सावन विशेष : रुद्राक्ष धारण करने से दूर होगी जीवन की हर बाधा, जानें इसे धारण करने के नियम और सावधानियां

सावन का पावन महीना चल रहा है। इस महीने का सीधा संबंध भगवन शिव से जोड़कर देखा जाता है। कोरोना के इस मुश्किल दौर में हर एक व्यक्ति को भगवान की कृपा मिलने की आस है। तो आइये आज अपने इस आर्टिकल में जानते हैं सावन माह में कैसे भगवान शिव का आशीर्वाद रुद्राक्ष द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि, आगामी सोमवार यानि 16 अगस्त को इस सावन का आखिरी सोमवार व्रत किया जायेगा। 

This image has an empty alt attribute; its file name is vedic-gif.gif

सनातन धर्म में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और ग्रह दोष खत्म होते हैं। रुद्राक्ष के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि इसे कोई भी जातक चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या लिंग का हो धारण कर सकता है। 

रुद्राक्ष धारण करने का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है। हालांकि रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ नियम जरूर हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होते हैं। अब सावन का महीना जल्द ही समाप्त होने वाला है और चूंकि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है, ऐसे में इस महीने में रुद्राक्ष धारण करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है। 

जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

यही वजह है कि आज के लेख में हम आपको विभिन्न रुद्राक्षों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें धारण कर आप अपने जीवन की कई समस्याओं को खत्म कर सकते हैं।

आर्थिक समस्या दूर करने के लिए

यदि आपके जीवन में पैसों की तंगी रहती है। लाख कोशिशों के बावजूद भी आप धन इकट्ठा करने में असमर्थ रहते हैं या फिर कर्ज़ का बोझ बढ़ता चला जा रहा है तो आप सावन के महीने में गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें। इससे आपके आर्थिक जीवन में सकारात्मक बदलाव जल्द नजर आने लगेंगे।

संतान प्राप्ति के लिए

अगर अपवादों को छोड़ दें तो हर वो जातक जो गृहस्थ जीवन जी रहा है, उसे संतान की चाहत जरूर होती है। लेकिन कई ऐसे विवाहित जोड़े होते हैं जो लाख कोशिशों के बावजूद भी संतान प्राप्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे जोड़ों में विवाहित महिलाओं को गर्भ गौरी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। 

आपको बता दें कि गर्भ गौरी रुद्राक्ष के दो हिस्से होते हैं जिसमें से एक हिस्सा दूसरे हिस्से से आकार में बड़ा होता है। इसमें बड़ा हिस्सा माता गौरी का और छोटा हिस्सा भगवान गणेश का सूचक है। इस रुद्राक्ष को आप धारण भी कर सकती हैं और अगर ऐसा करना किसी कारणवश मुमकिन न हो तो आप इसे पूजा स्थल में रख कर इसकी पूजा भी कर सकती हैं। शुभ फल प्राप्त होगा।

दिलचस्प वीडियो और पोस्ट के लिए एस्ट्रोसेज इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें! एक नजर आज की खास पोस्ट पर:

परीक्षा या इंटरव्यू में सफलता के लिए

यदि कोई जातक किसी परीक्षा में सफलता की कामना रखता है या फिर किसी इंटरव्यू में सफलता चाहिए तो उस जातक को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। यदि एक मुखी रुद्राक्ष आसानी से न मिले तो आप गणेश रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। भगवान गणेश बुद्धि के दाता माने जाते हैं। ऐसे में इस रुद्राक्ष को धारण करने पर आपको निश्चित ही शुभ फल प्राप्त होगा।

करियर में तरक्की के लिए

यदि कोई जातक अपने करियर या व्यवसाय में लगातार आ रही बाधाओं से परेशान है तो उसे सावन के पवित्र महीने में एक से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष को एक ही माला में पिरो कर धारण करना चाहिए। इससे उसे अपने करियर या व्यवसाय में भगवान शिव की कृपा से जल्द ही तरक्की मिलेगी।

