ज्योतिष की दुनिया में ग्रहों के गोचर का विशेष महत्व बताया गया है। ग्रहों का गोचर अर्थात उनका एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन कर जाना। ऐसे में जिन्हें भी ज्योतिष पर जरा भी विश्वास है वह जानते हैं कि ग्रहों का गोचर व्यक्ति के जीवन पर हमेशा कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य डालता है। अपने इस विशेष ब्लॉग में आज हम बात करेंगे सितंबर महीने की 6 तारीख को होने वाले दो महत्वपूर्ण गोचर और उनका आपके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।
जी हां यहां हम बात कर रहे हैं भोर का तारा कहा जाने वाला शुक्र ग्रह और लाल ग्रह के नाम से प्रचलित मंगल ग्रह की जो एक ही दिन में गोचर कर रहे हैं। क्योंकि ग्रह ज्योतिष में इन दोनों ही ग्रहों को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है ऐसे में स्वाभाविक है कि इन ग्रहों का गोचर ज्योतिषीय रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केवल व्यक्तिगत प्रभाव ही नहीं बल्कि यह गोचर भारत के साथ-साथ दुनिया के लिए कुछ बड़े बदलाव के साक्षी भी बन सकते हैं। इन दोनों गोचरों का देश और दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले आइए सबसे पहले इन गोचरों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
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मंगल और शुक्र गोचर: तिथि और समय
मंगल का कन्या राशि में गोचर 6 सितंबर 2021: कन्या राशि में मंगल का गोचर 6 सितंबर 2021 को सुबह 3:21 बजे से 22 अक्टूबर दोपहर 1:13 बजे तक रहेगा, इसके बाद यह तुला राशि में प्रवेश कर जाएगा।
इसके अलावा इस दिन शुक्र का भी गोचर होने वाला है और शुक्र का गोचर तुला राशि में होगा।
शुक्र का तुला राशि में गोचर 6 सितंबर 2021: शुक्र का तुला राशि में गोचर 6 सितंबर 2021 को 12:39 पर होगा और यह 2 अक्टूबर 2021 09 बजकर 35 मिनट तक इसी राशि में रहेगा और उसके बाद वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएगा।
6 सितंबर को मंगल ग्रह और शुक्र ग्रह का गोचर: जानें ज्योतिषीय प्रभाव
काल पुरुष कुंडली में शुक्र ग्रह को तुला और वृषभ राशि का स्वामी और द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी माना गया है। वहीं ज्योतिष की दुनिया में इसे स्त्री ग्रह का दर्जा दिया गया है। व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह जीवन साथी, प्रेम जीवन, विवाह और किसी भी प्रकार की साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र एक राशि में तकरीबन 23 से 30 दिनों तक रहता है और फिर दूसरी राशि में गोचर का जाता है। शुक्र का गोचर व्यक्ति के प्रेम जीवन, पेशेवर जीवन, व्यावसायिक जीवन में बड़े फेरबदल लाने के लिए जाना जाता है।
वही बात करें मंगल ग्रह की तो यह ग्रह ऊर्जा, आत्मविश्वास और अहंकार के साथ स्वभाव से तमस गुण का प्रतिनिधित्व करता है। लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक माना गया है और उसे कलात्मक रूप से एक दिव्य के रूप में चित्रित किया गया है जिनके चार हाथ हैं, त्रिशूल है, एक मुगदर,एक कमल और एक भाला पकड़े हुए हैं। यह भेड़ पर विराजित हैं और सप्ताह में मंगलवार के दिन पर इनका शासन है। मंगल के गोचर से व्यक्ति के जीवन में शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
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मंगल और शुक्र गोचर: भारत और दुनिया पर इसका प्रभाव
दुनिया पर प्रभाव
जैसा कि हमने पहले ही इस बात का जिक्र किया कि ज्योतिष की दुनिया में एक ही दिन में दो महत्वपूर्ण ग्रहों का गोचर परिवर्तन और ढेर सारी ज्योतिषी संभावनाओं को दर्शाता है। ऐसे में मंगल और शुक्र का एक ही दिन में गोचर वैश्विक मामलों में बड़ी और हैरान कर देने वाले संभावनाएं लेकर आ सकता है।
- भूकंप, तूफान और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ जाएगी।
- राजनीतिक मामलों में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
- सत्तारूढ़ पार्टी को इस दौरान काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
- कुछ तकनीकी प्रगति की प्रबल संभावना है।
