सूर्य देव का कर्क में प्रवेश- इन राशियों की चमकेगी किस्मत, नई नौकरी के साथ धन लाभ के योग!

16 जुलाई 2024 को सूर्य ग्रह का कर्क राशि में गोचर हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में जहां एक तरफ सूर्य ग्रह को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास और सरकारी नौकरी, पिता आदि का कारक माना जाता है वहीं कर्क राशि की बात करें तो इस पर चंद्र ग्रह का आधिपत्य होता है और सूर्य और चंद्रमा के बीच मित्रता का भाव होता है। 

ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि सूर्य देव अपने मित्र चंद्र की राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जहां कुछ राशियों को इस गोचर के अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे वहीं कुछ राशियों को उसके प्रतिकूल परिणाम भी झेलने को मिलेंगे। कौन सी हैं ये राशियाँ जानेंगे इस ब्लॉग के माध्यम से लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं क्या रहेगा सूर्य के कर्क राशि में गोचर का समय।

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सूर्य का कर्क राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?

सबसे पहले बात करें कर्क राशि में होने वाले सूर्य की इस गोचर के समय की तो, सूर्य का ये गोचर 16 जुलाई को 11 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा। इसके बाद 16 अगस्त तक सूर्य इसी राशि में रहने वाले हैं और फिर सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे। 

यहाँ ये देखना दिलचस्प रहेगा कि कर्क राशि में होने वाले सूर्य के इस गोचर की अवधि में तीन ग्रहों की महत्वपूर्ण युति होने वाली है। दरअसल 29 जून को बुध का राशि में गोचर हुआ था इसके बाद 7 जुलाई को शुक्र का कर्क राशि में गोचर हुआ और 11 जुलाई को शुक्र कर्क राशि में ही उदित भी हो गए और अब 16 जुलाई को जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे तो इस दौरान कर्क राशि में बुध, शुक्र और सूर्य की युति होने वाली है जिसका निश्चित तौर पर सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा। 

आज का गोचर

आपकी राशि को तीन शुभ महत्वपूर्ण ग्रहों की ये युति किस तरह से प्रभावित करेगी यह जानने के लिए आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श ले सकते हैं।

सूर्य का कर्क राशि में गोचर- प्रभाव

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि कर्क राशि में सूर्य, बुध और शुक्र की युति होने वाली है। ऐसे में बात करें इस युति के अर्थ और प्रभाव की तो जहां एक तरफ सूर्य ग्रह को आत्मा, अहंकार, आत्म सम्मान, पिता का कारक ग्रह माना जाता है वहीं बुध ग्रह संचार, कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, तार्किक सोच का प्रतिनिधित्व करता है और तीसरा ग्रह अर्थात शुक्र ग्रह प्रेम, विलासिता और विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही पुरुषों के लिए शुक्र पत्नी भी दर्शाता है। 

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में इन तीनों ग्रहों की युति होती है तो ऐसे व्यक्ति एक आकर्षक स्वभाव के  मिलनसार व्यक्तित्व वाले होते हैं जो किसी भी प्रकार के संचार में शामिल होना पसंद करते हैं। ऐसे व्यक्ति को अपनी रचनात्मकता वाले कार्यों में काम करना अच्छा लगता है। ऐसे व्यक्तियों की रचनात्मकता उन्हें जीवन में अधिकार और आत्मविश्वास प्रदान करती है। 

जब सूर्य सूर्य, बुध, शुक्र युति में सबसे कम डिग्री पर हो तो ऐसे लोग सबसे अधिक अभिव्यक्ति शील होते हैं। 

अगर सूर्य, बुध, शुक्र की युति में बुध सबसे कम डिग्री पर हो तो इससे संचार, बुद्धि का तत्व महत्वपूर्ण हो जाता है। 

अगर इन तीनों ग्रहों की युति में शुक्र सबसे नीचे डिग्री पर हो तो ऐसे व्यक्ति के अंदर सौंदर्य कला और रचनात्मक की अधिक तलाश रहती है। 

इसके अलावा अगर युति में बुध और शुक्र दोनों सूर्य के करीब हों और अस्त हो तो भाई बहनों, मित्र या जीवनसाथी के साथ रिश्ते अच्छे नहीं होते हैं।

