30 जून को गुरु की होगी घर वापसी, जानें किन राशिवालों पर रहेंगे मेहरबान!

गुरु का धनु राशि में गोचर (30 जून, 2020)

देव गुरु बृहस्पति का गोचर 30 जून 2020 को शाम 04:30 मिनट पर धनु राशि में होगा। गुरु ग्रह इस समय वक्री स्थिति में अपनी नीच राशि मकर से निकलकर, धनु जो कि उसकी मूलत्रिकोण राशि है उसमें प्रवेश करेगा, जहाँ ये 20 नवंबर 2020 प्रातः 06:26 मिनट तक रहेंगे। इस गोचरीय स्थिति और साल 2020 में होने वाले बाकि सभी ग्रहण और गोचर का आपके जीवन पर असर पड़ेगा, इसकी जानकारी आप अपनी व्यक्तिगत बृहत् कुंडली से प्राप्त कर सकते हैं। 

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ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि यदि कोई  शुभ ग्रह अपनी वक्री अवस्था में हो तो वह और भी ज़्यादा शुभ फल देते हैं। गुरु के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत ही अहम् माना जाता है। तो चलिए जानते हैं जून महीने के आखिरी दिन पर गुरु की धनु में वक्री चाल क्या असर डालेगी सभी राशि के जातकों पर- 

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मेष राशि 

इस राशि के लिए गुरु का वक्री गोचर काफी शुभ रहेगा। आप नकारात्मक विचारों से मुक्ति प्राप्त कर सकारात्मकता की दिशा में आगे बढ़ेंगे। प्रोफेशनल फील्ड में जो जातक हैं उन्हें नए अवसरों की प्राप्ति होगी, साथ ही आप की …आगे पढ़ें 

वृषभ राशि 

इस राशि के लिए गुरु का  वक्री गोचर मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। गुरु आपके नवम भाव से वापस आपके अष्टम भाव में गोचर करेगा। यह गोचर परिवर्तन के साथ-साथ अनिश्चिता की ओर संकेत कर रहा है। इससे आप थोड़ी …आगे पढ़ें

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मिथुन राशि 

यह समय या गोचर मिथुन राशि वालों के लिए काफी शुभ रहेगा,  वक्री गुरु आपके अष्टम स्थान से आपके सप्तम स्थान में वापस गोचर करेगा जो कि यह इंगित करता है कि रिश्तों में …आगे पढ़ें 

कर्क राशि 

यह गुरु का  वक्री गोचर कर्क राशि वालों के लिए मिश्रित या औसत परिणाम देगा। यह गोचर कर्क राशि वालों के लिए व्यवधान उत्पन्न करेगा, परन्तु साथ ही आपकी साहस की वृति, या जुझारू प्रवर्ति में भी…आगे पढ़ें 

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सिंह राशि 

यह गुरु का वक्री गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। यह समय नयी योजनाएं बनाने में और उनको क्रिन्यान्वित करने के लिए बहुत शुभ रहेगा क्योंकि इस समय आपकी…आगे पढ़ें 

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए भी यह  वक्री गुरु के गोचर अच्छे परिणाम लेकर आएगा। यह गोचर आपके पंचम भाव से आपके चतुर्थ भाव में होगा जहां पर (पंचम भाव में) यह शनि महाराज के साथ विराजमान थे। गुरु अपनी वक्र स्थिति में आपके लिए …आगे पढ़ें

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तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए गुरु का वक्री होकर यह राशि परिवर्तन चतुर्थ भाव से तृतीय भाव में होगा। जिसे पराक्रम, साहस, अभिलाषा और रुचि का स्थान माना जाता है, जो यह दिखाता है कि आपने जो अपनी सीमायें बाँधी थी, उनसे आप ऊपर उठने का प्रयास करेंगे, जिससे आपको…आगे पढ़ें

वृश्चिक राशि  

वृश्चिक  राशि के जातकों के लिये भी यह गुरु का वक्री होकर धनु राशि में गोचर काफी शुभ रहेगा। गुरु महाराज आपके तीसरे स्थान से, जो कि प्रयास का स्थान है, से दूसरे भाव में विचरण करेंगे जो की संचित धन, परिवार का स्थान है। यह दर्शाता है कि यह समय…आगे पढ़ें

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धनु राशि 

गुरु का यह  वक्री गोचर आपके दूसरे भाव से जहां गुरु नीच भाव में विराजमान थे से अब आपके प्रथम भाव में होगा, जोकि काफी अच्छे फलों की ओर इशारा कर रहा है। सबसे पहला परिवर्तन जो आपको महसूस होगा वो आपके स्वभाव में होगा। कुछ समय से आप …आगे पढ़ें

मकर राशि 

गुरु का यह वक्री गोचर आपके लिए बहुत शुभता लेकर आएगा, आपके लग्न भाव से गुरु राशि परिवर्तन कर आपके द्वादश भाव में अपनी राशि में विराजमान होंगे। यह गोचर खासकर उन जातकों के लिए…आगे पढ़ें 

कुंभ राशि  

कुम्भ राशि के लिए यह वक्री गुरु का परिवर्तन आय के नए स्रोत खोलेगा, खर्चों को नियंत्रण में रखने में कामयाब होंगे। जो भी आपकी योजनाएं थी, वह कार्यांन्वित होनी शुरू हो जाएंगी। यह गोचर यह दिखाता है कि अब आप लोगों से…आगे पढ़ें

मीन राशि 

मीन राशि वालों के लिये  वक्री गुरु का परिवर्तन लाभ भाव से जहां गुरु महाराज नीच के थे और शनि के साथ विराजमान थे, वहां से दशम भाव में अपनी मूल त्रिकोण राशि में होगा, जो कि नौकरी में तरक्की और बदलाव दिखा रहा है। यह परिवर्तन आपको और अधिक…आगे पढ़ें

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आशा करते हैं इस लेख में दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी।

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