मकर राशि में शनि मार्गी किन 3 राशियों के जीवन में मचाएगा उथल-पुथल

त्योहारों के माह अक्टूबर 2022 मे बड़े-बड़े पर्वों के साथ-साथ ग्रहों के भी कई बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इसी कर्म में इस माह कर्मफल दाता शनि भी अपनी उलटी चाल बदलते हुए जातकों को कुछ बेहतर परिणाम देने का कार्य करेंगे। इस दौरान शनि अपनी वक्री गति से निकलकर मार्गी होंगे। जिससे न केवल समस्त राशियां प्रभावित होंगी, बल्कि देशभर में भी शनि का ये प्रभाव कई बड़े परिवर्तन लेकर आएगा।

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शनि मकर में मार्गी की समयावधि  

समस्त ग्रहों में से शनि सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह होते हैं, इस कारण इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग ढाई वर्षों का समय लगता है। इसलिए इनका हर एक स्थान परिवर्तन फिर चाहे वो मार्गी हो, वक्री हो, अस्त हो, उदय हो या गोचर हो, उसका प्रभाव प्रत्येक मनुष्य के जीवन पर पड़ता है। 

अब यही शनि ग्रह जिन्होंने 12 जुलाई 2022 को वक्री अवस्था में मकर में गोचर किया था, वो अब 23 अक्टूबर 2022, रविवार को प्रातः 04 बजकर 19 मिनट पर मकर में ही मार्गी हो जाएंगे।

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  • इन राशियों पर होगी मार्गी शनि की कृपा 
  • मेष राशि: शनि आपकी राशि से दशम भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में आपको सबसे अधिक इस दौरान अपने करियर में अनुकूल फल मिलने की संभावना रहेगी। खासतौर से वो जातक जो अपने कार्यक्षेत्र पर पिछले काफी समय से पदोन्नति की चाह में थे, उन्हें शनि देव की कृपा से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। जिससे न केवल उनकी आमदनी में वृद्धि होगी, बल्कि उनका कार्यस्थल पर मान-सम्मान भी बढ़ेगा। शनि की ये स्थिति आपको आने वाले कुछ समय के लिए जीवन में स्थिरता देने का कार्य करेगी।
  • सिंह राशि: शनि आपकी राशि से छठे भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में इस दौरान सबसे अधिक आपकी प्रतिस्पर्द्धी क्षमता का विकास होगा, जिससे आप अपने सभी विरोधियों को परास्त करते हुए उनपर विजय प्राप्त करेंगे। यदि कोई केस कोर्ट में चल रहा था तो, उसका फैसला भी आपके हक़ में आने की संभावना अधिक है। छात्र भी अपना प्रदर्शन बेहतर देने में सफल होंगे। क्योंकि ये समय उन्हें हर प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे अंक दिलाने वाला है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी अवधि पहले से बेहतर होगी और आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते देखें जाएंगे।  
  • तुला राशि: आपकी राशि से शनि चतुर्थ भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में इस दौरान आप सुख की प्राप्ति करेंगे। यदि आप कोई प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने का सोच रहे थे तो इस समय आपको उसमें सफलता मिलेगी। क्योंकि शनि निर्माण के कारक होते हैं और अब उनका सुख में मार्गी होना, आपके घर के नवीनकरण या निर्माण को लेकर भी आपको कोई बड़ा फैसला लेने में मदद करेगा। संभावना है कि ऐसा करके आप किराए या अन्य किसी तरीके से आय के अतिरिक्त स्रोत बढ़ाने में सफल रहेंगे। 
  • धनु राशि: शनि आपकी राशि से द्वितीय भाव में मार्गी होंगे। जिससे आप अपने धन खर्चों पर लगाम लगाने में सफल होंगे। इससे आपका बैंक बैलेंस बढ़ेगा और आप उस धन का प्रयोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए करेंगे। आपकी आमदनी में भी वृद्धि होगी। साथ ही आप अपनी अच्छी वाणी और सोच-समझ से कई बड़े लोगों से मुलाक़ात करते हुए किसी बड़ी डील को अपने हक में कर सकेंगे। कार्यक्षेत्र पर भी सहकर्मी आपके काम करने के तरीके से काफी प्रभावित हो सकते है और इससे आपको उनका सहयोग मिलने में मदद मिलेगी। 
  • मकर राशि: शनि आपकी ही राशि अर्थात आपके लग्न भाव में ही मार्गी होंगे। ऐसे में आपको वक्री शनि से जिन भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, उनमें कुछ सुधार देखने को मिलेगा। सेहत में भी कुछ सुधार आपको राहत देने का कार्य करेगा और उससे आप अपने ऊर्जा और कार्यक्षमता को सही दिशा में लगाने में सफल रहेंगे। इस समय खुद को अनुशासित रखना आपके हित में रहेगा। क्योंकि आपका ये अनुशासित रवैया आपको करियर में अपने लक्ष्यों के प्रति केंद्रित रखने में आपकी मदद करने वाला है।

