वर्ष 2021 में अप्रैल महीने में बुध ग्रह दो बार गोचर करने जा रहा है, पहले महीने की शुरुआत यानी 1-अप्रैल को और दूसरा 16 अप्रैल को। बुध का पहला गोचर मीन राशि में होगा और दूसरा गोचर बुध का मेष राशि में होने वाला है। ज्योतिष की दुनिया में बुध ग्रह को बेहद महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध की कृपा से व्यक्ति विद्वान होता है और उसकी तर्क क्षमता मजबूत होती है। इसके अलावा बुध मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति का संचार कौशल बेहद ही शानदार होती है। जहां कन्या राशि में बुध ग्रह को उच्च का माना जाता है वहीं मीन राशि में नीच का माना जाता है।
इसके अलावा बुध ग्रह सूर्य, शुक्र और राहु के साथ मित्रता वाले संबंध रखते हैं और चंद्रमा के साथ बुध का शत्रुता वाला संबंध माना गया है। इसके अलावा शनि, मंगल, बृहस्पति और केतु के साथ बुध के संबंध तटस्थ माने जाते हैं। बुध ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे बुध का गोचर कहा जाता है। बुध के गोचर की अवधि सबसे कम लगभग 14 दिन की होती है। यानी कि, बुध ग्रह हर एक राशि में लगभग 14 दिनों तक स्थिर रहते हैं और उसके बाद गोचर करते हैं।
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बुध ग्रह के शुभ-अशुभ फल
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार बुध ग्रह को चंद्रमा और बृहस्पति की पत्नी तारा की संतान माना गया है और यही वजह है कि, इनमें चंद्रमा और बृहस्पति की विशेषताएँ देखने को मिलती है। कुंडली में यदि बुध ग्रह शुभ स्थिति में हो ऐसे जातकों की संवाद शैली बेहद ही कुशल होती है। इसके अलावा ऐसे जातक कुशाग्र बुद्धि के होते हैं और गणित विषय पर इनकी अच्छी पकड़ होती है। बुध ग्रह की जिस व्यक्ति पर कृपा होती है वह व्यक्ति एक अच्छा वक्ता होता है। इसके अलावा वह बेहद ही सफल कारोबारी भी बनता है। हालांकि वहीं दूसरी तरफ यदि कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में है तो ऐसे जातकों को शारीरिक और मानसिक रूप से ढेरों समस्याएं झेलनी पड़ती है। इसके अलावा ऐसे जातक दिमागी रूप से कमजोर होते हैं और इन्हें चीजें समझने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में मौजूद होता है उस व्यक्ति को कारोबार में नुकसान उठाना पड़ता है और जीवन में दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।
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बुध ग्रह की विशेषताएँ
खगोल विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह को सबसे छोटा ग्रह माना गया है। इसके अलावा यह बुध ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक है। बुध ग्रह पर वायुमंडल का अभाव है। इसके अलावा धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह के महत्व के बारे में बात करें तो, सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। जिस भी व्यक्ति को अपने बुद्धि और कारोबार में सफलता प्राप्त करने की इच्छा होती है उन्हें बुध ग्रह की उपासना का विधान बताया जाता है। स्वयं भगवान विष्णु बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मान्यता है कि, जिस भी व्यक्ति के ऊपर बुध देव की कृपा हो उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है और उसे जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि वहीं जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होते हैं उन्हें भूलने की बीमारी, सिरदर्द, व त्वचा रोग आदि समस्याएं उठानी पड़ सकती है। बुध ग्रह उत्तर दिशा और अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के स्वामी भी माने गए हैं।
कार्यक्षेत्र: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का सीधा संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकालत, पत्रकारिता कथावाचक और प्रवक्ता आदि से जोड़कर देखा जाता है।
अप्रैल के पहले दिन हो रहे बुध के अपनी नीच राशि में गोचर व उसका प्रभाव
- बुध ग्रह के गोचर का सीधा प्रभाव व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति पर देखने को मिलेगा, ऐसे में इस दौरान लोगों की रचनात्मकता में वृद्धि होने के प्रबल आसार हैं।
- इसके अलावा बुध ग्रह के इस गोचर से बाजार में भी गिरावट देखने को मिल सकती है क्योंकि बुध ग्रह अपनी नीच राशि (मीन) में प्रवेश कर रहे हैं। इस दौरान खरीददारी में स्वाभाविक गिरावट देखने को मिलेगी मार्केट मंदा दिखेगा।
- व्यापारी जातकों के लिए यह समय अशुभ रहने वाला है वहीं, कुछ लोगों का झुकाव झूठ बोलने, छल-कपट करने और गलत काम करने की तरफ भी रहने वाला है।
- इस अवधि के दौरान निवेश करने से बचें, साथ ही विदेशी नौकरीपेशा (विदेशी कंपनी में कार्यरत) लोगों के लिए समय शुभ साबित होने के प्रबल आसार हैं।
- व्यापारी जातकों और शेयर मार्केट में अप्रैल के शुरुआती दिन (16 तक) गिरावट देखने को मिल सकती हैं, वहीं 16 के बाद का समय शुभ साबित होगा।
1 अप्रैल का बुध गोचर इन राशियों के लिए शुभ
अब अगर बात करें कि, बुध का यह गोचर किन राशियों के लोगों के लिए शुभ रहने वाला है तो, यह गोचर वृषभ राशि, कन्या राशि और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर शुभ रहने वाला है। ….. इस गोचर का विस्तृत भविष्यफल जानने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
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रत्न: पन्ना
रुद्राक्ष: 4 मुखी रुद्राक्ष
यंत्र: बुध यंत्र
रंग: हरा रंग
बुध से संबंधित मंत्र:
बुध का वैदिक मंत्र
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
बुध का तांत्रिक मंत्र
ॐ बुं बुधाय नमः
बुध का बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
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बुध ग्रह शांति के उपाय
बुध ग्रह को संवाद, बुद्धि, विवेक, गणित का कारक माना गया है। बुध ग्रह का सीधा प्रभाव व्यक्ति के बोलने के स्वभाव पर पड़ता है। ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन भर परेशानी उठानी पड़ सकती है। ऐसे में ज्योतिष के आधार पर जानते हैं बुध ग्रह की शांति के कुछ बेहद ही सरल उपाय जो सरल होने के साथ-साथ बेहद ही लाभकारी भी हैं। बुध ग्रह के इन उपायों को करके आप भी बुध ग्रह के सकारात्मक फल प्राप्त कर सकते हैं। सबसे पहले यहां यह जान लीजिए कि, ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक का बुध कमजोर होता है तो उसे पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। पन्ना रत्न न धारण कर पाने की स्थिति में आप विधारा मूल भी पहन सकते हैं। इसके अलावा बुध ग्रह के शुभ-प्रभाव पाने के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष सबसे सर्वोत्तम माने गए हैं।
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उपाय:
- शराब, मांस, अंडा इत्यादि चीजों से जितनी हो सके दूरी रखें।
- रात को सोने से पहले सिरहाने पानी रखें और सुबह उस पानी को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें।
- भेड़, बकरी और तोता न पालें।
- किसी धार्मिक स्थान पर चावल या दूध का दान करें।
- कौवों को भोजन कराएं।
इस वर्ष कब-कब होगा बुध का गोचर? 2021 में बुध गोचर की संपूर्ण जानकारी
1 अप्रैल, 2021: बुध का मीन राशि में गोचर (इस गोचर के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
16 अप्रैल, 2021: बुध का मेष राशि में गोचर (इस गोचर के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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