आज सोशल मीडिया वैश्विक स्तर पर होने के कारण सब कुछ वैश्विक हो गया है। सभी लोग सोशल मीडिया के द्वारा जानकारी प्राप्त कर अपने जीवन में अपना रहे हैं। ऐसे में आज एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से आचार्य ललित शर्मा सफलता के लिए 22 वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं जो की आध्यात्मिक और आर्थिक दोनों प्रकार की उन्नति के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
सफलता चाहे व्यापार की हो या नौकरी की सभी को सफल होने की आशा होती है। परंतु कुछ हमारे प्रारब्ध से जुड़े होते हैं जो हम पूर्व जन्म से लेकर आए हैं और कुछ वर्तमान में किए जाने वाले बदलाव के कारण हमें पीछे की ओर ले जाती हैं। आज इस विशेष ब्लॉग में हम आपको कुछ विशेष वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपके जीवन में सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं।
यह वास्तु टिप्स विशेषतौर पर उनलोगों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं जो लोग ऑनलाइन इंटरव्यू देने जा रहे हैं।
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सफलता के लिए 22 वास्तु टिप्स
आइए तो आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कुछ ऐसे वास्तु टिप्स जो सफलता के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं:
- व्यक्ति का घर चाहे छोटा हो या बड़ा निर्भर नहीं करता। लेकिन जैसे आप अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्नान आदि करते हैं ठीक उसी प्रकार आपके घर को स्वस्थ रखने के लिए नित्य सफाई बहुत जरूरी है। इस बात को भी सुनिश्चित करें कि घर में सभी सामान अपनी जगह उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए।
- आज सभी लोग आपातकालीन स्थिति के कारण नौकरी के लिए इंटरव्यू ऑनलाइन दे रहे हैं। ऐसे में यदि आप अपना इंटरव्यू ईस्ट या फिर नॉर्थईस्ट की तरफ चेहरा करके देते हैं तो उनको सफलता मिलने की संभावना और अधिक हो जाती है।
- इंटरव्यू के दौरान कभी भी गहरे रंग के वस्त्रों का उपयोग ना करें। जैसे काला रंग, लाल रंग आदि। मुमकिन हो तो हल्के रंगों का ही इस्तेमाल करें यह सौम्य होते हैं और आपके व्यवहार में सौम्यता लाते हैं। आप सभी जानते होंगे कि शनि ज्योतिष में नौकरी के कारक होते हैं। ऐसे में उसके लिए आप हल्के नीले रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं।
- इंटरव्यू देते समय आप अपनी टेबल को साफ सुथरा रखें और खाने-पीने की वस्तुएं जैसे बिस्कुट मिठाई अपनी टेबल पर रख सकते हैं। यदि संभव हो तो कंप्यूटर स्क्रीन पर नीला रंग का वॉलपेपर भी यूज कर सकते हैं। नीला रंग प्रेरक रंग होता है।
- इंटरव्यू देते समय सामने की दीवार खाली न हो, जब आप वहां बैठें यदि आपके सामने गणेश जी और सरस्वती की प्रतिमा हो तो बहुत ही अच्छा हैं।
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- अक्षय तृतीया के दिन आप अपने पर्स में पन्द्रिया यंत्र को भोजपत्र या किसी पुराने नोट पर लाल और हरे रंग से बनाकर अपने पर्स में रखें सकते हैं।
- ज्यादातर लोग इस आपातकालीन स्थिति में ऑनलाइन कोर्स के विकल्प को भी चुन रहे हैं। अगर आप किसी भी तरह के कोर्स को उत्तर या उत्तर पूर्व की दिशा में चेहरा कर करते हैं तो बिना किसी रूकावट के आप कोर्स पूरा कर लेंगे और आपकी जिज्ञासा बनी रहेगी। आप अपने कोर्स को अधूरा नहीं छोड़ेंगे। कोर्स करते समय ध्यान रहे आप सीधे बैठे और टेबल को साफ सुथरा रखें।
- अगर आपको अपनी जॉब बदलनी है तो अपने रिज्यूमे की हार्ड कॉपी को वायव्य कोण (नॉर्थवेस्ट) की डायरेक्शन में रखें। इससे आपकी प्रोफाइल सक्रिय होगी और आपके पास जॉब के ऑप्शन आने शुरू होंगे।
- पंचतत्वों से भी आपको सीखना होगा। हमारे पंच तत्व अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल, और आकाश आप पक्षियों और जानवरों से भी सीख सकते हैं। दत्तात्रेय मुनि के अनुसार हम प्रकृति को भी अपना गुरु बना सकते हैं। उदाहरण के लिए वृक्ष अपने पैरों से भोजन करते हैं। यहाँ हमने वृक्ष से सीखा भोजन के लिए पैरों का उपयोग कर्मशील रहा। हमें भी उसी प्रकार अपने कार्यों को पूरे विश्वास के साथ करना चाहिए।
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- स्वस्थ शरीर के लिए अच्छा भोजन करना श्रेष्ठ होता हैं। परन्तु यदि आपके घर में आग्नेय कोण में जलीय कार्य होता है तो आप अक्सर पेट की बीमारी से परेशान रहेंगे। जल के लिए उत्तर पूर्व या पूर्व कोण ही बेहतर हैं। याद रखिये अपने परिवार के सदस्यों की राय को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
