22 अक्टूबर को बुध का एक अहम परिवर्तन हुआ था जब तुला राशि में बुध उदित हुए थे। अब 29 अक्टूबर को एक बार फिर बुध एक अहम परिवर्तन करते हुए वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का गोचर आम जन जीवन के साथ-साथ शेयर बाजार को भी प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।
अपने इस खास ब्लॉग में जान लेते हैं बुध का वृश्चिक राशि में गोचर कब होगा, इसका क्या प्रभाव रहने वाला है, सभी 12 राशियों पर क्या असर पड़ेगा, साथ ही जानेंगे कि शेयर बाजार पर इसका क्या कुछ असर पड़ने की संभावना है।
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एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम जानेंगे कि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा। ऐसे में जिन भी राशियों पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है उनसे संबंधित हम आपको कुछ विशेष उपायों की भी जानकारी प्रदान करेंगे जिन्हें अपना कर आप बुध के नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से कम या दूर कर सकते हैं।
तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं बुध का वृश्चिक राशि में गोचर का समय क्या रहने वाला है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
ग्रहों के राजकुमार बुध 29 अक्टूबर 2024 मंगलवार को तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएगा। बुध ग्रह के गोचर की अवधि की बात करें तो यह तकरीबन एक राशि में तकरीबन तीन सप्ताह तक रहता है। बुध वृश्चिक राशि में 29 अक्टूबर 2024 को रात 10:24 पर गोचर करने वाला है।
बुध महाराज 29 अक्टूबर 2024 की रात 10 बजकर 24 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
अधिक जानकारी: गोचर फल जानने और समझने से पहले हम आपको इस बात की जानकारी दे दें कि बुध गोचर 2024 प्रत्येक राशि के लिए अलग-अलग परिणाम लेकर आएगा क्योंकि वृश्चिक राशि विभिन्न राशियों की जन्म कुंडली में अलग-अलग भावों में होती है। इसके अलावा यहां यह बात महत्वपूर्ण तौर पर समझने की आवश्यकता है कि बुध गोचर का प्रभाव किसी की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर अलग हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति उस ग्रह की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर्दशादशा से गुजर रहा है तो भी इसके प्रभाव में अंतर नजर आ सकते हैं। अगर किसी की कुंडली में बुध की कोई दशा चल रही है तो वृश्चिक राशि में बुध का यह गोचर उनको बेहतर परिणाम देने वाला साबित हो सकता है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर
बुध एक द्वैतवादी ग्रह माना जाता है और जब यह वृश्चिक राशि में गोचर करता है अर्थात वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है तो यह दर्शाता है कि आप मंगल के योद्धा या लड़ाकू गुणों को अपनाएंगे। जहां आप दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतियों का सामना करेंगे और बाधाओं के बावजूद विजय होने के दृष्टिकोण के साथ अपने पेशेवर काम को पूरा करने के रचनात्मक साधन ढूंढ पाएंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें वृश्चिक राशि मंगल द्वारा शासित राशि मानी जाती है। जब बुध वृश्चिक राशि में वक्री होते हैं तो यह संचार और प्रौद्योगिकी कौशल में चुनौतियां लेकर आ सकते हैं जिससे आप किसी भी स्थिति या रिश्ते के प्रति भावनात्मक रूप से प्रतिक्रियाशील हो सकते हैं।
वृश्चिक राशि में बुध के गोचर के स्वरूप आप अपनी महत्वाकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे क्योंकि आप अपनी बढ़ी हुई भौतिक क्षमताओं और आत्मविश्वास के साथ अपने सपने को पूरा करने का प्रयास करते नजर आएंगे। इस गोचर के दौरान बाधाओं को दूर करने में आपको कामयाबी मिलेगी लेकिन वृश्चिक राशि में बुध के वक्री होने से व्यक्ति को मौजूदा व्यवसाय में कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वृश्चिक राशि में बुध दर्शाता है कि आपको व्यक्तिगत मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके पार्टनर या जीवनसाथी से आपके कुछ मतभेद हो सकते हैं। बुध के वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आप व्यावसायिक भागीदार, सहकर्मी या प्रियजनों से सलाह या वित्तीय सलाह प्राप्त करेंगे जो आपको प्रगति के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा। आपको अपने विचारों को क्रियान्वित करने के तरीकों के साथ-साथ दूसरों के साथ अपने संचार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पड़ेगी ताकि एक ठोस आकार आपके जीवन में मिल सके जिससे आपको जीवन में प्रगतिशील परिणाम निश्चित तौर पर प्राप्त होंगे।
