बेहद ख़तरनाक मारकेश योग से हो सकती है अकाल मृत्यु-कहीं आपकी कुंडली में भी तो नहीं है यह योग?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी जातक की कुंडली में मारकेश योग का होना बेहद ख़तरनाक माना जाता है, चूंकि यह योग जातक को दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों तक ले जा सकता है। यदि आपकी कुंडली में मारकेश योग है तो इससे मुक्ति पाने के लिए तुरंत उपाय किए जाने चाहिए अन्यथा आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको इस बात की जानकारी मिलेगी कि यदि कुंडली में मारकेश योग हो तो किन उपायों की मदद से छुटकारा पाया जा सकता है, जिसे हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा ख़ास आपके लिए तैयार किया गया है। आइए जानते हैं कि मारकेश योग का क्या मतलब है और कुंडली में इसका निर्माण कैसे होता है।

कुंडली में शुभ और अशुभ योगों के बारे में जानने के लिए, करें विद्वान ज्योतिषियों से बात

मारकेश योग का अर्थ और कुंडली में इसका निर्माण

ज्योतिष के अनुसार, मारकेश योग एक अशुभ योग या यूं कह लीजिए कि दोष है, जो अगर किसी जातक की कुंडली में मौजूद हो तो उसे कई विषम परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस योग का निर्माण नकारात्मक फल देने वाले ग्रहों की स्थिति के अनुसार होता है।

कुंडली के दूसरे, सातवें, आठवें, दसवें और बारहवें भाव को मारकेश के नाम से जाना जाता है। आठवां भाव जातक की उम्र को दर्शाता है और तीसरा भाव भी जीवन भाव होता है। दूसरे और सातवें भाव को मृत्यु के लिए देखा जाता है। बारहवां भाव व्यय का भाव होता है और इससे स्वास्थ्य यानी कि रोगों का भी पता लगाया जाता है। मारकेश योग दूसरे और सातवें भाव के नीच लग्न और उच्च के शासक ग्रहों के साथ भी बनता है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

जिस जातक की कुंडली में मारकेश योग होता है, उसे अपने जीवन में बहुत ज़्यादा सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह योग तमाम तरह की मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक समस्याएं पैदा कर सकता है। जब सभी ग्रहों में से कोई एक ग्रह की विशेष परिस्थिति के कारण मारकेश योग बनता है तो उसे मारक ग्रह के रूप में जाना जाता है।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

कौन सा ग्रह किस लग्न के लिए मारक होता है?

  • मेष लग्न के लिए शुक्र मारक होता है।
  • वृषभ लग्न के लिए मंगल मारक होता है।
  • मिथुन लग्न के लिए बृहस्पति मारक होता है।
  • कर्क और सिंह लग्न के लिए शनि मारक होता है।
  • कन्या लग्न के लिए बृहस्पति मारक होता है।
  • तुला लग्न के लिए मंगल मारक होता है।
  • वृश्चिक लग्न के लिए शुक्र मारक होता है।
  • धनु लग्न के लिए बुध मारक होता है।
  • मकर लग्न के लिए चंद्रमा मारक होता है।
  • कुम्भ लग्न के लिए सूर्य मारक होता है।
  • मीन लग्न के लिए बुध मारक होता है।

आइए जानते हैं कि किसी जातक की कुंडली में मारकेश योग होने पर उसे किन-किन समस्याओं से गुज़रना पड़ सकता है।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

कुंडली में मारकेश योग के प्रभाव

  • मारकेश योग बेहद घातक योग है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि कोई जातक इस योग से मुक्ति पाने के उपाय करने में असफल हो जाता है तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
  • सामाजिक रूप से जातक के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है।
  • यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो उसमें नुकसान हो सकता है।
  • जातक अक्सर बीमारियों से पीड़ित हो सकता है। कुछ लाइलाज बीमारियां भी हो सकती हैं।
  • जीवन के कई क्षेत्रों में असफलता मिल सकती है।
  • जीवन में पीड़ा और दुःख बना रह सकता है।
  • मारक काल के दौरान, अकाल और असामान्य मृत्यु होने की संभावना अधिक होती है।
  • मारकेश योग किसी राजा को रंक भी बना सकता है।

इन 6 अचूक उपायों से पाएं मारकेश योग से मुक्ति

  1. यदि आपकी कुंडली में मारकेश योग है तो भगवान शिव की आराधना ज़रूर करें।
  2. प्रत्येक सोमवार महादेव का रुद्राभिषेक करें।
  3. महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप करवाएं।
  4. प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करें।
  5. मारकेश योग से संबंधित चीज़ों का दान करें।
  6. प्रतिदिन एक माला ‘रोग नाशक मंत्र’ का जाप करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.