ज्योतिष में नवग्रह शांति के लिए लाल किताब के घरेलू उपाय दिए गए हैं। लाल किताब के घरेलू उपाय अधिक लोकप्रिय और अधिक चलन में हैं। इसकी मुख्य वज़ह इन उपायों की सरलता और सुगमता है। इसके साथ ही आर्थिक रूप से भी ये उपाय बहुत ही कम ख़र्चीलें हैं। अतः कोई भी व्यक्ति लाल किताब के टोटकों को आसानी से कर सकता है और इसके लिए उसे धन ख़र्च करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। इस लेख में हम न केवल लाल किताब के घरेलू उपाय के बारे में जानेंगे बल्कि लाल किताब की पृष्ठभूमि पर भी नज़र डालेंगे। तो चलिए जानते हैं लाल किताब के बारे में कुछ रोचक बातें :-
ज्योतिष में लाल किताब
अक्सर हमें यह बात सुनने को मिलती हैं कि किस्मत में लिखे को कौन बदल सकता है? परंतु यदि हम वेदों और शास्त्रों पर लिखी बातों को पढ़ें तो यह सिद्ध हो जाता है कि भगवान को भी अपनी लिखी हुई बातों को बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। इससे यह सिद्ध होता है कि यदि व्यक्ति सही और सोच समझकर कर्म करे और ग्रहों से संबंधित उपाय को अपनाए तो वह ग्रहों को अपने अनुकूल भी बना सकता है। इसलिए ज्योतिष में नवग्रह शांति के उपायों का महत्व है।
लाल किताब ज्योतिष की विभिन्न पद्धतियों पाराशरी, जैमिनी, ताजिक, पाश्चात्य, कृष्णमूर्ति एवं नाड़ी में से एक है। यह हिन्दू ज्योतिष या वैदिक ज्योतिष से भिन्न है। हालाँकि यह किताब वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें ज्योतिष विज्ञान और गणित का मिश्रण है। जैसा कि हम जानते हैं कि लाल किताब नवग्रह शांति के उपाय के लिए अधिक प्रसिद्ध है। इसलिए कुछ लोग लाल किताब के उपायों को टोटका भी कहते हैं। हालांकि टोटका और उपाय के बीच में अंतर है। टोटका को अपनाने से व्यक्ति को लाभ-हानि दोनों हो सकते हैं। परंतु उपाय टोटका से अधिक तर्क संगत और वैज्ञानिक होता है।
लाल किताब का इतिहास
जैसा कि हम जानते हैं कि हिन्दू ज्योतिष वेद का अंग है। इसलिए इसे वैदिक ज्योतिष कहा जाता है। अर्थात वैदिक काल से ही भारत वर्ष में ज्योतिष विद्या का प्रचलन है। लेकिन लाल किताब का इतिहास बहुत अधिक पुराना नहीं है। साक्ष्यों के अनुसार, साल 1952 में लाल किताब प्रकाशित हुई थी। इस किताब को पंजाब प्रांत में स्थित जालंधर शहर के निवासी पंडित रूप चंद जोशी ने लिखा था। वे ऊर्दू भाषा के अच्छे ज्ञाता थे। इसलिए लाल किताब की भाषा भी ऊर्दू है।
ज्योतिष के विद्वानों का मानना है कि लाल किताब में रेखा ज्ञान को बड़े ही सरल तरीक़े से समझाया गया है। इसमें मनुष्य के मस्तिष्क का नक्शा हाथों में दिखाया गया है। इसलिए हस्तरेखा ज्ञान रखने वाला व्यक्ति यह समझ सकता है कि उस व्यक्ति के टेवा (जन्म कुंडली) के किस खाने (भाव) में कौनसा ग्रह स्थित होगा। जन्म लग्न का भी पता हस्त रेखा सिद्धांत से ज्ञात किया जा सकता है।
लाल किताब और वैदिक ज्योतिष में अंतर
लाल किताब और वैदिक ज्योतिष दोनों का संबंध ज्योतिषीय गणना से है। जिसमें ग्रहों की चाल, नक्षत्र व ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करने के पश्चात मनुष्य जीवन पर उनका प्रभाव राशिफल के रूप बताया जाता है। दोनों में ही ग्रह शांति के लिए भिन्न-भिन्न उपाय भी बताए जाते हैं। परंतु लाल किताब और वैदिक ज्योतिष में अंतर पाया जाता है। सबसे बड़ा अंतर इसकी भाषा में है। वैदिक ज्योतिष संस्कृत भाषा में है, जबकि लाल किताब की भाषा ऊर्दू है। इसलिए लाल किताब में जन्म कुंडली को टेवा कहा जाता है। जबकि भाव को खाना कहते हैं।
वैदिक ज्योतिष में ग्रह शांति के उपाय में मंत्र, नवग्रह यंत्र, यज्ञ, हवन, पूजा-पाठ करने ज़रुरी समझे जाते हैं। परंतु लाल किताब में ऐसा नहीं है। लाल किताब के उपाय घरेलू उपाय हैं, जिन्हें करके व्यक्ति अपने ऊपर आने वाले संकटों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। लाल किताब में जादू, टोना, ताबीज, जंतर-मंतर आदि को अच्छा नहीं माना गया है।
दूसरी ओर, लाल किताब में खाने में राशि स्थिर होती हैं। जबकि वैदिक ज्योतिष में भाव स्थिर होते हैं परंतु उनमें राशियाँ परिवर्तित हो सकती हैं। उदाहरण के लिए वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति की जन्म के समय उदित राशि कर्क है तो वह राशि उसके लग्न भाव में स्थित होगी। परंतु लाल किताब में पहले खाने में मेष राशि ही लिखी जाती है। लाल किताब में पहला भाव मेष राशि का पक्का घर है। इसके अलावा भी इसमें प्रयोग की जाने वाली शब्दावली भी वैदिक ज्योतिष से भिन्न है।
ज्योतिष में लाल किताब के उपाय का महत्व क्यों है?
