वृश्चिक राशि में ग्रहों के राजकुमार का गोचर: सभी बारह राशियों को करेगा प्रभावित!

दिसंबर के महीने में 28 तारीख को बुद्धि के ग्रह बुध का गोचर होने वाला है। इस दौरान बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। आज अपने इस खास ब्लॉग में हम इसी विषय पर बात करेंगे। साथ ही जानेंगे बुध के इस महत्वपूर्ण गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या कुछ प्रभाव देखने को मिलेगा और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आप अपनी राशि अनुसार क्या कुछ उपाय कर सकते हैं, इसकी जानकारी भी हम आपको यहां प्रदान कर रहे हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत नहीं है तो आपको क्या कुछ उपाय करके इसे मजबूत करना चाहिए इसकी जानकारी भी आपको यहां दी जा रही है। आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं बुध के इस महत्वपूर्ण गोचर का समय क्या रहने वाला है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: क्या रहेगा समय? 

वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि और विकास का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण ग्रह अपनी वक्री अवस्था में 28 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 07 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएगा। 

इसके बाद बुध 2 जनवरी 2024 को अपनी चाल में परिवर्तन करते हुए और 7 जनवरी को राशि परिवर्तन करते हुए धनु राशि में गोचर कर जाएगा। ऐसे में जानना दिलचस्प होगा कि बेहद ही कम समय के लिए होने वाले इस गोचर के दौरान बुध सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करने वाला है।

सभी 12 राशियों पर बुध के इस गोचर का प्रभाव जानने से पहले चलिए जान लेते हैं बुध ग्रह और उसके गोचर से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प और रोचक जानकारियां।

ज्योतिष में बुध ग्रह 

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है अर्थात यह अन्य ग्रहों की संगति के अनुरूप फल देता है। अगर यह कुंडली में शुभ ग्रहों के साथ मौजूद होता है तो यह व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करता है और क्रूर ग्रहों के साथ होने पर यह अशुभ फल भी दे सकता है।

बली और पीड़ित बुध के प्रभावों की बात करें तो, जिन जातकों की जन्म कुंडली में बुध मजबूत अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों के संवाद शैली कुशल होती है, यह हाज़िर जवाबी होते हैं और अपनी बातों से सबका मन मोहना जानते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में होता है या किसी क्रूर ग्रह के साथ मौजूद होता है तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक समस्याएं उठानी पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपनी बातें लोगों के सामने सही ढंग से पेश कर पाने में असफल रहते हैं। साथ ही ऐसे जातक गणित विषय में कमजोर होते हैं और इन्हें अपने व्यवसाय में हानि उठानी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार व्यक्ति को बुध ग्रह से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं क्या कुछ है यह उपाय आगे जानते हैं।

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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का गोचर 

बुध ग्रह को एक युवा और ऊर्जावान ग्रह माना जाता है। यह सभी ग्रहों में सबसे तेज गोचर करने वाला ग्रह होता है। यह आम तौर पर 23 दिनों की अवधि के लिए गोचर करता है अर्थात एक राशि में 23 दिनों तक रहने के बाद बुध राशि परिवर्तन कर लेता है। बुध को संवाद का कारक ग्रह माना गया है इसीलिए रोमन पौराणिक कथाओं में बुध को देवदूत के रूप में जाना और पूजा भी जाता है। 

इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह बुद्धि का कारक ग्रह है और जब यह व्यक्ति की कुंडली में मजबूत अवस्था में होता है तो इससे व्यक्ति बौद्धिक रूप से सशक्त बनते हैं। सभी 12 राशियों में बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं। इन राशियों में बुध के गुण देखने को मिलते हैं। बुध अपनी स्वराशि कन्या में बुध उच्च के होते हैं और बृहस्पति द्वारा शासित मीन राशि में बुध को नीच का माना जाता है।

इन ज्योतिषीय उपाय से कुंडली में मौजूद बुध ग्रह को करें मजबूत 

  • अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा शराब, मांस, अंडें आदि चीजों को परहेज करें। 
  • रात को सोते समय अपने सिरहाने एक गिलास में पानी भर कर रख लें और सुबह उठकर इस जल को पीपल में चढ़ा दें। 
  • अपने घर में भेड़, बकरी और तोता बिल्कुल भी ना पालें। 
  • रात में मूंग दाल भिगा दें और सुबह इसे जानवरों को खिला दें। 
  • मंदिर में चावल और दूध का दान करें। 
  • कौवों को भोजन कराएं। 
  • इसके साथ ही बुधवार का व्रत प्रारंभ कर दें। 
  • बहन बेटियों को उपहार दें। 
  • भगवान विष्णु की पूजा करें। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

क्या यह जानते हैं आप? सनातन धर्म में बुध ग्रह को केवल ग्रह नहीं बल्कि देवता के रूप में भी पूजा जाता है। माना जाता है कि बुध हमारी प्रज्ञा के देवता हैं। यही वजह है कि कारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन विशेष तौर पर बुध ग्रह की उपासना की जाती है। इसके अलावा धार्मिक दृष्टि से बात करें तो बुध देव को वृद्धि और समृद्धि का देवता भी माना जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिस व्यक्ति पर बुध देव की कृपा हो जाए उसके जीवन का कल्याण हो जाता है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध दसवें और लग्न भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह ग्यारहवें भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर 28 दिसंबर को आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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