सूर्य गोचर 2023: ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। जब भी किसी राशि में सूर्य परिवर्तन करते हैं तो उसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलता है। कहा जाता है कि सूर्य की दृष्टि हर व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। जीवन में उच्च पद, प्रतिष्ठा, मान-सम्मान के लिए सूर्य का शुभ होना बहुत जरूरी होता है। सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं और इस महीने सूर्य 14 अप्रैल 2023 को अपनी उच्च राशि मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में मेष राशि में सूर्य और राहु की युति बनेगी और इस युति से पितृ दोष योग का निर्माण होगा। इस खतरनाक योग का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन तीन राशियों पर पितृ दोष योग भारी पड़ सकता है। ऐसे में इन लोगों को एक महीने तक सावधानी बरतने की जरूरत होगी। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं उन 3 राशियों के बारे में जिन्हें इस योग से अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व
ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा का कारक कहा गया है। इनका राशि परिवर्तन हर महीने होता है और यह जब एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो उसे ‘सौर मास’ कहते हैं। इसके अलावा सूर्य को पिता का प्रतिनिधित्व भी माना जाता है। सूर्य के कारण ही पिता से संतान के संबंध अच्छे या बुरे होते हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य बलवान हो या किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव से दूर हो तो यह जीवन में यश प्रदान करता है और जातक को साहसी बनाता है। किसी महिला की कुंडली में सूर्य को पति के सफलता का कारक भी माना गया है। ज्योतिष में सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं और मेष राशि में यह उच्च के होते हैं, जबकि तुला राशि सूर्य की नीच राशि मानी जाती है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य किसी ग्रह से पीड़ित हो तो यह हृदय और नाक से संबंधित रोगों को जन्म देता है। वहीं यदि सूर्य शनि ग्रह से पीड़ित हो तो यह रक्त से संबंधित रोग जैसे एनीमिया, निम्न रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, थैलेसीमिया आदि पैदा करता है।
कुंडली में कैसे बनता है पितृ दोष योग?
जब हमारे पूर्वजों की आत्माएं तृप्ति नहीं होती हैं तो ये आत्माएं पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंशजों के लिए समस्याएं उत्पन्न करते हैं और इसी को पितृ दोष कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और राहु की युति से पितृ दोष योग बनता है। इसके अलावा जब कुंडली में राहु केंद्र या त्रिकोण में मौजूद हो तो भी पितृ दोष का निर्माण होता है। माना जाता है कि जब सूर्य और राहु एक साथ किसी जातक की कुंडली में किसी भी भाव में बैठे हो तो उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते हैं। जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष होता है उनके परिवार में लड़ाई- झगड़े, अशांति का वातावरण, अचानक से धन हानि, बीमारियां और मानसिक परेशानियां बढ़ जाती हैं। यदि कुंडली के पितृ दोष का सही समय में निवारण न किया जाये तो यह दोष पीढ़ी दर पीढ़ी कष्ट देता है।
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इन 3 राशि वालों को रहना होगा सावधान!
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को सूर्य गोचर से बन रहा पितृ दोष बड़ा नुकसान दे सकता है। इस दौरान आपको अपने खानपान के प्रति थोड़ा सजग होने की जरूरत है क्योंकि पितृ दोष योग आपके खाने के तौर-तरीके में कुछ बदलाव ला सकता है। इस दौरान बासी भोजन या जंक फूड का सेवन करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है और आपके लीवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप किसी यात्रा पर जा रहे हैं या वाहन चलाते हैं तो विशेष सावधानी रखें क्योंकि दुर्घटना होने की संभावना है। वहीं प्रेम जीवन की बात करें तो जीवनसाथी से तकरार हो सकती है और साथ ही एक दूसरे से लड़ाई झगड़ा होने की संभावना रहेगी और यदि आपने इस समस्या को अच्छे से नहीं सुलझाया तो आपका रिश्ता टूटने की कगार पर आ सकता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को पितृ दोष गले से संबंधित समस्याएं दे सकता है। इसके अलावा अपनी माता की सेहत का भी ख्याल रखें। यदि आपका कोई कोर्ट केस लंबे समय से चल रहा है तो संभावना है कि फैसला आपके पक्ष में न हो। साथ ही इस दौरान आपके खर्चों में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है जिससे आपका बजट हिल सकता है। हो सकता है कि आर्थिक समस्या से भी जूझना पड़े। इस अवधि में कोई भी नया काम शुरू करने और बड़ा निवेश करने से बचें। नौकरीपेशा लोगों को इस महीने बड़ी ही सावधानी के साथ काम करने की आवश्यकता है क्योंकि आशंका है कि आपके पीछे आपके वरिष्ठ अधिकारियों के कान आप के खिलाफ भरे जाएं। इससे आपको नौकरी में बड़ी चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों को सूर्य गोचर से बन रहा पितृ दोष कई प्रकार की मुश्किलें दे सकता है। इसके फलस्वरूप आप अपनी छाती में जलन महसूस कर सकते हैं और साथ ही इस अवधि में रक्त में चीनी की मात्रा बढ़ सकती है। जो लोग उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी समस्या से ग्रस्त हैं, उन्हें अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान आपके खर्चों में वृद्धि देखने को भी मिल सकती है। संभव है कि आपके खर्चे इतने बढ़ जाए कि आपको लोन या कर्ज लेना पड़े इसलिए बजट बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा लाभ कमाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। घूमने-फिरने के दौरान आपको धन हानि भी हो सकती है। प्रेम जीवन की बात करें तो प्रेम संबंध में बातचीत की कमी के कारण गलतफहमी होने की संभावना है।
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कुंडली में पितृ दोष योग से बचने के आसान उपाय
कुंडली में पितृ दोष जातक को कई प्रकार के दुख देता है। ऐसे में कुछ उपायों को करने से सभी दोषों को दूर किया जा सकता है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है उन्हें घर की दक्षिण दिशा में अपने पितरों की फोटो लगाना चाहिए और नियमित रूप से माला चढ़ाकर नमन वंदन करना चाहिए। ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष योग से छुटकारा मिलता है।
- इसके अलावा पितरों की मृत्यु तिथि पर 21 या उससे अधिक ब्राह्मणों को घर बुलाकर भोजन कराना चाहिए और सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा देना चाहिए।
- साथ ही हर माह में आने वाली चतुर्दशी तिथि को पीपल के वृक्ष में दूध चढ़ाएं।
- हर अमावस्या पर श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें।
- प्रतिदिन शाम को दक्षिण दिशा की ओर अपने पितरों के नाम का एक दीपक जलाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. घर में पितृ दोष होने पर व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर. पितृ दोष खत्म करने के लिए प्रतिदिन दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें।
उत्तर. कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति होती है तब पितृ दोष का पता चलता है।
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