भारत विभिन्न धर्मों के लिए आस्था का केन्द्र रहा है। इसलिए यहाँ के लोगों का धर्म, आध्यात्म और ज्योतिष जैसे विषयों में अटूट विश्वास रहा है। लोग देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए तरह-तरह के पूजा-पाठ करते हैं। ऐसे ही नवग्रह की शांति के लिए ज्योतिष में उपाय किए जाते हैं। ज्योतिष में लाल किताब के उपाय सरल और बेहद कारगर होते हैं। लोगों को इन्हें करने में किसी तरह कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए ज्योतिष में लाल किताब के घरेलू उपाय का महत्व बहुत अधिक है।
व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएँ, चुनौतियाँ और बाधाएँ आती हैं। इसमें आर्थिक, पारिवारिक, निजी, व्यापार, विवाह, नौकरी आदि से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। इनसे निपटने के लिए वह तरह-तरह के जतन करता है। लाल किताब के आसान उपाय व्यक्ति के इन संकटों को दूर करते हैं। इसके लिए उसे बस लाल किताब में बताए गए सरल उपाय को करना होता है। इस लेख हम में आगे जानेंगे की लाल किताब के उपाय कितने आसान और कारगर हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी क्षेत्र में जटिलता की बजाय सरलता को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। जो चीज़ आसान और सरल होती हैं उन्हें हाथों-हाथ लिया जाता है। इसलिए ज्योतिष में लाल किताब के टोटकों को ख़ूब आज़माया जाता है।
सावधानियाँ
लाल किताब के घरेलू उपाय को लेकर कुछ सावधानियाँ बरती जानी आवश्यक हैं, जो निम्नलिखित हैं :-
- यदि किसी जातक के टेवा में शनि नौवें खाने में हो तो शनि से संबंधित मशीनें न ख़रीदें
- शनि ग्यारहवें या बारहवें भाव में हो तो शराब, मांस, अंडे आदि से पहरेज़ करें
- घर आए व्यक्ति की सेवा से पीछे न हटें
- ख़ुशामद करने वाले लोगों से सदैव दूर रहें
- मित्रों और भाई-बंधुओं को कभी भी धोखा न दें
- बुरे कर्म, बुरी भाषा और झूठ बोलने से परहेज़ करें
- अपने चरित्र पर किसी प्रकार की आँच न आनें दें
- बुजुर्ग महिलाओं का अपमान न करें
- अवैध संबंधों से दूर रहें
- असहाय और दिव्यांग लोगों का कभी भी उपहास न करें
- पत्नी या स्त्री को वस्तु न समझें
- अकड़बाज़ी से काम न लें
- ईश्वर की आराधना करना न भूलें
- मुफ्त की चीज़ न लें
लाल किताब के आसान टोटके
- चाँदी का सिक्का सदैव अपने पास रखें
- चलते दरिया (बहते हुए पानी) में राहु की वस्तुओं को बहाएँ
- गंगा स्नान करें
- काले कुत्ते को पालें अथवा उसे खाना खिलाएँ
- अंधे लोगों का सहारा बनें
- भ्रष्टाचार से सदैव दूर रहें
- निर्धन व्यक्ति की आर्थिक रूप से सहायता करें
- वृद्ध एवं लाचार व्यक्तियों की सहायता करें
- पिता एवं पुरोहित का सम्मान करें
लाल किताब के घरेलू उपाय
- पति-पत्नी में से किसी एक को गुड़ से परहेज करना चाहिए
- लोहे का छल्ला अथवा कड़ा पहनना लाभदायक रहेगा
- माथे पर केसर या हल्दी का तिलक लगाएँ
- कानों में सोने की बाली पहनें
- दूध में केसर मिलाकर पीएँ
- माँ का आशीर्वाद सदैव लें और चावल-दूध का दान करें
- दूसरों के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करें
- पुत्र सुख के लिए भूमि में सौंफ दबाएँ
- घर में चाँदी की थाली शुभ होगी
- दरिया में पैसे डालें
- ज़रुरतमंद लोगों को जल व दूध पिलाएँ
ज्योतिष की अहम पुस्तक लाल किताब में दिए गए सरल उपाय या यूँ कहें कि आसान टोटकों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह लेख लिखा गया है। ताकि लाल किताब के घरेलू उपाय को अपना कर लोग इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। निश्चित ही इन आसान उपायों की मदद से लोगों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। हम आशा करते हैं कि जिस उद्देश्य से यह लेख लिखा गया है उसमें हमें सफलता मिलेगी।
yass
Ghr bnega/khridenge ya nhi….agr hoga to kb tak……
Nokary ke bare me Janna h
Ashok Kumar