- यदि आप बहुमंजिला इमारत में रहते हैं तो निश्चित है कि आप आकाश तत्व के प्रभाव में अधिक हैं। उसके लिए अपने घर में पेड़ पौधे लगाएं। पेड़ पौधों में कच्ची मिट्टी होती है जो पृथ्वी तत्व का संतुलन बनाकर रखती है।
- आप अपने घर के मुख्य द्वार को भी सुंदर बना कर रखें। मेन डोर टूटा फूटा या गंदा नहीं होना चाहिए। इससे आपके घर में समृद्धि नहीं आती। यदि संभव हो तो घर के मुख्य दरवाजे के दोनों और स्वास्तिक का चिन्ह बनाइए।
- घर में यदि कोई बंद घड़ी या खराब घड़ी है तो उन्हें तुरंत ठीक कीजिए। बंद घड़ी आपके भाग्य की वृद्धि में रुकावटें पैदा करेगी। साथ-साथ एक और बात यदि घर में कुछ ऐसा समान है जो काफी लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रहा है और ना ही उसके भविष्य में इस्तेमाल होने की संभावना है तो तुरंत उस सामान को हटा दीजिए। वह भी आपकी तरक्की के रास्तों में विघ्नकारक है।
- यदि आप अपने घर में अकेले कमाने वाले व्यक्ति हैं तो कोशिश कीजिए कि नैऋत्य (साउथ वेस्ट) कोण में और साउथवेस्ट की तरफ सिर करके सोए। जिससे ना केवल आपको अच्छी नींद मिलेगी बल्कि आप घर के सभी कार्यो को जिम्मेदारियां पूर्वक निभाएंगे।
- घर में कांटेदार पौधे या दूधाधारी वृक्ष (जिन पेड़ से दूध निकलता है) वह नहीं होने चाहिए। यह नकारात्मकता को दर्शाते हैं।
- अपने घर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए नित्य उत्तर पूर्व (नॉर्थईस्ट) की तरफ मुंह कर कर भगवान की उपासना कीजिए और वहां जल में सुगंधित पुष्पों का भी उपयोग कर सकते हैं। एक और बात ध्यान देने योग्य है प्रार्थना करते समय आसन का इस्तेमाल जरूर कीजिए।
- इस वैश्विक बीमारी कोरोना के समय बहुत से लोगों ने घर में ही ऑफिस बना लिये हैं, आकाश तत्त्व के अनुसार आपकी बैठने की जगह ऐसी होनी चाहिए जहां बाहर की रोशनी अच्छे से आती हो। ताजी हवा, रोशनी और पक्षियों के आवाजें आपके अंदर ऊर्जा और रचनात्मकता लाती हैं।
- घर या ऑफिस में रंगों का उपयोग सोच समझकर करें जैसे पूर्व में ताम्बा, आग्नेय में सफ़ेद और गुलाबी, दक्षिण में लाल और भूरा नैऋत्य में मिट्टी का कलर या धुऐं का रंग, पश्चिम में नीला वायव्य में सफ़ेद और अंत में पूर्व में हरा। सबसे सौम्य कलर हल्का क्रीम कलर होता है। इस कलर को अपने ऑफिस रूम में प्रयोग करें। आपके अंदर सकारात्मकता बनी रहेगी। इसका असर मैंने कई धार्मिक स्थलो में देखा हैं, वहां कभी भी गहरे रंगो का उपयोग नहीं करते।
- वित्त-संबंधी विषयों की बात करते हैं आज सभी लोगों को अधिक से अधिक धन की कामना होती है, सांसारिक दृष्टिकोण से यह जरूरी भी हैं, सबसे पहले आप लॉकर को साउथ वेस्ट (नैऋत्य कोण) इस प्रकार रखें की लॉकर का चेहरा नार्थ (पूर्व) की और खुले। एक अन्य बात आप इस दिशा में एक कांच का पात्र भी रख सकते हैं जिसमें समय-समय पर पीतल के 10 के और 5 के सिक्के एकत्रित कीजिए। यहां यह याद रखना होगा की भविष्य में इन्हीं सिक्कों से आपको कोई छोटी मोटी ज्वेलरी खरीदनी है।
- कार्य मेज की बात करें तो आपका चेहरा नॉर्थ (पूर्व) या नॉर्थ ईस्ट (उत्तर पूर्व) की तरफ होना चाहिए। टेबल दीवार से 3 इंच छोड़कर लगानी चाहिए। कार्य मेज आयताकार होनी चाहिए गोल आकार में नहीं होनी चाहिए। आजकल बहुत से लोग घर पर ही अपने आपको कंप्यूटर द्वारा प्रचलित करना चाहते हैं। यदि वह भी इसको अपनाते हैं तो उनके अंदर नयी रचनात्मकता आएगी और उर्जा का संचार बना रहेगा।
- अब बात करते हैं एक ऐसे दिन की जो बहुत मुख्य है। किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य करें। क्योंकि यह आपके कार्य की नीव हैं। जैसे मान लीजिए यदि किसी को भूमि पूजन करना है तो कुछ वर्जित काल है जिनका ध्यान रखना चाहिए। भूशयन काल, मलमास, होलाष्टक, पितृपक्ष, देवशयनी, वृष वास्तुदोष यह सब मध्यम श्रेणी के माने जाते हैं इन सब में अच्छे कार्य नहीं करते हैं।
- श्रेष्ठ कार्य के लिए आपको अच्छे मुहूर्त का विचार कर ही कार्य करना चाहिए। हिन्दू पंचांग के अनुसार शुक्लपक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी ,दशमी, एकादशी, द्वादशी, व त्रयोदशी को गृहप्रवेश के ख्याल से शुभ माना जाता है। मंगलवार को गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माना जाता है। रविवार और शनिवार को भी गृह प्रवेश के लिए विशेष परिस्थितियों में वर्जित माना माना जाता है।
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