बुध का मेष राशि में उदय: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को “ग्रहों का राजकुमार” कहा जाता है और इन्हें बुद्धि, वाणी और तर्क के कारक ग्रह माना गया है। जब-जब बुध देव अपनी राशि या फिर स्थिति में परिवर्तन करते हैं, तो इसका सीधा प्रभाव मनुष्य जीवन पर निश्चित रूप से पड़ता है। अब बुध ग्रह जल्द ही अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए मेष राशि में उदित होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध के उदित होने से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताएंगे जैसे तिथि, समय एवं प्रभाव आदि। साथ ही जानेंगे, सभी राशियों पर इसका प्रभाव और बुध उदय से शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए किये जाने वाले अचूक उपायों के बारे में।
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बुध का मेष राशि में उदय होना सभी 12 राशियों के जातकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। हम सभी इस बात को जानते हैं कि ग्रह अस्त और उदय की स्थिति से गुज़रते हैं। वहीं, उदय की स्थिति में ग्रह अपनी सभी शक्तियों को वापस प्राप्त करते हुए जातकों को लाभ पहुंचाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बुध को विशेष स्थान प्राप्त है और यह हमारे जीवन में संवाद, बुद्धि, भाषा एवं तर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस विशेष लेख में हम राशि अनुसार बुध के मेष राशि में उदय के प्रभावों के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे, तो आइए बिना देर किए इस ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।
बुध का मेष राशि में उदय: तिथि और समय
संवाद और तर्क के कारक ग्रह बुध 10 मई, 2023 की रात 12 बजकर 53 मिनट पर मेष राशि में उदय होंगे। अब हम बुध के ज्योतिषीय महत्व और कुंडली में बली और पीड़ित बुध के प्रभावों के बारे में बात करेंगे।
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बुध का मेष राशि में उदय: प्रभाव
मेष राशि के जातकों की कुंडली के तीसरे और छठे भाव पर बुध का शासन है और अब वह पहले भाव में उदय होने जा रहे हैं। पहले भाव से बुध आपकी कुंडली के सातवें भाव पर दृष्टि डालेंगे और यह आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएंगे। आपके काम में देरी होने के आसार हैं, लेकिन आपको कुल मिलाकर कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। हालांकि, इस अवधि में आपको आर्थिक मामलों में कुछ दिक्कत होने के संकेत हैं। करियर के लिहाज़ से बात करें तो, बुध का उदय मेष राशि के जातकों के लिए उच्च परिणाम लेकर आएगा और आप कामयाबी हासिल करेंगे। इस समय आपको काम के सिलसिले में कुछ यात्राओं पर भी जाना पड़ सकता है। साथ ही, आपको कई सकारात्मक अवसर मिलेंगे।
वहीं, अगर आप बिज़नेस करते हैं तो आपके लिए धन लाभ अर्जित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। दूसरी ओर विदेश में व्यवसाय करने वालों के लिए यह वक्त लाभप्रद सिद्ध होगा और आप आसानी से धन लाभ अर्जित करेंगे। इस दौरान आपको व्यवसाय में कामयाब होने के लिए योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ना होगा। आर्थिक पक्ष को देखें तो, आप अच्छा पैसे कमाएंगे, लेकिन आपके खर्च भी बढ़ेंगे इसलिए आपको तनाव से बचने के लिए आर्थिक मामलों में योजना के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है। रिश्तों की दृष्टि से देखा जाए तो, मेष राशि के जातकों को धैर्यपूर्वक भविष्य के बारे में सोच कर चलना होगा। ऐसा करने से आपके रिश्ते मधुर बने रहेंगे। स्वास्थ्य के संबंध में आपको सिरदर्द, पाचन संबंधी परेशानी और एलर्जी की शिकायत होने का अंदेशा है लेकिन सेहत से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी आपके सामने नहीं आएगी। ऐसे में, दिनचर्या में किये गए कुछ ख़ास बदलाव आपके लिए बेहतर परिणाम लेकर आ सकते हैं।
बुध का ज्योतिषीय महत्व
संवाद के कारक ग्रह बुध को अनेक नामों से जाना जाता हैं, उदाहरण के तौर पर रौहिणेय, तुंगा और सौम्या (चंद्रमा के पुत्र) आदि। बुध को एक शुभ ग्रह माना जाता है और यह जातकों को शुभ परिणाम देते हैं। ज्योतिष में भी बुध का ख़ास महत्व है और यह हमारे जीवन में बुद्धि, चतुराई, संचार कौशल, भाषा, तर्क और सोचने की क्षमता प्रदान करते हैं।
सप्ताह का दिन बुधवार बुध ग्रह को समर्पित है और इनका आशीर्वाद पाने के लिए आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि, आपको यह पहनने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह जरूर लेनी चाहिए। आपको बता दें कि आपकी कुंडली में बुध की दशा और मौजूदगी के आधार पर ही इसके प्रभाव तय होते हैं। शुभ ग्रहों के साथ बुध की मौजूदगी आपको अच्छे परिणाम प्रदान करती है। वहीं, दूसरी ओर पापी ग्रहों के साथ बुध के होने से आपको नकारात्मक नतीजे मिलते हैं।
सूर्य और शुक्र के साथ बुध की मित्रता है और शनि के साथ यह तटस्थ है। दूसरी ओर बुध के शत्रु के तौर पर चंद्रमा और मंगल को देखा जाता है। 27 नक्षत्रों के बारे में बात करें तो, अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र पर बुध का स्वामित्व है। कन्या और मिथुन राशि पर बुध का शासन है और यह राशि परिवर्तन करने में 24 दिनों का समय लेते हैं।
