29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो चूका है। 9 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में 10वां दिन दशमी यानि विजयादशमी के रूप में मनाते हैं, विजयादशमी को ही दशहरा भी कहा जाता है। इस बार 8 अक्टूबर को दशहरा पूरे देशभर में मनाया जाएगा। विजयादशमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने लंकापति रावण का वध किया था, इसीलिए यह त्योहर बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में जाना जाता है। पूरे देशभर में लोग इस दिन रावण का पुतला दहन भी करते हैं। वैसे तो रामायण काल से ही रावण को एक खलनायक के रूप में दर्शाया गया है, लेकिन कहा जाता है कि लंकापति रावण सभी शास्त्रों का ज्ञाता और महान पंडित था। ज्योतिष व तंत्र विद्या की भी रचना उसी के द्वारा की गयी थी, इसीलिए रावण संहिता में दशानन द्वारा ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत को चमका सकता है। तो चलिए आज आपको इस लेख के द्वारा बताते है, रावण संहिता में दिए गए कुछ विशेष उपाय।
रावण संहिता के उपाय
- रावण संहिता के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमज़ोर है तो उसे प्रातकाल जल्दी उठकर, स्नान आदि के बाद किसी वृक्ष के नीचे आसन पर बैठकर रूद्राक्ष की माला लेकर ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि कोई इस मंत्र को 21 दिन तक लगातार कर ले तो उसके जीवन में धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।
- समाज या ऑफ़िस में अपना कद बढ़ाना चाहते हैं, तो रावण संहिता के अनुसार बिल्वपत्र को पीसकर, उसमें बिजौरा नींबू और बकरी का दूध डालकर मिलाएं और फिर उस मिश्रण से तिलक लगाएँ। ऐसा करने से उन्नति के द्वार खुलेंगे
- रावण संहिता में दुर्वा यानि घास को बहुत ही चमत्कारी माना गया है। धन प्राप्ति के लिए सफेद गाय का दूध और दुर्वा को मिलाकर उसका तिलक करने से धन लाभ का योग बनता है।
- यदि आप समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की चाह रखते हैं, तो रावण संहिता के अनुसार आप अपामार्ग के बीज को पीस ले और उसे बकरी के दूध में मिलाकर उसका लेप बना कर, लगा लें। ऐसा करने से समाज में आपका यश बढ़ेगा ।
- यदि धन प्राप्ति में बार-बार रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है, तो रावण संहिता में दिए “ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा” इस मंत्र का जाप लगातार 40 दिनों तक करने से महालक्ष्मी की कृपा बढ़ती है और धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
आपको बता दें कि इस लेख में बताये गए सभी उपाय तंत्रोक्त हैं, और इन सभी उपायों को करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इसीलिए बेहतर होगा कि इन सभी उपायों को किसी तांत्रिक या विशेषज्ञ के दिशा-निर्देश में ही करें नहीं तो ये उपाय निष्फल भी हो सकते हैं। उम्मीद है इस लेख में दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद।
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