सावधान! घर पर भगवान गणेश की मूर्तियां रखते समय अगर आप भी करते हैं ये गलतियां तो सर्वनाश निश्चित है!

हिंदू संस्कृति में भगवान गणपति की पूजा करने का विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ से मिले वरदान के कारण उन्हें प्रथम पूजनीय देव की संज्ञा दी गई है। भगवान गणेश को विघ्न विनाशक देव भी माना गया है। इस वजह से उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। 

हिन्दू धर्म में सभी शुभ एवं मंगलकारी कार्यों में दूसरे देवी-देवताओं के पूजन से पहले भगवान गणेश का पूजन किये जाने का विधान है। किसी भी नए कार्य का शुभारंभ गौरी पुत्र गणेश की पूजा से ही होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा से सभी प्रकार के कार्य निर्विघ्न सफल होते हैं एवं मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 

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किंतु इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि बाकी सभी देवी-देवताओं के पूजन की तरह ही भगवान गणेश की पूजा के लिए कुछ खास नियम निर्धारित किए गए हैं। विशेष तौर पर अगर आप ने अपने घर में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की है तो उनसे जुड़े नियमों की जानकारी एवं पालन आवश्यक है। अन्यथा आपको भगवान की कृपा की जगह विपरीत प्रभाव भी मिल सकते हैं।  

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भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने के नियम  

यदि आप भी अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं तो आपको इनसे जुड़े नियमों एवं विधानों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए, तभी आपको पूजा का मनोनुकूल फल प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने के भी नियम हैं, जिनका ख्याल रखे बगैर आपको पूजा का फल नहीं प्राप्त हो सकेगा।

घर पर भगवान गणेश की मूर्तियों एवं प्रतिमाओं को रखने की भी एक अधिकतम संख्या निर्धारित है। अगर आप इस संख्या से ज़्यादा मूर्ति रखते हैं तो आपको इसके प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। इससे शुभ की बजाय अशुभ फल मिलने लगते हैं। मंगल की बजाय अमंगल होने लगता है।

अतः इस बात की जानकारी होनी बेहद जरूरी है कि घर में भगवान गणेश की कितनी मूर्तियां रखनी चाहिए। तो आइये जानें घर पर भगवान गणेश की मूर्तियों को रखने के नियम…. 

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वास्तु टिप्स अनुसार ही घर लाएं भगवान गणेश की मूर्ति

परंतु सर्वप्रथम यह जान लेते हैं कि अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति रखने के नियम और विधान क्या हैं:-

  • दरअसल घर में या घर के मंदिर/पूजा स्थल में स्थापित करने के लिए आप जब भी भगवान गणेश की प्रतिमा घर पर लाएं तो सर्वप्रथम उनके सूंड का ध्यान रखें। 
  • वास्तु अनुसार दाहिनी तरफ सूंड वाले भगवान गणेश को सिद्धिविनायक कहा जाता है।  
  • वहीं बाईं ओर सूंड वाले गणेश जी को वक्रतुंड की संज्ञा दी गई है। 
  • यदि आप अपने घर पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि वो मूर्ति वक्रतुंड गणेश जी की हो, अर्थात बाईं ओर सूंड वाले गणेश जी की होनी चाहिए क्योंकि वक्रतुंड गणेश जी की पूजा में अपेक्षाकृत नियम कम होते हैं। 
  • यह सत्य है कि मंदिर की अपेक्षा घर पर किसी भी देवी-देवताओं की पूजा में नियमों का पालन करना मुश्किल हो जाता है इसलिए बाईं ओर सूंड वाले गणपति की मूर्ति को घर में स्थापित करना श्रेष्ठ विकल्प होता है। 
  • वहीं बात करें दाहिने ओर सूंड वाले सिद्धिविनायक गणेश जी की तो उनकी पूजा में विभिन्न प्रकार के नियमों का पालन करना होता है, जो कि घर पर संभव नहीं है। यही मुख्य वजह है कि सिद्धि विनायक गणेश जी की मूर्तियां मंदिरों में ही खास तौर से स्थापित की जाती है।

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घर पर गणेश जी की कितनी मूर्तियां रखनी चाहिए

  • यदि आप अपने निवास स्थान पर नियमित रूप से भगवान गणेश की विधि-विधान अनुसार पूजा अर्चना करते हैं तो भूलकर भी उनकी तीन मूर्तियां ना रखें। 
  • भगवान गणेश की तीन मूर्ति घर पर रखना बेहद अशुभ माना जाता है। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को प्रतिकूल फल प्राप्त होते हैं। 
  • अगर आप भगवान गणेश के भक्त हैं तो आपको घर पर उनकी एक या फिर दो ही मूर्ति रखनी चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दोनों मूर्तियां आमने-सामने न हों। 

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  • इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आपने घर पर भगवान गणेश की फोटो या मूर्ति स्थापित की है तो नियमित रूप से विधि पूर्वक उनकी पूजा करें न कि उन्हें किसी शोपीस की तरह घर पर सिर्फ सजा कर रखें।
  • भगवान गणेश अथवा किसी भी देवी देवता की खंडित मूर्ति भूल कर भी घर पर न रखें क्योंकि इससे अनिष्ट की प्रबल संभावना बढ़ जाती है। 

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