उत्तर भारत में विशेष रूप से मनाये जाने वाले त्यौहार हरतालिका तीज की तैयारी जोरों शोरों से शुरू हो चुकी है। ये त्यौहार खासतौर से महिलाओं के लिए बेहद अहमियत रखता है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव से अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन महिलाएं विशेष श्रृंगार कर और नए वस्त्र धारण कर बिना जल और भोजन के व्रत रखती हैं। हर साल आने वाले इस त्यौहार का इंतज़ार सभी महिलाओं को बेसब्री से रहता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं साल 2019 में हरतालिका तीज की तारीख, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े अन्य तथ्यों को। आइये जानते हैं कब मनाया जाना है इस साल हरतालिका तीज।
हरतालिका तीज 2019 शुभ तारीख और शुभ समय
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2019 में हरतालिका तीज आने वाले 1 सितंबर को मनाया जाएगा। चूँकि इस त्यौहार के आने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है इसलिए इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी है। बता दें कि 1 सितंबर रविवार के दिन सुबह 8 बजकर 27 मिनट पर तृतीया तिथि शुरू होते ही ये व्रत भी शुरू हो जाएगा और 2 सितंबर को सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा। हरतालिका तीज पर मुख्य पूजा शाम के समय की जाती है, जिसका शुभ मुहूर्त है शाम 6 बजकर 43 मिनट से रात के 8 बजकर 58 मिनट तक।
हरतालिका तीज का महत्व
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत खासतौर से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन कुंवारी लड़कियां व्रत रखकर मनवांछित पति प्राप्त कर सकती हैं। इस दिन विशेष रूप से महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहँदी लगाती हैं। सुहागिन स्त्रियों को उनकी सास द्वारा इस दिन नए कपड़े और गहने भेंट स्वरुप दिए जाते हैं। इसलिए भी इस त्यौहार की तैयारी काफी पहले से शुरु कर दी जाती है। महिलाएं इस दिन खासतौर से भगवान् शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। पूरे दिन बिना पानी और फलहार का किया जाने वाले इस व्रत को बेहद कठिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने सबसे पहले हरतालिका व्रत रखा था जिसके फलस्वरूप उन्हें महादेव पति के रूप में मिले। तब से आज तक महिलाएं इस व्रत को श्रद्धा पूर्वक पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ करती आ रही हैं।
इस व्रत से जुड़े कुछ प्रमुख नियमों का पालन जरूर करें
जैसा की हमनें आपको पहले ही बताया है की हरतालिका तीज का व्रत रखना बेहद कठिन माना जाता है। लिहाजा इस दिन कुछ प्रमुख नियमों का पालन किया जाना भी बेहद अहम माना जाता है। आइये जानते हैं इस दिन पालन किये जाने वाले प्रमुख नियमों के बारे में।
- इस दिन व्रती महिलाओं का जल ग्रहण करना निरीह माना जाता है। व्रत खोलने के बाद ही जल ग्रहण करने का विधान है।
- एक बार हरतालिका तीज व्रत करने के बाद इसे छोड़ना नहीं चाहिए। हर साल विधि पूर्वक इस व्रत को जरूर करना चाहिए।
- हरतालिका तीज के दिन रात में जागकर भजन कीर्तन किया जाना चाहिए।
- ये व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ ही कुंवारी लड़कियां और यहाँ तक की विधवा महिलाएं भी रख सकती हैं।
- हर तालिका तीज व्रत कुंवारी कन्या, सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। शास्त्रों में विधवा महिलाओं को भी यह व्रत रखने की आज्ञा है।