सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में सूर्य को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। माना जाता है कि सूर्य के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना भी नामुमकिन है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जब सूर्य का कोई भी परिवर्तन होता है तो उसे भी महत्वपूर्ण ही माना जाता है। इसी कड़ी में आज अपने इस विशेष ब्लॉग में हम बात कर रहे हैं जल्द होने वाले सूर्य के गोचर की।
दरअसल मई के महीने में सूर्य का वृषभ राशि में गोचर होने जा रहा है और अपने इस खास ब्लॉग में हम इसी बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे इसका सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और सूर्य के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किया जा सकते हैं। इसकी जानकारी भी आपको इस लेख के माध्यम से दी जा रही है। तो चलिए बिना देरी किए हुए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं सूर्य के वृषभ राशि में गोचर का समय क्या रहेगा।
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सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात करें सूर्य के इस गोचर के समय की तो ऊर्जा और आत्मा का कारक माने जाने वाला सूर्य ग्रह 14 मई 2024 को शाम 5:41 पर होगा जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएगा।
ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रह को मंत्रिमंडल में राजा की उपाधि दी गई है। ज्योतिष में सूर्य देव को मान, सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता से जोड़कर देखा जाता है। राशियों में सिंह राशि का स्वामित्व सूर्य देव के पास होता है। इसके अलावा मेष और तुला सूर्य की क्रमशः उच्च और नीच के माने गए हैं।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में सूर्य देव उच्च के हों या मजबूत स्थान पर मजबूत स्थिति में हों ऐसे जातक करियर में अच्छी सफलता हासिल करते हैं, समाज में मान सम्मान हासिल करते हैं, इन्हें तमाम तरह के लाभ मिलते हैं, प्रशासनिक लाभ मिलते हैं, उनकी सेहत उत्तम रहती है, साथ ही उनके पिता के साथ उनके रिश्ते बेहद ही शानदार होते हैं।
वहीं इसके विपरीत अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर है या फिर पीड़ित अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों को दिल और आंख से संबंधित बीमारियां झेलनी पड़ती है, पित्त और हड्डियों की परेशानियां भी इन्हें दिक्कत में डालती है, ऐसी स्थिति में सूर्य ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय किए जाने की सलाह दी जाती है।
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कमजोर सूर्य के लक्षण और उपाय
ज्योतिष में माना जाता है कि जब भी कोई ग्रह कुंडली में कमजोर अवस्था में होता है तो वह व्यक्ति को तमाम तरह के लक्षण देता है जिसे समझ कर अगर आप भी अपने जीवन में उस ग्रह से संबंधित उपाय कर लें तो उस ग्रह के दुष्परिणाम आपको झेलने नहीं पड़ेंगे। बात करें सूर्य ग्रहण के कमजोर होने के लक्षणों की तो,
- जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों के मान सम्मान में कमी आने लगती है। बेवजह समाज में इनका नाम खराब होने लगता है।
- सरकारी नौकरी के लिए चाहे जितना भी प्रयत्न करें इन्हें सफलता नहीं मिल पाती है।
- इन जातकों के अपने पिता के साथ रिश्ता बिगड़ने लगते हैं।
- इसके अलावा कहा जाता है कि जब कुंडली में सूर्य पीड़ित अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों को पितृ दोष जैसे जटिल दोष का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार जातकों को सूर्य से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय जानने से पहले आइये समझ लेते हैं पितृ दोष आखिर क्या होता है?
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क्या होता है पितृ दोष?
