ज्योतिष विज्ञान में रत्नों का महत्व किसी से छिपा हुआ नहीं है। अपनी कुंडली में ग्रहों की दशा-स्थिति ठीक करने के लिए लोग रत्न धारण किया करते हैं। नीलम, मूंगा, मोती, हीरा, पन्ना, माणिक्य, पुखराज आदि रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से जरुर होता है।
वैसे तो आमतौर पर लोग ये रत्न ज्योतिषाचार्य की सलाह पर ही धारण करते हैं, लेकिन कई लोग अपने मन से या इधर-उधर से अधूरी जानकारी हासिल करके भी कई रत्नों को एक साथ धारण कर लेते हैं। ऐसे में उन रत्नों का नकारात्मक प्रभाव उन लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है।
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इसलिए आज हम आपको रत्नों से जुड़ी कुछ ऐसी ही जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके अनुसार एक साथ दो या दो से अधिक रत्नों को पहनने से लोगों को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है।
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इन रत्नों के साथ भूल से भी मत पहनना ये कुछ विशेष रत्न
- मोती के साथ ये रत्न कभी न पहनें
आपको अपने आस-पास कई लोग ऐसे भी मिल जाएंगे जो मोती रत्न के साथ कई रत्न पहन लेते हैं। वे लोग बिना किसी ज्योतिष के सलाह-मशवरा लिए ऐसा करते हैं , जिसके परिणामस्वरूप उनके जीवन में संघर्ष व चुनौतियों से परेशानी उठानी पड़ जाती हैं। मोती चंद्रमा का कारक होता है। इस लिहाज से मोती के साथ हीरा, पन्ना, नीलम, लहसुनिया और गोमेद धारण कर लेने से कुंडली में चंद्रमा का बुरा प्रभाव शुरु हो जाता है, जिसकी वजह से मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
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- पन्ना के साथ ये रत्न कभी न पहनें
पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से होता है। इसे पुखराज, मूंगा और मोती के साथ पहनने से परहेज करना चाहिए। पन्ना के साथ इन्हें पहनने से कुंडली पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है। साथ ही यदि कोई जातक पन्ना के साथ इन रत्नों को धारण करता है तो उसकी आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जाती है।
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- लहसुनिया के साथ ये रत्न कभी न पहनें
इस रत्न के स्वामी केतु ग्रह होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु का हर ग्रह के साथ अच्छा संबंध नहीं होता है। ऐसी स्थिति में अगर लहसुनिया के साथ मोती, मूंगा, माणिक्य या पुखराज पहन लेते हैं तो आपको पारिवारिक और आर्थिक जीवन में भारी परेशानियों और नुकसान झेलना पड़ सकता है इसलिए अगर इन रत्नों को एक साथ पहनने का विचार आपके मन में भी चल रहा हो तो किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य ले लें।
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- नीलम के साथ ये रत्न कभी न पहनें
लोग अपने शनि को शांत रखने के लिए नीलम रत्न ग्रहण करते हैं। नीलम के स्वामी ग्रह शनि होते हैं। यही वजह है कि हर तरह के रत्न और नीलम को एक साथ धारण नहीं करना चाहिए। रत्न शा़स्त्र कहता है कि नीलम के साथ माणिक्य, मूंगा, पुखराज और मोती धारण करने से कुंडली में शनि दोष की स्थिति और बिगड़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप जातक को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है।
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बहुत अच्छी जानकारी दी है, धन्यवाद।।