शुक्र करेंगे कर्क राशि में गोचर, जानें क्या पड़ेगा देश-दुनिया पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का गोचर एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैदिक ज्योतिष ये मानता है कि हमारे वर्तमान और भविष्य में घटने वाली हर घटना ग्रहों के चाल व स्थिति पर निर्भर करती है। न सिर्फ मनुष्य बल्कि ग्रहों के गोचर का प्रभाव दुनिया भर के जीव-जंतुओं पर पड़ता है। ऐसे में ग्रहों के गोचर को विशेष घटना का दर्जा देना बेहद स्वाभाविक है।

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अब जल्द ही भौतिक सुखों के दाता शुक्र का गोचर होने जा रहा है। ऐसे में दुनिया भर के ज्योतिषों की निगाह इस वक्त शुक्र के गोचर पर टिकी हुई है। जाहिर है कि सभी ग्रहों के गोचर की ही तरह शुक्र के गोचर का भी देश-दुनिया पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ना तय है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में शुक्र गोचर का देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी जानकारी देने वाले हैं लेकिन उससे पहले शुक्र ग्रह के गोचर और वैदिक ज्योतिष में इसके महत्व की जानकारी आपको दे देते हैं।

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वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। सभी बारह राशियों में शुक्र का स्वामित्व वृषभ और तुला राशि पर है। वहीं 27 नक्षत्रों के बीच शुक्र ग्रह भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा के स्वामी माने गए हैं। शुक्र ग्रह की उच्च राशि मीन मानी जाती है जबकि कन्या राशि में यह नीच हो जाता है। सभी ग्रहों के बीच बुध और शनि शुक्र के मित्र ग्रह माने गए हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा से शुक्र का बैर है। शुक्र किसी भी राशि में 23 दिनों के लिए गोचर करता है।

शुक्र ग्रह को किसी भी जातक की कुंडली में भौतिक सुखों व वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। शुक्र यदि किसी जातक की कुंडली में शुभ अवस्था में मौजूद हों तो ऐसा जातक भौतिक सुखों का आनंद लेता है और उसका दांपत्य जीवन भी बेहद सुखद रहता है। आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है। 

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वहीं शुक्र यदि किसी जातक की कुंडली में कमजोर अवस्था में हो तो ऐसे जातक का वैवाहिक जीवन कलह से भर जाता है, दरिद्रता उसके जीवन का हिस्सा बन जाती है और कमजोर कामुक शक्ति व गुप्त रोग जैसी बीमारियां उसे घेर लेती हैं। महिलाओं की कुंडली में यदि शुक्र कमजोर अवस्था में मौजूद हो तो उन्हें गर्भपात का दंश झेलना पड़ता है।

आइये अब आपको बता देते हैं कि शुक्र का गोचर कब होने जा रहा है।

कब हो रहा है शुक्र का गोचर?

साल 2021 में शुक्र ग्रह 22 जून को मंगलवार की दोपहर में 02 बजकर 07 मिनट पर चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करेगा और 17 जुलाई 2021 को शनिवार की सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक इसी स्थिति में रहेगा। इसके बाद शुक्र सिंह राशि में गोचर कर जाएगा।

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आइये अब देखते हैं कि शुक्र के इस गोचर का देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

शुक्र गोचर का देश-दुनिया पर प्रभाव

शुक्र का कर्क राशि में गोचर से देश-दुनिया पर इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। चूंकि भारतवर्ष की कुंडली में शुक्र का गोचर तीसरे भाव में होने जा रहा है जो कि मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री, छोटी यात्राओं, मनोरंजन आदि का भाव माना जाता है। ऐसे में शुक्र के गोचर की यह अवधि इन क्षेत्रों में नए व कलात्मक बदलाव की गवाह बन सकती है। 

शुक्र के इस गोचर की वजह से इस दौरान आपको ऑटोमोबाइल सेक्टर व संचार के लिए उपयोग में लाये जाने वाली वस्तुएं जैसे कि मोबाइल फोन, लैपटॉप इत्यादि के क्षेत्र के लिए काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकती हैं। इस दौरान इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मुनाफा होने की संभावना है। इसके आलावा इनसे जुड़े नए व्यवसाय को शुरू करने के लिए भी यह समय काफी शुभ माना जा सकता है। 

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वहीं इस दौरान देश में विदेशी निवेश के बढ़ने की संभावना है। नयी विदेशी कंपनी अपना कारोबार भारत में शुरू करने की घोषणा कर सकती है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और भी बल मिल सकता है। साथ ही इसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। इस दौरान भारत और कई देशों के बीच व्यापार व कला के क्षेत्रों से संबंधित कुछ नए अनुबंध होने की संभावना भी बन रही है। जिसकी वजह से इस गोचर की अवधि में भारत के संबंध विदेशी मुल्कों से मधुर होंगे और भारतीय कला व संस्कृति का प्रचार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकेगा। 

शुक्र गोचर की इस अवधि में कुछ महिलाएं अपने उल्लेखनीय कार्यों की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरेंगी। उनके कार्य विश्व भर में सराहे जाएँगे जिससे महिला सशक्तिकरण की बुनियाद और भी मजबूत हो सकती है।

हालांकि इस गोचर के दौरान पड़ोसी मुल्कों के साथ जलीय सीमा पर तनाव बढ़ने की आशंका है जिसको लेकर भारत जैसे देशों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है जो एक से अधिक मुल्कों के साथ जलीय सीमा साझा करते हैं। आइये अब आपको बता देते हैं कि शुक्र शांति के लिए हमें क्या उपाय करने चाहिए।

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शुक्र शांति के उपाय

  • शुक्र देवता को प्रसन्न करना है तो शुक्रवार के दिन व्रत रखें। फलाहार पर रहें। नमक का सेवन न करें। समस्या होने पर सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं। लक्ष्मी सूक्तं का पाठ करें। इससे शुक्र देवता अति प्रसन्न होते हैं। 
  • शुक्र देवता को साफ-सफाई प्रिय है। ऐसे में शुक्र की कृपा चाहते हैं तो स्वयं को साफ-सुथड़ा रखना शुरू कर दें। रोज स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। शुक्र देवता शुभ फल देंगे।
  • शुक्रवार का दिन शुक्र देवता को समर्पित है। इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान शिव की आराधना करें। उन्हें सफ़ेद पुष्प व सफ़ेद मिठाई अर्पित करें। शुक्र देवता आप पर विशेष कृपा करेंगे।
  • शुक्रवार के दिन कन्या पूजन करें। उन्हें भोजन कराएं व दान में कोई सफ़ेद वस्तु दें जैसे कि वस्त्र, खिलौने इत्यादि। कन्या पूजन के बाद कन्या के पैर जरूर छुएं। इस दिन जरूरतमंद कन्या को दान में कोई वस्तु दें या फिर भोजन कराएं। शुक्र देवता इस कृत्य से बेहद प्रसन्न होते हैं।
  • शुक्रवार के दिन सफ़ेद वस्तु का दान करें जैसे कि दही, दूध, घी। वस्त्र इत्यादि। साथ ही शुक्र को प्रसन्न करने के लिए जातकों को शुक्रवार के दिन सफ़ेद या गुलाबी रंग के वस्त्र को धारण करना चाहिए।

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