पुष्य नक्षत्र से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष में बहुत शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के दौरान शुभ कार्यों को करना सफलतादायक सिद्ध होता है। जो जातक पुष्य नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनको जीवन में उन्नति और सुख की प्राप्ति होती है। यदि किसी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में हो तो यह व्यक्ति को मेधावी बनाता है। आज अपने इस लेख में हम पुष्य नक्षत्र से जुड़ी जानकारी देंगे। 

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पुष्य नक्षत्र माना जाता है शुभ

भारत के प्राचीन ऋषि मुनि भी पुष्य नक्षत्र को पूजनीय मानते थे। इसके चलते इस नक्षत्र को अमरेज्य भी कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ है देवताओं के द्वारा पूजे जाने वाला। इसके अलावा पुष्य नक्षत्र को तिष्य के नाम से भी जाना जाता है। पुष्य का शाब्दिक अर्थ उर्जा व शक्ति देने वाला है। माना जाता है कि पुष्य, पुष्प का अपभ्रंश है। सत्ताइस नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र का स्थान आठवां है। पुष्य नक्षत्र के समस्त चरणों के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में होता है जोकि चंद्रमा की अपनी राशि है इसलिए भी पु्ष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना जाता है।  

पुष्य नक्षत्र का स्वामी 

शनि ग्रह को पुष्य नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। लेकिन कुछ विद्वानों का मानना है कि इसकी विशेषताएं गुरु ग्रह से अधिक मेल खाती है। हालांकि विंशोत्तरी दशा में पुष्य नक्षत्र को शनि के स्वामित्व वाला ही माना जाता है। शनि के गुणों के अनुसार इस नक्षत्र में पैदा हुआ व्यक्ति धर्म के हिसाब से चलने वाला होता है। 

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पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की विशेषताएं

जो लोग पुष्य नक्षत्र में पैदा होते हैं उनमें धर्मपरायणता के अलावा आध्यात्मिक प्रवृति भी देखी जाती है। ऐसे लोगों को अच्छे शिक्षक मिलते हैं और दूसरों को शिक्षा देने में भी ऐसे लोग आगे होते हैं। बौद्धिक रूप से लोगों को प्रभावित करने में भी ऐसे लोगों का कोई सानी नहीं होता। पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोग किसी के साथ भी अन्याय होता नहीं देख सकते। ऐसे लोग आत्मनिर्भर और गंभीर होते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हमेशा अग्रसर रहते हैं। ज्ञान अर्जित करने के लिए ऐसे लोग हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे लोग किसी भी काम को पूरा करने के लिए सही तरीके से योजना बनाते हैं। व्यवसाय और नौकरी पेशा जीवन में पुष्य नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों को सफलता प्राप्त होती है। इस नक्षत्र में पैदा होने वाली स्त्रियां स्वाभीमानी होती हैं। 

पुष्य नक्षत्र चंद्रमा की कर्क राशि में 3-2- अंश से 16-40 अंश तक रहता है।  

पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की सेहत

इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग बौद्धिक रूप से भले ही बहुत अच्छे हों लेकिन शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर ऐसे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग अपने शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह भी हो सकते हैं। हालांकि इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों की खासियत यह होती है कि ऐसे लोगों पर जादू-टोना, तंत्र-मंत्र काम नहीं करता। यदि ऐसे लोगों पर जादू या तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया भी जाए तो वह करने वाले पर ही बुरा असर डाल देता है। 

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पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तिगत जीवन

इस नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हैं वो शर्मीले हो सकते हैं। ऐसे लोग अपने परिवार और समाज का भला चाहते हैं। विपरीत लिंगी लोगों के प्रति ऐसे लोगों का लगाव अधिक होता है। यह लोग प्रेम और वैवाहिक जीवन में अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश करते हैं। हालांकि ऐसे लोगों को जीवन की शुरुआत में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन इसी कारण यह भविष्य में परिपक्व इंसान बनते हैं। आर्थिक रूप से ऐसे लोग बहुत सतर्क होते हैं गैर-जरूरी चीजों पर पुष्य नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग कभी भी धन खर्च नहीं करते। 

परिवार के लोगों की मदद करने के लिए ऐसे लोग हमेशा तैयार रहते हैं। सत्यवादिता इनका गुण होता है जिसके कारण लोग इन्हें पसंद करते हैं। यह शनि का नक्षत्र है लेकिन इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग आलसी नहीं होते। ऐसे लोग घूमने फिरने के भी शौकीन होते हैं। कुल-मिलाकर देखा जाए तो इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों में कई अच्छे गुण मिलते हैं और इसी कारण पुष्य नक्षत्र को बहुत शुभ माना जाता है। 

पुष्य नक्षत्र में जन्म लिया है तो इन बातों का रखें ध्यान

इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए। हालांकि इससे पहले किसी ज्योतिष की मदद से यह जरूर जान लेना चाहिए कि उनकी कुंडली में शनि ग्रह शुभ है या अशुभ। इसके अलावा शनिवार के दिन इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को दान करना चाहिए और शनि देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से यदि जीवन में कोई नकारात्मकता है तो वह दूर हो जाती है।  

ऐसे लोगों को झूठ बोलने से बचना चाहिए और कभी भी अन्याय का साथ नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग यदि अपने माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान नहीं करते तो उन्हें जीवन में कई परेशानियां आती हैं। 

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