ऋषि पारस द्वारा वर्णित भगवान बुध का व्यक्तित्व बेहद ही आकर्षक है और वह अपने शब्दों से किसी को भी मोहित करने की क्षमता रखते हैं। बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह होता है और वैदिक ज्योतिष में इसका संबंध धन और भाग्य से जोड़कर देखा जाता है।
इसके अलावा बुध ग्रह संचार का स्वामी भी होता है और हमारे सौरमंडल के मस्तिष्क के रूप में इसे देखा जाता है। एक व्यक्ति के जीवन में यह ग्रह स्वर कंठ को नियंत्रित करता है और जिन लोगों के जीवन में बुध ग्रह का प्रभाव होता है अर्थात जिनकी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत या शुभ स्थिति में होते हैं ऐसे व्यक्तियों का व्यवहार बेहद ही अच्छा होता है और साथ ही यह अच्छे गायक भी होते हैं।
बुध ग्रह: शुभ-अशुभ प्रभाव
बुध ग्रह एक बेहद शांत और सौम्य ग्रह माना जाता है और यही वजह है कि इस ग्रह का रंग भी बेहद ही सौम्य हरा रंग होता है। जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति शिक्षा, बुद्धिमता, व्यावसायिक, और सामाजिक मामलों, हास्य, आदि में सफलता प्राप्त करते हैं।
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वहीं दूसरी तरफ जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होता है या कमजोर और दुर्बल स्थिति में होता है या किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव के साथ जुड़ जाता है ऐसे लोगों का आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ संबंध कुछ खास अनुकूल नहीं रहता है।
ज्योतिष में बुध ग्रह
बुध ग्रह अपने दोहरे स्वभाव के लिए जाना जाता है और सभी राशियों में 2 राशियों कन्या और मिथुन राशि का स्वामी भी होता है। इस ग्रह से प्रभावित शरीर के अंगों की बात करें तो कान, तंत्रिका तंत्र, फेफड़े, त्वचा, आदि बुध ग्रह के अंतर्गत आते हैं। बुध ग्रह व्यापार, वाणिज्य, खातों (एकाउंट्स), मोबाइल, बैंकिंग, कंप्यूटर, नेटवर्किंग आदि क्षेत्रों में सफलता का प्रतीक माना गया है।
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बुध ग्रह का गोचर
गोचर की बात करें तो एक राशि में तकरीबन यह ग्रह एक महीने तक रहता है और इसके बाद अपना राशि परिवर्तन कर लेता है। इसके अलावा बुध ग्रह तीन नक्षत्रों पर भी शासन करता है। यह नक्षत्र हैं रेवती नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, और अश्लेषा नक्षत्र।
बुध मार्गी स्थिति: अर्थ और समय
किसी ग्रह के मार्गी होने का अर्थ होता है उस ग्रह का उलटी स्थिति अर्थात वक्री स्थिति से सीधी स्थिति अर्थात मार्गी स्थिति में आ जाना। राशि परवर्तन की ही तरह ग्रहों की स्थिति का यह हेर-फेर भी बेहद ही अहम और महत्वपूर्ण माना जाता है।
बुध मकर राशि में मार्गी (04 फरवरी 2022): बुध ग्रह देवताओं का दूत और सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह माना गया है। 04 फरवरी दिन शुक्रवार की सुबह 09 बजकर 16 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे। बुध की यह स्थिति न केवल मकर राशि के जातकों के लिए बल्कि सभी 12 राशियों के लिए अवश्य कई बड़े बदलाव लेकर आएगी।
तो आइये आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं मकर राशि में बुध मार्गी का सभी 12 राशियों पर क्या कुछ प्रभाव देखने को मिलेगा और साथ ही इस दौरान क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
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मकर राशि में बुध मार्गी: राशिनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह उनके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान आप….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके नौवें भाव यानी कि भाग्य एवं धर्म के भाव में मार्गी होंगे। पेशेवर रूप से इस दौरान ….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम/लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह उनके आठवें भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान आपको ….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके सातवें भाव में मार्गी होंगे। करियर के लिहाज से इस दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके छठे भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान आपको….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम/लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके पांचवें भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान कार्यस्थल पर ….(विस्तार से पढ़ें)
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके चौथे भाव में मार्गी होंगे। पेशेवर रूप से देखा जाए तो ….(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके तीसरे भाव में मार्गी होंगे। करियर के लिहाज से इस दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके दूसरे भाव में मार्गी होंगे। इसके कारण आपको इस दौरान आर्थिक….(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके प्रथम यानी कि लग्न भाव में मार्गी होंगे। इस दौरान करियर के लिहाज से आपको ….(विस्तार से पढ़ें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके बारहवें भाव में मार्गी होंगे। करियर के लिहाज से यह अवधि आपके लिए….(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह उनके ग्यारहवें भाव में मार्गी होंगे। पेशेवर रूप से देखें तो इस दौरान ….(विस्तार से पढ़ें)
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