एकादशी व्रत प्रत्येक माह में किया जाने वाला बेहद ही शुभ और फलदायक व्रत होता है। ऐसे में वैशाख महीने में वरुथिनी एकादशी का यह व्रत इस वर्ष 7 मई के दिन किया जाएगा। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि एकादशी का यह दिन भगवान विष्णु को प्रिय होता है। ऐसे में इस दिन का व्रत और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वरुथिनी एकादशी विशेष इस आर्टिकल में जानते हैं इस दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक होता है।
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वरुथिनी एकादशी मुहूर्त और महत्व
वरुथिनी एकादशी पारणा मुहूर्त :05:35:17 से 08:16:17 तक 8, मई को
अवधि :2 घंटे 41 मिनट
यूं तो साल में पड़ने वाली सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होती है लेकिन इन सब में से वरुथिनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है जो कोई भी व्यक्ति वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत और पूजा पाठ करता है, इसके बाद अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान पुण्य करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी पापों का शीघ्र ही अंत भी होता है। इसके अलावा कहा जाता है कि जिन लोगों को यमराज से डर लगता है उन्हें वरुथिनी एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। अब जानते हैं वरुथिनी एकादशी के दिन क्या काम व्यक्ति को भूल से भी नहीं करना चाहिए और इस दिन किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
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वरुथिनी एकादशी के दिन इन कामों को करने से बचें
- वरुथिनी एकादशी के दिन दोनों वक्त खाना नहीं खाना चाहिए। मुमकिन हो तो इस दिन व्रत करें और एक ही समय भोजन करें।
- वरुथिनी एकादशी के दिन पीतल के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। कहा जाता है यदि पीतल के बर्तन में खाना खाया जाए तो इससे एकादशी व्रत से मिलने वाले फल की प्राप्ति नहीं होती है।
- एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- वरुथिनी एकादशी के दिन शराब ना पियें। आप व्रत रख रहे हैं या नहीं लेकिन वरुथिनी एकादशी के दिन शराब ना पीने की सलाह दी जाती है।
- इस दिन जितना हो सके तामसिक चीजों से दूर रहें।
- जिन लोगों को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखना होता है उन्हें दशमी तिथि के दिन ही उड़द की दाल, मसूर की दाल, चने की दाल, शहद इत्यादि चीजें न खाने की सलाह दी जाती है।
एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी के दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान
द्वादश यानि एकादशी की अगली तिथि के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को उड़द की दाल, शराब, शहद तेल, इत्यादि चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए।
वरुथिनी एकादशी के दिन इन नियमों का अवश्य करें पालन
वरुथिनी एकादशी के दिन पूरे विधि विधान से व्रत करना चाहिए और पूजा करनी चाहिए। एकादशी तिथि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में इस दिन रात में जागरण करके भगवान मधुसूदन की पूजा करें। जिन लोगों को व्रत करना होता है उन्हें दशमी तिथि के दिन से ही भगवान विष्णु का ध्यान शुरू कर देने की सलाह दी जाती है। एकादशी तिथि के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद ही फलदाई साबित होता है।
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