कुंभ राशि में बृहस्पति अस्त (19-फरवरी 2022): कौन सी राशियाँ होंगी सबसे अधिक प्रभावित?

बृहस्पति को एक परोपकारी ग्रह माना जाता है। जो यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्तियों को तमाम सुख प्रदान करता है। बृहस्पति या गुरु ग्रह वैदिक ज्योतिष में धन, बुद्धि, शिक्षा, खुशी, और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह ग्रह शुभ स्थिति में होता है ऐसे व्यक्तियों को भाग्य, किस्मत, सफलता, उदारता, और यश का वरदान अपने जीवन में प्राप्त होता है और इसके विपरीत जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह ग्रह अशुभ स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति स्वभाव में बेहद ही अभिमानी हो जाते हैं और अवसाद, निराशावाद, और थकावट से ताउम्र झूझते हैं।

हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति धनु राशि और मीन राशि का शासक स्वामी भी है। इसके अलावा यह मकर राशि में दुर्बल या नीच का होता है और कर्क राशि में यह उच्च माना जाता है। बृहस्पति ग्रह को आमतौर पर शुभ ग्रह माना गया है लेकिन यदि यह किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव में आ जाइए या फिर किसी अशुभ ग्रह का इसपर पहलू हो तो इससे नकारात्मक प्रभाव भी मिलने लगते हैं।

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बृहस्पति अस्त: अर्थ और समय

बृहस्पति या गुरु ग्रह जब सूर्य के दोनों और सीमा के 17 डिग्री के भीतर आ जाता है तो ऐसी स्थिति में बृहस्पति को अस्त कहा जाता है या वह अस्त हो जाता है।

शुभ घटनाओं, संतान, विस्तार, बुद्धि, और भाग्य का सूचक बृहस्पति ग्रह फरवरी के महीने में 19 फरवरी शनिवार को 10 बजकर 23 मिनट और 40 सेकंड पर अस्त हो जाएगा। इसके बाद यह रविवार 20 मार्च 2022 को 7 बजकर 50 मिनट 53 सेकेंड पर उदय होगा यानी अस्त समाप्त होगा।

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कुंभ राशि में बृहस्पति अस्त: राशिनुसार प्रभाव और उपाय 

अब जान लेते हैं सभी बारह राशियों पर अस्त बुध का प्रभाव और राशिनुसार उपाय।

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके ग्यारहवें भाव में अस्त होगा। पेशेवर रूप से….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में अस्त होगा। जिसके कारण आपको….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और यह उनके नौवें भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपको अपने….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है और यह उनके आठवें भाव में अस्त होगा। पेशेवर रूप से….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और यह उनके सातवें भाव में अस्त होगा। इसके कारण….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति चौथे और सातवें भाव का स्वामी है और यह उनके छठे भाव में अस्त होगा। पेशेवर रूप से….(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और यह उनके पांचवें भाव में अस्त होगा। पेशेवर रूप से….(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है और यह उनके चौथे भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपको….(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम/लग्न और चौथे भाव का स्वामी है और यह उनके तीसरे भाव में अस्त होगा। इसके कारण इस दौरान….(विस्तार से पढ़ें)

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मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके दूसरे भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपके….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और यह उनके प्रथम यानी कि लग्न भाव में अस्त होगा। इसके कारण आपको ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और दशम भाव का स्वामी है और यह उनके बारहवें भाव में अस्त होगा। पेशेवर रूप से….(विस्तार से पढ़ें)

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