखण्ड सौभाग्य पाती है।

शनिवार के दिन ऐसे करें पीपल की पूजा

  • पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दिया जलाकर रखें।
  • सच्चे हृदय के साथ पीपल के वृक्ष की तीन बार परिक्रमा करें।
  • पीपल के पेड़ से उसके कुछ पत्ते तोड़कर घर ले आएं और इनको गंगाजल से धो लें।
  • अब पानी में हल्दी डालकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें और दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से इस घोल को लेकर पीपल के पत्‍ते पर ह्रीं लिखें।
  • अब अपने घर के पूजास्थल पर इसे ले जाकर रखें और धूप-बत्ती आदि से इसकी पूजा करें।
  • अपने ईष्ट देव का ध्यान करते हुए प्रार्थना करें कि आपकी मनोकामना पूर्ण हो।
  • अगर आपके घर में पूजा स्थल ना हो तो किसी साफ स्थान पर चटाई बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं।
  • किसी साफ प्लेट में इस पत्ते को रखें और उसी प्रकार धूप बत्ती दिखाते हुए पूजा करें।

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