मकर संक्रांति से होगी शुभ कामों की शुरुआत, जानें इसका महत्व

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बड़ा महत्व है। इस साल यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है। जिसके कारण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति से ही मौसम में बदलाव की शुरुआत हो जाती है। शरद ऋतु का अंत होता है तो बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। 

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात

मकर संक्रांति का अर्थ

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। मकर शब्द ‘मकर राशि’ को बताता है और संक्रांति का अर्थ संक्रमण अर्थात ‘प्रवेश’ करना होता है। मकर संक्रांति का भारत में बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। बता दें शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी मानते हैं। लिहाजा कहा जा सकता है कि यह पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से भी जुड़ा है। इस दिन स्नान, सूर्य उपासना, अनुष्ठान, दान-दक्षिणा का काफी महत्व होता है। इसके अलावा काले तिल, गुड़, कंबल खिचड़ी आदि के दान का इस दिन विशेष महत्व माना गया है। यहीं नहीं इस खास अवसर पर पवित्र नदियों और गंगा सागर में मेला लगता है। इस दिन मलमास के अंत के साथ, शुभ महीने की शुरुआत होती है। इस खास दिन पर लोग दान-पुण्य ज़रूर करते हैं।

बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

विभिन्न राज्यों में हैं अलग नाम

मकर संक्रांति को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग महत्व से मनाते हैं। इस समय नई फसल और बंसत ऋतु का आगमन होता है। इसलिए पंजाब, यूपी , बिहार समेत तमिलनाडु में इस वक्त नयी फसल काटते हैं और किसान इस दिन को आभार दिवस की तरह मनाते हैं। दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल की तरह मनाया जाता है। जहां पंजाब और जम्मू कश्मीर में मकर संक्रांति को ‘लोहड़ी’ के नाम से मनाते हैं तो यूपी और बिहार में इसे ‘खिचड़ी’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन कहीं खिचड़ी तो कहीं दही-चूड़ा और तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। मध्य भारत में इसे संक्रांति, माघी/ भोगली बिहू आदि के नाम से मनाते हैं।

पतंग उड़ाने की भी है परंपरा

यह त्योहार पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। इसके पीछे मुख्य कारण है, कुछ घंटे सूरज की रोशनी में बिताना क्योंकि सर्दी के समय में सुबह सूरज की रोशनी में समय बिताना स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है। 

कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं

मीठे के बिना त्योहार है अधूरा

हिंदू धर्म में मीठे के बिना त्योहार को अधूरा मानते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू और अन्य मीठे पकवान बनाने की परंपरा है। मान्यता है कि मीठे पकवानों के खाने और खिलाने से रिश्तों में आई कड़वाहट खत्म होती है। कहा यह भी जाता है कि मीठा खाने से व्यक्ति की बोली में मिठास, व्यवहार में मधुरता और खुशियों का संचार होता है।

भीष्म पितामह ने इसी दिन त्यागा था शरीर

मकर संक्राति से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है, जो आषाढ़ मास तक रहता है। मान्यता है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपना शरीर त्यागने के लिए मकर संक्रांति के दिन का चयन किया था। इसी दिन गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं। महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था। यही वजह है कि इस दिन पर गंगासागर में मेला लगता है।

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं सटीक समाधान

आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.