क्या आपकी कुंडली में हैं शुभ योग? जानने के लिए खरीदें एस्ट्रोसेज बृहत् कुंडली

रुद्राक्ष धारण करने के लाभ 

यह बात तो आपको भी पता होगी कि रुद्राक्ष पहनने के एक दो नहीं बल्कि हजारों लाभ होते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यदि सही नियम और सावधानियों का पालन करते हुए रुद्राक्ष धारण किया जाये तो इससे व्यक्ति को शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक लाभ भी हासिल होता है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य को हृदय रोग में भी लाभ मिलता है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से रुद्राक्ष का और महत्व बताये तो, इसे धारण करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

सही विधि विधान से पहने गए रुद्राक्ष से व्यक्ति के जीवन से रोग, शोक, चोट, बांझपन, नपुंसकता इत्यादि दुख खत्म अवश्य होता है। इसके अलावा कुछ अन्य रुद्राक्ष जैसे सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सोने की चोरी इत्यादि का भय खत्म होता है और माँ महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यदि आपको लैब सर्टिफाइड रुद्राक्ष चाहिए तो अभी अपनी ज़रूरत के अनुसार रुद्राक्ष यहाँ से आर्डर करें

क्या आपको चाहिए एक सफल एवं सुखद जीवन? राज योग रिपोर्ट से मिलेंगे सभी उत्तर!

रुद्राक्ष धारण करने के नियम 

रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को जितने लाभ मिलते हैं, उसके नियम की अवहेलना करने पर उतने ही नकारात्मक परिणाम भी भोगने पड़ सकते हैं। तो आइये जान लेते हैं कि रुद्राक्ष धारण करने के क्या कुछ नियम होते हैं।

  • यदि आप एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने जा रहे हैं तो उसे पहले एक पीतल के बर्तन में रखकर उस रुद्राक्ष पर 108 बिल्वपत्र चढ़ाएं और चंदन से ॐ नमः शिवाय मंत्र लिख-कर रात भर के लिए उसे ऐसा ही छोड़ दें। इसके बाद अगले दिन उसे धारण करें।
  • इसके अलावा रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्तियों को तामसिक भोजन और मांस मदिरा आदि से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। मतलब साफ़ है कि रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको अंडे, मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज़ इत्यादि का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • रुद्राक्ष धारण करने के बाद व्यक्ति को सुबह शाम भगवान शंकर की पूजा और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है और रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को झूठ बोलने, चोरी करने, दूसरों की बुराई करने इत्यादि आदतों से भी दूरी रखने की सलाह दी जाती है। यदि कोई व्यक्ति रुद्राक्ष धारण कर के भी ऐसा करते हैं तो भगवान शिव उनसे रुष्ट हो सकते हैं।

रुद्राक्ष धारण करने की विधि 

सबसे महत्वपूर्ण बात होती है कि आखिर रुद्राक्ष की धारण कैसे किया जाये? जानकारी के लिए बता दें कि कोई भी रत्न धारण करना तभी फलित होता है जब उसे सही नियम और विधि के साथ धारण किया जाये। तो आइये जान लेते हैं रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि क्या है:

  • सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात तो यह कि, रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में धारण न करें। आप चाहें तो पीला या सफेद रंग का धागा रुद्राक्ष धारण करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा चांदी, सोने या तांबे में भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है। 
  • रुद्राक्ष को धारण करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना अनिवार्य है। रुद्राक्ष धारण करने के बाद भी नियमित रूप से भी ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। 
  • इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को कभी भी अ-पवित्र होकर धारण न करें। 
  • इसके अलावा इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि कभी भी अपना धारण किया हुआ रुद्राक्ष किसी दूसरे इंसान को पहनने के लिए नहीं दें। 

इसके अलावा एक अन्य प्रश्न जो अक्सर लोगों के दिमाग में आता है वो यह कि, आखिर रुद्राक्ष को कितनी संख्या में धारण करना चाहिए? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रुद्राक्ष हमेशा विषम संख्या यानी (odd नंबर) में ही धारण करना चाहिए। इसके अलावा यदि आप माला बनवा रहे हैं तो कभी भी 27 रुद्राक्ष के दानों से कम की माला ना बनवाएं। 108 दानों की माला को धारण करना और उससे जप करने से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति की एकाग्रता और स्मरण शक्ति भी मजबूत होती है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोसेज के साथ। धन्यवाद !

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.