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वृश्चिक राशि में बुध के गोचर के परिणाम स्वरुप आपका ध्यान सभी संसाधनों की ओर बढ़ेगा। बुध जैसा कि हमने पहले भी बताया कि एक द्वैतवादी ग्रह माना जाता है और बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपकी सोचने की क्षमता को बढ़ाने वाला साबित होगा, आपकी बुद्धि मजबूत बनेगी और आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि नजर आएगी। आप अपने जीवन में आने वाली हर चुनौती का मुकाबला करने और उन पर विजय पाने में कामयाब रहेंगे।
वृश्चिक राशि को राशि चक्र में योद्धा के रूप में दर्शाया जाता है इसीलिए इस राशि के जातकों को इस बारे में चिंता करने की बजाय हमेशा अपने तरीकों के बारे में सोचना होगा कि क्या आप हर काम को लेकर तनावग्रस्त हो रहे हैं जिससे आपको नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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वैदिक ज्योतिष में बुध और उसकी भूमिका
ज्योतिष में बुध को संदेश वाहक ग्रह माना गया है जो संचार, यात्रा, प्रौद्योगिकी और हमारी दैनिक दिनचर्या जैसे क्षेत्रों को नियंत्रित करता है। यह इस बात को प्रभावित करता है कि हम जानकारी को कैसे संसाधित करते हैं और अपने विचारों को किस तरह से व्यक्त करते हैं। जब बुध वृश्चिक राशि में मौजूद होता है तो संचार ज्यादा प्रत्यक्ष और तीव्र हो जाता है।
वृश्चिक राशि में बुध के गोचर के दौरान गहरी बातचीत, छिपी सच्चाई को उजागर करने और रहस्यों को सुलझाने के लिए एक आदर्श समय साबित होता है। यह गोचर लोगों को ज्यादा अंतर दृष्टि पूर्ण बन सकता है लेकिन अगर आपका संचार बहुत कठोर या फिर शांत स्वभाव का है तो यह गलतफहमी भी पैदा कर सकता है। इस अवधि के दौरान हम खुद को कैसे व्यक्त करते हैं इसका महत्वपूर्ण ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है।
बुध के वृश्चिक राशि में गोचर के प्रमुख ज्योतिषीय बिंदु
- गहन बातचीत और भावनात्मक तीव्रता- वृश्चिक राशि में बुध गोचर के दौरान संचार ज्यादा त्वरित और सार्थक नजर आता है। यह गोचर हमें उन चीजों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो आमतौर पर हमें और असुविधाजनक लग सकती है। ऐसे में लंबे समय से चले आ रहे भावनात्मक मुद्दों को सुलझाने और दिल से दिल की बातचीत करने के लिए यह एक अच्छा समय साबित होता है।
- उन्नत अंतर ज्ञान और समस्या समाधान- वृश्चिक अपनी मजबूत सहज क्षमता क्षमताओं के लिए जाना जाता है और जब बुध की विश्लेषणात्मक प्रकृति के साथ यह जुड़ता है तो यह गोचर हमारी इस प्रगति को और भी बढ़ा सकता है। इस अवधि के दौरान आपका दिमाग तेज हो जाता है जिससे आप जीवन में छुपे हुए मुद्दों को समझने में कामयाब हो सकते हैं।
- छुपी हुए शक्ति का अनावरण- वृश्चिक एक ऐसी राशि है जो अज्ञात में गहराई तक जाने में संकोच नहीं करती है। वृश्चिक राशि में बुध का गोचर रहस्य और छुपी हुई सच्चाई को उजागर करने का एक शानदार समय साबित होता है।
- संचार के माध्यम से परिवर्तन- वृश्चिक परिवर्तन का संकेत है और इस गोचर के दौरान आपके संवाद करने का तरीका बदल सकता है। आप स्वयं को अधिक स्पष्ट, प्रत्यक्षता और तीव्रता के साथ अपनी बात रखते हुए देख सकते हैं। यह गोचर ईमानदार और खुले संचार के माध्यम से रिश्तों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी सहायक साबित होता है।
- अनुसंधान और जांच का समय- वृश्चिक राशि में बुध के साथ रहना अनुसंधान और जांच पर अतिरिक्त छोड़ दिया जाता है। अगर आप किसी ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसके लिए गहन विश्लेषण या जटिल विषयों की गहराई की आवश्यकता है तो यह गोचर आपके लिए अनुकूल समय साबित हो सकता है।
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आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध का वृश्चिक राशि में गोचर सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करने वाला है और आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बुध वृश्चिक राशि में 29 अक्टूबर 2024 को रात 10:24 पर गोचर करने वाला है।
बुध का गोचर आम तौर पर तीन सप्ताह की अवधि के लिए होता है अर्थात तकरीबन 3 सप्ताह की अवधि के बाद बुध ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर लेता है।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भगवती तारा या माता शैलपुत्री को कुलदेवी माना गया है।
मंगल ग्रह के पास वृश्चिक राशि का स्वामित्व होता है।
वृश्चिक राशि वालों की ताकत उनके जुनून, वफादारी और दृढ़ संकल्प में निहित होती है।