सनातन धर्म में भाई दूज के पर्व का विशेष महत्व है जो हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मनाया जाता है। इस तिथि से यमराज और द्वितीय तिथि का संबंध होने के कारण इसे यमद्वितीया भी कहते हैं। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी रक्षा और भगवान से उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों के पैर छूकर उन्हें शगुन के रूप में पैसे व गिफ्ट देते हैं।
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माना जाता है कि जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है उसको अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। भाई दूज के दिन यमराज के सचिव चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है और इस बार भैया दूज 2022 के मौके पर दो शुभ योग बन रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको भाई दूज पर बनने वाले संयोगों, पूजन विधि, इसका महत्व और किन उपायों को करना होगा आपके लिए लाभदायी? आदि के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा।
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भाई दूज 2022: तिथि, मुहूर्त और इस दिन बनने वाले शुभ संयोग
दिनांक: 26 अक्टूबर, 2022
दिन: बुधवार
हिंदू माह: कार्तिक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: द्वितीया
भाई दूज तिलक का मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक।
अवधि: 0 घंटे 42 मिनट
भाई दूज 2022: शुभ संयोग
भाई दूज 2022 पर प्रीति योग और आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है और इन योगों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी नीचे दी गई है:
प्रीति योग: शाम 05:41 से 07:16 तक
आयुष्मान योग: शाम 07:16 से रात 08:53 तक
प्रीति योग: प्रीति योग बेहद शुभ योग है। यह योग परस्पर प्रेम का विस्तार करता है और इस योग के स्वामी भगवान विष्णु हैं। प्रीति योग के दौरान की जाने वाली पूजा से भाई-बहन के संबंधों में मधुरता आती है और एक-दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है।
आयुष्मान योग: ऐसा माना जाता है कि इस योग में किए गए कार्य लंबे समय तक फलदायी रहते हैं। इस अवधि के दौरान पूजा करने से भाई को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है।
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भाई दूज का महत्व
सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक भाई दूज का भी बहुत महत्व है। इस पर्व को भाऊ बीज, टिक्का, यम द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भाई और बहन को एकसाथ यमुना में स्नान करना चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है। भाई दूज के दिन बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए यम के नाम का दीपक घर के बाहर जलाती हैं। इससे उनकी अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है।
भाई दूज 2022 की पूजा विधि
- भाई दूज के दिन भाई व बहन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर यमुना के जल से या ताज़े जल से स्नान करें।
- अगर बहन विवाहित हैं तो अपनी बहन के घर जाएं और भाई-बहन मिलकर भगवान चित्रगुप्त की पूजा करें।
- इसके बाद, शुभ मुहूर्त में भाई के तिलक के लिए बहन थाली सजाएं और थाली में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फूल, फल, मिठाई, अक्षत व सुपारी जरूर रखें।
- फिर चौकी सजाएं और उस चौकी पर भाई को बैठाकर तिलक करें।
- फिर भाई की आरती उतारे और आरती के बाद उन्हें मिठाई खिलाएं। इसके साथ ही भाई इस दिन बहन के हाथों से बने हुए भोजन का सेवन अवश्य करें।
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भाई दूज पर ये उपाय आपके भाई को आर्थिक संकट से दिलाएंगे छुटकारा
- भाई दूज के दिन पांच गोमती चक्र पर केसर और चंदन से ‘श्री ह्रीं श्री’ लिखें। अब इन्हें पूजन में शामिल करें और उनके समक्ष इस मंत्र का जाप करें। इसके बाद गोमती चक्र तिजोरी में रखें। ऐसा करने से कभी आर्थिक संकट की समस्या नहीं होगी।
- इस दिन किसी भूखे को भोजन जरूर करवाएं। इससे आपके और आपके भाई के ऊपर यमराज की कृपा होगी।
- बहन इस दिन भाई के तिलक करते समय बोले- ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’
- इसके अलावा इस दिन शाम को बहनें यमराज के नाम से चौमुखी दीपक जलाएं।
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