कुंडली में मज़बूत बुध के लाभ
जिनकी कुंडली में बुध बली स्थिति में होते हैं, उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल होती है। इसके अलावा जातकों को और भी लाभ प्राप्त होते हैं, आइए इसके बारे में जानते हैं।
बेहतरीन संवाद कौशल
बुध के आशीर्वाद से आपका संवाद कौशल उत्तम होता है और आप अपनी वाणी की बदौलत अपने आसपास के लोगों को प्रभावित करने में सफल होते हैं।
बिज़नेस के क्षेत्र में कामयाबी
बुध के शुभ प्रभाव से जातक ट्रेडिंग और इससे जुड़े क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होते हैं। इसके अलावा, बेहतरीन संवाद कौशल की मदद से जातक इंश्योरेंस एजेंट, पब्लिसिटी एजेंट, सेल्स आदि क्षेत्र में अच्छा काम करते हैं।
तार्किक क्षमता
बुध के सकारात्मक प्रभाव से जातकों के अंदर तार्किक क्षमता का विकास होता है और यह आपके संवाद को बेहतर बनाता है। बुध हमारी व्यक्तित्व और इससे संबंधित शक्तियों को बेहतर बनाते हैं।
जिज्ञासु प्रवृत्ति
बुध के प्रभाव से आपके अंदर हमेशा नई चीजों को सीखने की चाहत उत्पन्न होती है। इनके प्रभाव से जातक नए विषयों में दिलचस्पी लेते हैं और अपनी क्षमताओं का विकास करते हैं।
व्यक्तित्व
मज़बूत बुध वाले जातक आमतौर पर ऊंचे या सामान्य कद के होते हैं और उनके हाथ-पैर लंबे होते हैं। इनकी आवाज़ काफ़ी मधुर होती हैं और यह हमेशा तेज़ गति से चलते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बुध हमारी जीभ, नसों, त्वचा, बाल, चेहरा और छाती आदि पर शासन करते हैं।
कमज़ोर बुध के नुकसान
सोचने-समझने की क्षमताओं का प्रभावित होना
बुद्धि और तर्क के कारक ग्रह बुध के पीड़ित होने के कारण जातकों की वाणी पर इसका उल्टा असर होता है। इसके साथ ही आपकी विश्लेषण करने की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
विचार व्यक्त न कर पाना
जैसे कि हम ऊपर बता चुके हैं कि बुध हमारे विचारों, वाणी और बौद्धिक क्षमताओं के शासक हैं। कुंडली में बुध के कमज़ोर होने से जातकों को अपने विचारों को दूसरों के सामने रखने में परेशानी होती है इसलिए यह जातक अपनी बातों को सबके सामने ठीक ढंग से रखने में असफल रहते हैं।
खोखला व्यक्तित्व
बुध के दुष्प्रभाव से जातकों के स्वभाव में अहम बदलाव आते हैं और वह कपटी किस्म के बन जाते हैं। इसके अलावा यह स्वार्थी व्यवहार के होते हैं और अक्सर अपनी दिनचर्या का ठीक ढंग से पालन नहीं करते है।
आर्थिक नुकसान और रिश्ते में कलह
बुध के नकारात्मक प्रभाव से आपको आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा आपके संबंधों पर भी इसका ख़राब ऐसे पड़ता है। साथ ही, आपकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान होने की प्रबल संभावना रहती है।
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इन उपायों से पाएं बुध का आशीर्वाद
- कुंडली में बुध की स्थिति को मज़बूत करने के लिए आप दस मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- गाय को प्रतिदिन हरा चारा और हरी सब्जियां खिलाएं।
- प्रतिदिन मस्तक पर सफेद चंदन का तिलक करने से बुध बली होते हैं।
- बुध का आशीर्वाद पाने के लिए आप पन्ना पहन सकते हैं लेकिन इसके लिए किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
- इसके अलावा, प्रतिदिन “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ॥ ॐ सौम्य रूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्यः प्रचोदयात् ॥” इन मंत्रों का जाप करें।
- बुध से शुभ प्रभाव पाने के लिए आप भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही, प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का जाप करना चाहिए।
- आप बुधवार के दिन व्रत भी रख सकते हैं।
- हरा चारा, पालक, साबुत मूंग, तांबे के बर्तन, नीले रंग के वस्त्र और फूल का दान करना भी फायदेमंद साबित होगा।
बुध का मेष राशि में उदय: राशि अनुसार भविष्यफल
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के पहले भाव में…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब वह बारहवें भाव में मौजूद हैं। आमतौर पर…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब वह ग्यारहवें भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह दसवें भाव में मौजूद हैं। यह…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह
सिंह राशि के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के नौवें भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के आठवें भाव में मौजूद…(विस्तार से पढ़ें)
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह सातवें भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के छठे…(विस्तार से पढ़ें)
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के पांचवें भाव में मौजूद…(विस्तार से पढ़ें)
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के चौथे भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब वह तीसरे भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के दूसरे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)
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