शुक्र के राशि परिवर्तन से इन राशियों के जीवन में आएंगे बड़े बदलाव!

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख के प्रदाता का दर्जा दिया गया है और शुक्र ग्रह को सुख सुविधा, विलासिता, आदि की वस्तुओं से जोड़कर भी देखा जाता है। शुक्र ग्रह का सीधा संबंध भौतिक वस्तुयाओं, सौभाग्य, धन, प्रेम, और वैभव से संबंधित माना गया है। तमाम सुख-सुविधाओं से संबंधित यह शुक्र ग्रह 18 जून को वृषभ राशि में गोचर करने वाला है।

आज अपने इस स्पेशल ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कि शुक्र का वृषभ राशि में यह गोचर किन राशियों के लिए उत्तम फल लेकर आने वाला है। साथ ही इस गोचर से किन राशियों को थोड़ा बचकर रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इस दौरान राशि अनुसार क्या कुछ उपाय करके अपने जीवन में शुक्र ग्रह के परिणाम प्राप्त कर सकते हैं इस बात की जानकारी दें हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं।

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शुक्र गोचर: समय और तिथि

बात करें वृषभ राशि और शुक्र ग्रह की तो शुक्र ग्रह वृषभ राशि के जातकों के लिए आत्म बल, प्रतिरोधक क्षमता, निरोगता, प्रतियोगिता और कर्ज से संबंधित क्षेत्रों का फल देने के लिए जाने जाते हैं। बात करें 18 जून को होने वाले शुक्र गोचर के समय की तो इस दौरान शनिवार सुबह 8 बजकर 6 मिनट पर शुक्र ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

शुक्र का अपनी ही राशि वृषभ में गोचर करना बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर शुभ अशुभ प्रभाव डालेगा। तो अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं सभी 12 राशियों पर शुक्र के इस गोचर का प्रभाव और साथ ही इस दौरान किए जाने वाले कुछ सरल सटीक ज्योतिषीय उपायों की संपूर्ण जानकारी।

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शुक्र ग्रह: प्रभाव और उपाय

गोचर फल जानने से पहले यहां यह जानना बेहद जरूरी है कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कुंडली में शुक्र देव की स्थिति मजबूत होती है तो इससे व्यक्ति के जीवन में विलासिता और भौतिकवादी वस्तुओं में वृद्धि देखने को मिलती है। 

वहीं इसके विपरीत कुंडली में यदि शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में हो तो ऐसे जातकों को प्रेम संबंधों में असफलता, दांपत्य जीवन में परेशानियां, और आंखों से संबंधित दिक्कतें होने लगती है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या हैं वो उपाय आइए जान लेते हैं: 

शुक्र ग्रह से संबंधित ज्योतिषीय उपाय

  • शुक्र ग्रह कमजोर है तो जातकों को शुक्रवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप चाहे तो 21 या 31 शुक्रवार का उपवास रख सकते हैं। इसके बाद व्रत का पारण कर दें। 
  • इसके अलावा शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र पहनकर शुक्र मंत्र का जाप करें। कोशिश करें इन मंत्रों का 5, 11 या फिर 21 माला का जप करें। 
  • शुक्र ग्रह मजबूत बनाने के लिए शुक्र से संबंधित वस्तुओं जैसे कि चावल, चीनी, आदि का दान करें। 
  • अपने जीवन में हर एक महिला का सम्मान करें। इससे भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है। 
  • अपने आसपास साफ सफाई रखें और इत्र का प्रयोग करें।

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: जानें राशि के अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में अपनी गोचरीय स्थिति में वे आपके द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में शुक्र का ये गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और षष्ठम भाव के स्वामी है। शुक्र का वृषभ राशि में गोचर प्रथम भाव में ही होगा। प्रथम भाव आत्मा, मानसिक क्षमताओं और सांसारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। ऐसे में यह गोचर आपके लिए….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों लिए शुक्र बारहवें भाव के साथ ही उनके पंचम भाव के स्वामी भी होते हैं और अब ये ग्रह आपके विदेश यात्रा, व्यय, हानि और मानसिक स्वास्थ्य के बारहवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में इस दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि वाले जातकों के लिए शुक्र ग्यारहवें और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वे आपके एकादश भाव में विराजमान होंगे। इस भाव से हम मित्रों, लाभ, आय और इच्छाओं को देखते हैं। ऐसे में शुक्र के गोचर की ये स्थिति आपकी….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र दशम और तृतीय भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान गोचरीय स्थिति में यह ग्रह आपके करियर, प्रसिद्धि और सामाजिक स्थिति के दशम भाव में गोचर करेंगे। दशम भाव में शुक्र का ये गोचर आपको….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र नौवें और दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और वृषभ राशि में अपने गोचर के दौरान शुक्र देव आपके नवम भाव में विराजमान होंगे। नवम भाव में शुक्र का गोचर आपके किसी….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके आठवें और पहले भाव के स्वामी होते हैं और अब वर्तमान में यह आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। जो कि विरासत, मनोगत विज्ञान, लड़ाइयों और विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में आपकी राशि से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का यह गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होने जा रहा है। यह भाव विवाह, साझेदारी और दीर्घकालिक समझौतों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में सप्तम भाव में शुक्र का गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके षष्ठम और एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब यह आपके षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। यह भाव स्वास्थ्य, काम और दिनचर्या का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में इस भाव में शुक्र का गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पंचम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब यह वर्तमान गोचरीय स्थिति में आपके पंचम भाव में ही गोचर करेंगे। यह भाव प्रेम संबंधों, अवकाश, आनंद, संतान, शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में आपकी राशि से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र नवम और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र का यह गोचर आपके चतुर्थ भाव में ही होगा। चतुर्थ भाव से आपके परिवार और संबंधों, संपत्ति और गृह जीवन और मां के बारे में विचार किया जाता है। ऐसे में यह गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे घर में ही गोचर करेंगे। यह भाव संचार और छोटे भाई-बहनों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में शुक्र का….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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