वैदिक ज्योतिष में, बुध ग्रह को जिसे अंग्रेजी में मरकरी कहते हैं उसे चतुरता और बुद्धि से संबंधित ग्रह के रूप में जाना जाता है और यह व्यक्ति के हास्य, बुद्धि और चतुराई जैसे गुणों का प्रतिनिधि है। बुध ग्रह को सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह और बेहद ही लाभकारी ग्रह माना जाता है लेकिन यदि इसे प्रतिकूल रूप से रखा जाए तो यह एक हानिकारक ग्रह की भूमिका भी निभा सकता है। बुध ग्रह यदि कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो तो व्यक्ति के जीवन में प्रतिकूल परिणाम दे सकता है।
बुध ग्रह को संचार का ग्रह माना गया है और यह ग्रह वाणिज्य, लेखा, व्यापार, बैंकिंग और कंप्यूटर से संबंधित व्यवसायों का प्रतिनिधित्व भी करता है। कुंडली में यदि बुध ग्रह मजबूत स्थिति में हो तो जातकों के तेज और व्यापारिक दिमाग के साथ-साथ इन क्षेत्रों में अनुकूल परिणाम हासिल होते हैं। वहीं कुंडली में बुध ग्रह की प्रतिकूल स्थिति से जातक अभिमानी और चिड़चिड़े व्यवहार का हो जाता है।
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बुध ग्रह किसी एक राशि में तकरीबन 25 दिनों तक रहता है और फिर राशि परिवर्तन कर जाता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। इसके अलावा जहाँ कन्या राशि में बुध को उच्च का माना गया है वहीं मीन राशि में यह नीच का होता है।
- बुध ग्रह के मंगल, शनि और बृहस्पति के साथ तटस्थ संबंध होते हैं।
- इसके अलावा बुध ग्रह व्यक्ति की त्वचा और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है।
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बुध गोचर समय
अब बात करें बुध गोचर के समय की तो, बुध का पारगमन 22 सितंबर 2021 को प्रातः 7:52 बजे होगा, जब तक यह वक्री नहीं होगा और 2 अक्टूबर 2021 को अपराह्न 3:23 बजे कन्या राशि में गोचर करेगा।
बुध गोचरफल
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध गोचर का सभी बारह राशियों के जातकों के जीवन पर क्या शुभ अशुभ प्रभाव पड़ेगा।
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है। यह ग्रह आपके विवाह और साझेदारी के सातवें घर में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है और आपके ऋण, शत्रु और रोगों के छठे भाव में इसका गोचर हो रहा है। इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और चौथे भाव का स्वामी है और आपके प्यार, रोमांस और संतान के पांचवें भाव में यह गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और यह गृह, संपत्ति और माता के आपके चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध एकादश और दूसरे भाव का स्वामी है और आपके साहस, छोटी यात्रा और लेखन के तृतीय भाव में यह गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध दशम और प्रथम भाव का स्वामी है और आपके संचार, परिवार और वाणी के दूसरे भाव में यह गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और आत्मा और व्यक्तित्व के आपके पहले भाव में इसका गोचर हो रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके विदेशी लाभ, हानि, मोक्ष के बारहवें में इसका गोचर हो रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और आपके लाभ, आय और इच्छाओं के एकादश भाव में इसका गोचर हो रहा है। पेशेवर रूप से इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के आपके दसवें भाव में इसका गोचर होगा। इस गोचर की अवधि आपके…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और अष्टम भाव के स्वामी हैं और आपके धर्म, भाग्य और यात्रा के नौवें भाव में इसका गोचर हो रहा है। इस अवधि के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके अचानक लाभ-हानि, मृत्यु के आठवें भाव में इसका गोचर हो रहा है। इस अवधि के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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