जानिए क्या है चैत्र नवरात्रि के व्रत का वैज्ञानिक महत्व

चैत्र मास के शुरू होते ही चैत्र नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ होता है नौ रातें। नवरात्रि के समय देवी के भक्त नौ दिनों का व्रत रखते हैं। माना जाता है कि महिषासुर का वध करने के लिए देवी ने नौ दिनों के इस युद्ध में हर दिन अलग-अलग देवियों का रूप धारण किया था और इसी वजह से यह पर्व नौ दिनों तक चलता है। हालाँकि इसके दिन पंचांग के अनुसार घटते-बढ़ते रहते हैं। देशभर में भगवती के भक्त इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दौरान देवी की पूजा का विशेष फल मिलता है। इस साल यानी कि साल 2021 में चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल को पारण के साथ ख़त्म हो जाएगा।

देवी पुराण के अनुसार प्रत्येक साल चार नवरात्रि आती है। इन चार नवरात्रि में से दो नवरात्रि गुप्त होती हैं और दो प्रत्यक्ष। इनमें से पहली नवरात्रि हिन्दू वर्ष के पहले महीने यानी कि चैत्र में पड़ता है। दूसरी नवरात्रि हिन्दू वर्ष के चौथे महीने यानी कि आषाढ़ में होती है। तीसरी आश्विन में और चौथी नवरात्रि हिन्दू वर्ष के ग्यारहवें यानी कि माघ महीने में होती है। इन चार नवरात्रों में चैत्र और आश्विन नवरात्री को प्रमुख माना जाता है और इन्हें प्रत्यक्ष नवरात्रि भी कहते हैं जबकि आषाढ़ और माघ में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व क्या है?

सनातन धर्म की लगभग-लगभग हर परंपरा आज के दौर के वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार बिल्कुल सटीक बैठती है जो कि हमारे पूर्वजों की विद्वता को भी दर्शाता है। अब नवरात्र को ही ले लीजिये। आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि प्रत्यक्ष नवरात्र यानी कि चैत्र नवरात्रि और आश्विन मास में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि संधिकाल में पड़ती है। संधिकाल उस अवधि को कहते हैं जब मौसम बदल रहा होता है। इस दौरान हमारा शरीर नए मौसम के लिए तैयार होने में समय लेता है। इसी वजह से नवरात्रि के दौरान किया जाने वाला व्रत हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है ताकि हम बदलते मौसम का सामना कर सकें। इस व्रत से हम मानसिक रूप से भी मजबूत होते हैं हमारे शरीर को भी लगातार मिल रहे बीमार कर देने वाले उद्योग निर्मित खाद्यान से आराम मिलता है।

घटस्थापना पूजन तिथि, दिन और शुभ मुहूर्त 

तिथि: 13 अप्रैल 2021

दिन : मंगलवार

घटस्थापना मुहूर्त : 05:58:27 से 10:14:09 तक

अवधि : 4 घंटे 15 मिनट

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Dharma

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