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  • ये राशियां हो जाए सावधान  
  • मिथुन राशि: मकर राशि में मार्गी होते हुए शनि आपकी राशि के अष्टम भाव को प्रभावित करेंगे। इस कारण सबसे अधिक आपको अपनी सेहत के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। क्योंकि आशंका है कि शनि की ये स्थिति आपको अचानक कोई गंभीर रोग दें, जिसपर आपको अपने धन का एक बड़ा भाग तक खर्च करना पड़ सकता है। निजी जीवन में भी कोई पुराना राज उजागर होने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है। खासतौर से यदि आप शादीशुदा हैं तो, आपको इस समय अपने साथी से कोई भी बात छुपाने से बचना होगा।
  • वृश्चिक राशि: शनि आपकी राशि से तृतीय भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में इस दौरान आपको पारिवारिक जीवन में सबसे अधिक अशांति की अनुभूति होगी। खासतौर से इस दौरान आपको घर पर सदस्यों से बातचीत करते समय अपने शब्दों का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि आशंका है कि घर के छोटे सदस्यों द्वारा आपकी बात का गलत मतलब निकाला जाए। सेहत को देखें तो, इस दौरान आपको निजी व पेशेवर जीवन का तनाव मानसिक रूप से कुछ बेचैन कर सकता है। इसलिए जितना संभव हो खुद को तनाव मुक्त रखने का प्रयास करें।
  • कुंभ राशि: 23 अक्टूबर से शनि आपकी राशि से द्वादश भाव में मार्गी होंगे। जिसके परिणामस्वरूप यदि आप विदेश जाना चाहते हैं तो आपको अपने प्रयास और मेहनत तेज करने की ज़रूरत होगी। क्योंकि इस दौरान शनि आपकी परीक्षा लेते हुए आपसे अतिरिक्त मेहनत करवाने वाले हैं। साथ ही आपके खर्चों में अचानक वृद्धि होने से भी आपको कुछ तनाव का सामना करना पड़ेगा। इसलिए शुरुआत से ही अपने खर्चों के प्रति नियंत्रण रखने का प्रयास करते रहें। यात्रा करना भी इस अवधि में आपके लिए थकानदायक रहेगा।

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मार्गी शनि से लाभ पाने हेतु कुछ ज्योतिषीय उपाय 

  • संभव हो तो काले रंगों के वस्त्र अधिक धारण करें। 
  • शनिवार के दिन तेल, रबड़, लोहा, चमड़ा आदि खरीदने से बचें।
  • शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे साबुत उड़द, लोहा, तिल, काले कपड़े, कंबल, सरसों तेल आदि मजदूरों में दान करें।
  • एस्ट्रोसेज के विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद नीलम रत्न धारण करना आपके लिए उत्तम रहेगा। 
  • किसी विकलांग, नेत्रहीन, दुर्बल, असहाय या मजदूर को न सताएं और उनकी सेवा करें। 
  • कुत्तों को न सताएं, बल्कि हर शनिवार कम से कम एक कुत्ते को खाना खिलाएं। 
  • सदैव घर के बुजुर्गों, माता-पिता, गुरु, कुल देवी-देवताओं, आदि का आशीर्वाद लें। 
  • शनिवार के दिन नियम अनुसार उपवास का पालन करें। 
  • शनिदेव के दिन शनि ग्रह से संबंधित मंत्रों का स्पष्ट उच्चारण करें।
  • श्री बजरंग बाण व हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • घर या अपने दफ्तर में शनि यंत्र की स्थापना कर शनि की साढ़े साती, शनि ढैय्या और शनि के बुरे प्रभावों को नष्ट करें।
  • हर मंगलवार व शनिवार के दिन मंदिर जाकर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और पीपल व हनुमान जी के सक्षम एक तेल का दीपक जलाएं। 
  • यदि आपकी कुंडली में भी शनि ग्रह से संबंधित कोई दोष मौजूद है तो ऑनलाइन शनि ग्रह शान्ति पूजा करना आपके लिए उत्तम साबित हो सकता है।

शनि ग्रह से संबंधित मंत्र 

  • शनि ग्रह का वैदिक मंत्र

“ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।

शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।”

  • शनि ग्रह का तांत्रिक मंत्र

“ॐ शं शनैश्चराय नमः।।”

  • शनि ग्रह का बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।

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