पी चिदंबरम INX मीडिया केस: क्या ग्रहों के फेर में फंस गए पूर्व केंद्रीय मंत्री?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम इन दिनों CBIऔर ED के निशाने पर हैं। INX मीडिया केस में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी ख़ारिज होने के बाद और सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार से पहले सुनवाई ना होने के कारण बुधवार 21 अगस्त 2019 को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। हमने संबंध में पी चिदंबरम की कुंडली का विश्लेषण किया और जानने का प्रयास किया है कि आखिर इस सभी घटनाक्रम के पीछे कौन से ग्रह और गोचर जिम्मेदार हैं, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि आखिर यह INX मीडिया केस क्या है, जिसकी वजह से चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया है। 

INX मीडिया केस 

यदि जांच एजेंसियों के दावे की बात की जाए तो वर्ष 2007 में चिदंबरम भारत के वित्त मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने उस दौरान इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी की कंपनी INX मीडिया को मंजूरी दिलाई थी। इस मंजूरी के उपरांत कंपनी में कथित तौर पर विदेशी निवेश आया जो कि लगभग 305 करोड़ के आसपास का था, जबकि कंपनी को केवल 5 करोड़ के निवेश की ही अनुमति प्रदान की गई थी।  

इतने बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश से खुद को बचाने के लिए कथित तौर पर आईएनएक्स मीडिया ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के साथ सरकारी अफसरों को प्रभावित करने का प्रयास किया और इस दौरान कार्ति चिदंबरम पर रिश्वत लेने के आरोप भी लगे। CBI के अनुसार कार्ति चिदंबरम के कंट्रोल वाली एक प्राइवेट कंपनी को पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के मीडिया हाउस से फंड ट्रांसफर किए गए थे। सीबीआई का यही आरोप है कि कार्ति ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और INX मीडिया को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस हासिल करवाने में मदद की थी।  

इस मामले में 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई और ED ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान एयरसेल-मैक्सिस डील की जांच की शुरुआत से इस मामले पर से पर्दा हटा। ED ने मामले की जांच की तो घूसखोरी की बातें पता चली और उसके बाद आईएनएक्स मीडिया की प्रोमोटर रहीं इंद्राणी मुखर्जी सरकारी गवाह बन गई। इसी वजह से ही चिदंबरम की मुसीबतें बढ़ती गईं। 

वर्ष 2018 में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में और प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में चिदंबरम  की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान की। उसके बाद 25 जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने दोनों मामलों में इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और 20 अगस्त 2019 को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।  यही वजह रही कि दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद सीबीआई द्वारा उन्हें बुधवार 21 अगस्त 2019 को हिरासत में ले लिया गया। 

पी चिदंबरम: जन्म कुंडली का किस्मत कनेक्शन 

हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार पी चिदंबरम की जन्म कुंडली का अध्ययन किया गया। 

पी चिदंबरम जन्म कुंडली

  • हमारे पास उपस्थित जन्म कुंडली के आधार पर पी चिदंबरम का जन्म लग्न मीन है तथा जन्म राशि धनु है। 
  • इनका जन्म पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ और वर्तमान में इन पर शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जो 29 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेगी और उसके बाद सूर्य की अंतर्दशा प्रारंभ हो जाएगी। 
  • वर्तमान समय में इनकी राशि धनु पर शनिदेव वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं जिसकी वजह से इनकी साढ़ेसाती का मध्य चरण चल रहा है। शनि का यह गोचर लग्न से दशम भाव में है और जन्म कालीन केतु पर भी है। इसके अतिरिक्त  शनिदेव का यह गोचर जन्म कालीन राहु और शनि और मंगल से सप्तम भाव में चल रहा है। 
  • शनि इनकी कुंडली में ग्यारहवें और बारहवें भाव का स्वामी होकर चतुर्थ भाव में मंगल और राहु के साथ विराजमान हैं और पुनर्वसु नक्षत्र में है। 
  • शुक्र इन की कुंडली में तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और पंचम भाव में कर्क राशि में बैठा है तथा अश्लेषा नक्षत्र में है। 
  • इस प्रकार कुंडली में वर्तमान समय में चतुर्थ भाव, दशम भाव दोनों ही पीड़ित अवस्था में नजर आ रहे हैं। इसके साथ-साथ कुंडली के अशुभ भावों के स्वामियों की दशा चल रही है क्योंकि आठवां और बारहवाँ भाव अधिक अनुकूल परिणाम देने वाले नहीं माने जाते। 
  • चतुर्थ भाव पीड़ित होने से घर में अशांति और चित्त में अप्रसन्नता होगी और शनि, मंगल, राहु का संयोग होने से मानसिक चिंताओं के साथ-साथ अनेक प्रकार की परेशानियों में घिरे रहने का समय है। 
  • दशम भाव में भी स्थिति अनुकूल नहीं है जिसकी वजह से जिस पार्टी की से जुड़े हैं, वह इनके कारण परेशानियों में घिर सकती है। 
  • यदि आज के गोचर पर नजर डालें तो राशि स्वामी बृहस्पति का गोचर 12वें स्थान पर हो रहा है तथा मंगल की दृष्टि भी बारहवें स्थान पर है। कुंडली का बारहवाँ भाव जेल के बारे में बताता है। शनि गोचर के दौरान वक्री है और वक्री स्थिति में चंद्र राशि से बारहवें भाव को भी प्रभावित कर रहा है। 
  • वास्तव में इनके लिए यह काफी कठिन समय है और जनवरी 2020 तक जब तक शनि का गोचर मकर राशि में नहीं होगा इनके लिए काफी मुश्किलों भरा समय रहने वाला है। हालांकि गुरु बृहस्पति का धनु में गोचर होने के बाद स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ सकता है, लेकिन फिर भी इन्हें सावधान रहना होगा क्योंकि यह समय इतना चुनौतीपूर्ण रहेगा जितना आज तक नहीं रहा। 

कुल मिलाकर कहा जाए तो ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि पी चिदंबरम के लिए आने वाला समय किसी चुनौती से कम नहीं है और क्योंकि इनका संबंध कांग्रेस पार्टी से रहा है इसलिए पार्टी पर भी आक्षेप लगते रहने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी इसे विरोधियों की साज़िश करार देती रहेगी।

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