पितृ दोष का अर्थ समझना है तो इसका नाम ही काफी है। दरअसल पितृ शब्द का अर्थ होता है पूर्वज और दोष अर्थात नकारात्मक कर्म। ऐसे में पितृ दोष का मतलब होता है पूर्वजों के लिए व्यक्ति से जाने-अनजाने में किए गए ऐसे काम जिससे पूर्वजों को अच्छा नहीं लगा हो। ऐसे कार्य से जो दोष उत्पन्न होता है उसे पितृ दोष कहते हैं। ऐसे में इस दोष का अर्थ होता है कि जब व्यक्ति के पूर्वज उसे किसी बात को लेकर दुखी होते हैं।
जन्म कुंडली में कई संकेत होते हैं जो बताते हैं कि व्यक्ति को पितृ दोष है जैसे कि,
- अगर सूर्य, चंद्रमा और राहु नवम घर में स्थित है तो कहा जाता है कि व्यक्ति को पितृ दोष लगता है।
- कुंडली के चतुर्थ भाव में केतु स्थित हो तो भी पितृ दोष के निशानी है।
- अगर सूर्य, चंद्रमा राहु या केतु मंगल या शनि जैसे अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो तो यह भी पितृ दोष के संकेत होते हैं।
- इसके अलावा जब किसी व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष का साया पड़ता है तो उसके घर परिवार में गलतफहमियां और झगड़े बढ़ जाते हैं, आर्थिक परेशानियां होने लगते हैं, पुरानी बीमारियां और स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां बढ़ने लगती हैं, करियर में बेवजह की रुकावटें आने लगती हैं, मानसिक स्वास्थ्य गिरने लगता है, ऐसी स्थिति में भी कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है।
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सूर्य को मजबूत करने और पितृ दोष को दूर करने के कारगर उपाय
- तांबे का बर्तन, पीले या लाल रंग के वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन का दान करें।
- रविवार के दिन व्रत रखें।
- सूर्य देव को रोजाना स्नान करने के बाद अर्घ्य दें।
- आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
- पितृ तर्पण करें।
- अपने पूर्वजों का आशीर्वाद लें और उनसे किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगे।
- पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को नियमित रूप से भोजन अर्पित करें।
- दिन में काम से कम 11 बार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्र का जाप करें।
- योग और ध्यान करें।
- हालांकि इसके अलावा आप चाहें तो सूर्य ग्रह को मजबूत करने या फिर पितृ दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आप व्यक्तिगत उपचार और सलाह भी किसी ज्योतिषी से प्राप्त कर सकते हैं ।
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सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि मई के महीने में होने वाला सूर्य का यह गोचर वृषभ राशि के साथ-साथ अन्य सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा। इसके अलावा हम आपको यहां पर राशि अनुसार उपायों की जानकारी भी दे रहे हैं जिन्हें अपना कर आप इस गोचर से मिलने वाले नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके पांचवें भाव यानी कि मनोरंजन, संतान, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके चौथे भाव यानी कि सुख, भूमि, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके तीसरे भाव यानी कि बल, भाई-बहन, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके दूसरे भाव यानी कि धन, अभिव्यक्ति और परिवार …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए सूर्य लग्न भाव का स्वामी है और इसका गोचर सिंह राशि के जातकों…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके बारहवें भाव यानी कि व्यय, मोक्ष और विदेश यात्रा …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव का…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके नौवें भाव यानी कि धर्म और भाग्य …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके आठवें भाव यानी कि रहस्य, रहस्य विज्ञान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके सातवें भाव यानी कि वैवाहिक सुख, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके छठे भाव यानी कि विवाद, प्रतिस्पर्धा और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. वैदिक ज्योतिष में वृषभ राशि में सूर्य की स्थिति को सकारात्मक नहीं माना जाता है क्योंकि वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं और यह सूर्य के शत्रु ग्रह हैं।
उत्तर 2. शुक्र ग्रह की स्वामी आराध्य मां दुर्गा होती है। इस वजह से वृषभ और तुला राशि के इष्ट देव मां दुर्गा है।
उत्तर 3. प्रतिदिन सुबह तांबे के बर्तन से सूर्य को जल चढ़ाना सूर्य को मजबूत करने का एक शक्तिशाली उपाय है।
उत्तर 4. वृषभ राशि के लोग ऊर्जा व साहस से भरे होते हैं।