वक्री शुक्र का धनु राशि में गोचर: गोचरफल से जानें अपने जीवन पर इसका प्रभाव

शुक्र ग्रह प्यार, रोमांस, नृत्य, संगीत, सौंदर्य, सेक्स, मनोरंजन, इत्यादि के स्त्रोत के रूप में जाना जाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि शुक्र ग्रह एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति को अच्छा महसूस करने के सभी कारक प्रदान करता है। शुक्र ग्रह तुला और वृषभ राशि का शासक स्वामी भी है। यह जहां मीन राशि में उच्च का होता है वहीं कन्या इसकी नीच राशि होती है।

शुक्र ग्रह को मॉर्निंग स्टार या भोर का तारा के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यदि शुक्र ग्रह को देखना हो तो सुबह के समय आसमान में नग्न आंखों से यह ग्रह बेहद ही आसानी से दिखाई दिया जा सकता है क्योंकि यह आकाश का सबसे चमकदार ग्रह होता है।

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शुक्र ग्रह वस्त्र उद्योग, खाद्य पदार्थ, परिधान उद्योग, पर्यटन, और यात्रा आदि सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का कारक होता है। यह ग्रह लोगों के विवाहित जीवन में सुख और विलासिता लाने के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। शुक्र जिन व्यक्तियों की कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो ऐसे लोगों के शारीरिक देखरेख में कमी, विवाह में असफलता, और खराब व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे व्यक्तियों को सौंदर्य, धन, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। गोचर की बात करें तो शुक्र ग्रह का गोचर तकरीबन 28 दिनों की अवधि के लिए होता है और उसके बाद यह राशि परिवर्तन कर लेता है।

शुक्र जातक को नपुंसकता और जननांग संबंधी समस्याओं जैसी बीमारियों को देने के लिए जिम्मेदार है।

वक्री शुक्र का धनु राशि में गोचर (30 दिसंबर, 2021)

तमाम सुख और विलासिताओं से संबंधित शुक्र ग्रह 30 दिसंबर, 2021 को अपनी वक्री अवस्था में सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर धनु राशि में गोचर कर जाएगा।

साल के इस आखिरी और शुक्र के इस वक्री गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य देखने को मिलेगा। तो आइये आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वक्री शुक्र का सभी 12 राशियों पर क्या शुभ अशुभ प्रभाव पड़ेगा।

वक्री शुक्र गोचरफल 

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए यहां क्लिक करें चंद्र राशि कैलकुलेटर

मेष राशि 

मेष चंद्र राशि के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव का स्वामी है और भाग्य और भाग्य के नवम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृष राशि के लिए शुक्र पहले और छठे भाव का स्वामी है और परिवर्तन और अचानक लाभ के आठवें भाव में गोचर कर रहा है। आर्थिक रूप…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए शुक्र पंचम और बारहवें भाव का स्वामी है और संबंध, विवाह, व्यवसाय और यात्रा के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। इस …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और रोग, बाधाओं और परेशानियों के छठे भाव में गोचर कर रहा है। यह गोचर…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और प्रेम, बुद्धि और रोमांस के पंचम भाव में गोचर कर रहा है जो इस गोचर के…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और विलासिता, आराम और घर के चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

तुला राशि 

तुला चंद्र राशि के लिए, आपका लग्न स्वामी शुक्र, आपके संचार, साहस, वीरता और भाई-बहनों के तीसरे घर में स्थित होगा और यह आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक चंद्र राशि के लिए शुक्र सप्तम और बारहवें भाव का स्वामी है और परिवार के दूसरे घर में गोचर कर रहा है, धन और वाणी का संचय…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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धनु राशि 

धनु राशि के लिए, चंद्रमा छठे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और व्यक्तित्व, स्वयं और प्रकृति के पहले घर में गोचर कर रहा है। इस गोचर …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मकर राशि 

मकर चंद्र राशि के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी है और हानि, मोक्ष और खेल के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। व्यावसायिक…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुम्भ राशि के लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और सफलता, आय और लाभ के एकादश भाव में गोचर कर रहा है जो कुम्भ…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मीन राशि 

मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के दशम भाव में गोचर कर रहा है। पेशेवर तौर…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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