- मार्केट में तकनीकी उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
- जातक नई प्रणालियों को अपनाने के लिए अपनी कुछ आदतों को बदलने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
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मंगल और शुक्र गोचर का भारत पर प्रभाव
- इन दो महत्वपूर्ण गोचरों के प्रभाव से देश में कई परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। हमारी विद्वान और जानी-मानी ज्योतिषी आचार्या विन्नी अरोड़ा के अनुसार, इस दौरान नीतिगत मामलों में कुछ रुकावट आ सकती हैं जिन्हें कुछ परेशानियों का सामना करने के बाद हल किया जा सकेगा। मुमकिन है कि अंत में इस मुद्दे को सुलझा लिया जाए लेकिन इसके लिए कड़ी मेहनत और तमाम परेशानियां हल करनी पड़ेगी।
- साथ ही शुक्र और मंगल का यह गोचर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी वर्तमान समय में ज्यादा अच्छा नहीं रहने वाला है क्योंकि इससे राष्ट्र के विकास में बाधा उत्पन्न होने की आशंका है। साथ ही इस दौरान महंगाई दर में बढ़ोतरी की भी प्रबल संभावना बन रही है।
- जैसा कि पिछले काफी समय से कोरोना महामारी की तीसरी लहर की काफी ज्यादा चर्चा है ऐसे में आशंका है कि कोरोनावायरस के मामलों में इस दौरान वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि इसे नियंत्रण में करने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएंगे। शुरू में स्थिति थोड़ी विपरीत नजर आ सकती है लेकिन अंततः सरकार इसे नियंत्रण में रखने के लिए हर मुमकिन और पार्षद प्रयास करेगी। साथ ही इस दौरान देश की चिकित्सा सुविधाओं में भी सुधार देखने को मिलेगा।
- अब तक काफी बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण होने से लोगों में इस टीकाकरण का सकारात्मक प्रभाव दिखने को मिलेगा। इसके लिए सरकार भी कुछ बेहद महत्वपूर्ण और आवश्यक कदम उठाएगी और उनकी तरफ से स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च बढ़ाया जाएगा।
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किन राशियों के लिए शुभ और किन राशियों के लिए अशुभ साबित होंगे ये दो महत्वपूर्ण गोचर
जहां एक तरफ 6 दिसंबर को होने वाले मंगल और शुक्र के गोचर से मेष राशि, कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होगा और वे अपने जीवन में बेफिक्र रहेंगे और खुशियां उनके जीवन में दस्तक देंगी वहीं, दूसरी तरफ वृषभ राशि, सिंह राशि, मीन राशि के जातकों को इन दोनों गोचरों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अंत में सब सही हो जाएगा लेकिन कुछ समय के लिए विशेष तौर पर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के उपाय
- लाल और कॉपर रंग के वस्त्र ज्यादा से ज्यादा धारण करें।
- मंगलवार के दिन किसी से पैसा उधार ना लें।
- भगवान हनुमान और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
- मुमकिन हो तो मंगलवार के दिन उपवास करें और सुंदरकांड का पाठ करें। व्रत नहीं रह सकते हैं तो भी सुंदरकांड का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक पाठ करें।
- लाल मसूर, खांड, सौंफ, मूंग, गेहूँ, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन एवं गुड़ आदि का जरूरतमंदों को दान करें।
मंगल बीज मंत्र
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः!
आप इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं – ॐ भौं भौमाय नमः अथवा ॐ अं अंगराकाय नमः!
शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के उपाय
- जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद और गुलाबी रंगों का प्रयोग करें।
- महिलाओं का भूल से भी अनादर ना करें और सब का सम्मान करें।
- मां लक्ष्मी और मां जगदंबा की पूजा करें।
- मुमकिन हो तो शुक्रवार का व्रत करें और श्री सूक्त का पाठ करें।
- दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुओं का ज़रुरतमंदों और ब्राह्मणों को दान करें।
शुक्र बीज मंत्र
“ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं – ॐ शुं शुक्राय नमः।
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