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सूर्य का गोचर 

बात करें सूर्य के गोचर की तो सूर्य का एक गोचर अर्थात एक राशि में उनका रहना तकरीबन 1 महीने की अवधि के लिए होता है और इसके बाद सूर्य दूसरी राशि में प्रवेश कर जाता है। सूर्य के गोचर को संक्रांति के नाम से जानते हैं। ऐसे में सूर्य जब कर्क राशि में गोचर करेगा तो इसे कर्क संक्रांति के नाम से जाना जाएगा।

सूर्य ग्रह और कर्क राशि 

कर्क राशि में सूर्य के होने के प्रभाव की बात करें तो ऐसे में व्यक्ति का मन निर्णय लेने में स्थिर नहीं होता है। ऐसे व्यक्ति सदाचारी होते हैं और नियमों और विनियमों का पालन करते हैं, ऐसे लोग सामान्य होते हैं और उनके अंदर राजसी गुण देखने को मिलते हैं, जीवन साथी और अपने पैतृक परिवार के सदस्यों के साथ उनके रिश्ते सामंजस्य पूर्ण नहीं होते हैं। 

ऐसे जातकों को कफ और पित्त से संबंधित परेशानियां हो सकती है। कर्क राशि में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति के आसपास के लोगों के मन और भावनाओं से प्रेरित होते हैं क्योंकि आप भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। आपको अपनी मानसिक शक्ति बढ़ाने में परेशानी हो सकती है और आप बेहद ही नवीन और रचनात्मक स्वभाव के होते हैं।

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कुंडली में पीड़ित सूर्य और उपाय 

स्वाभाविक है कि सूर्य ग्रह का ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में नहीं होता है तो ज्योतिष के जानकारी उन्हें सूर्य से संबंध कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं। 

नोट: यहां हम जो भी उपाय प्रदान कर रहे हैं वो लाल किताब पर आधारित हैं। 

  • सूर्य को मजबूत करने के लिए गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करें और गुड़ का सेवन न करें। 
  • अगर आपकी कुंडली में सूर्य दोष मौजूद है तो नियमित रूप से प्रातः काल उठकर आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। कुंडली में सूर्य की स्थिति जानने के लिए आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न कर सकते हैं। 
  • अगर आपकी कुंडली में सूर्य दोष है तो रोज उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल दें। 
  • अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच का है तो रविवार के दिन मछलियों को आटे की गोली बनाकर खिलाएं। ऐसा करने से सूर्य के अशुभ प्रभाव तो कम होंगे ही साथ ही धन वृद्धि के योग भी बनने लगेंगे।

सूर्य का कर्क राशि में गोचर- प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी है और चतुर्थ भाव में गोचर करने जा रहा है…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी है और आपके तृतीय भाव में गोचर करने जा …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तृतीय भाव का स्वामी है और आपके द्वितीय भाव में गोचर करने …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे घर का स्वामी है और आपके पहले घर में गोचर करने वाला है …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव का स्वामी होकर आपके बारहवें घर में गोचर करने जा …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी है और आपकी ग्यारहवें घर में गोचर करने …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके दसवें भाव में गोचर करने जा …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी होकर आपके नवम भाव में गोचर करने जा…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नवम भाव का स्वामी है और आपके अष्टम भाव में गोचर करने जा …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी है और आपके सप्तम भाव में गोचर करने …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी है और आपके छठे भाव में गोचर करने वाला …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी है और आपके पंचम भाव में गोचर करने वाला …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: सूर्य का कर्क राशि में गोचर कब होगा? 

उत्तर: सूर्य 16 जुलाई को 11:08 पर अपने मित्र की राशि कर्क में गोचर कर जाएंगे। 

प्रश्न 2: सूर्य के इस गोचर से किन ग्रहों की युति होगी? 

उत्तर: सूर्य के कर्क राशि में गोचर से बुध, शुक्र और सूर्य की युति होने जा रही है।  

प्रश्न 3: सूर्य ग्रह को ज्योतिष में किसका कारक माना गया है?

उत्तर: वैदिक ज्योतिष में सूर्य को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास और सरकारी नौकरी का कारक माना जाता है।  

प्रश्न 4: कर्क राशि पर किस ग्रह का आधिपत्य होता है?

उत्तर: कर्क राशि पर चंद्रमा का आधिपत्य होता है।

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