17 जुलाई से सावन के पावन माह का शुभारंभ हो चुका है। भगवान भोलेनाथ के प्रिय इस महीने में शिव भक्त उन्हें मनाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसलिए वो शिव जी के निराकार स्वरूप शिवलिंग का अभिषेक कर उनका आर्शीवाद पाने की पुरजोर कोशिश करते दिखाई देते है। जिससे ज्ञात होता है कि शिव पूजा में इसकी सर्वाधिक मान्यता है।
हिन्दू धर्म में शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित बताए गए हैं। जिस कारण जो भी भक्त शिवलिंग की उपासना करता है उसे शिव और शक्ति दोनों का ही आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। शिवलिंग की महत्ता को देखते हुए शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के शिव लिंगों की पूजा करने का भी प्रावधान निर्धारित किया गया है जैसे- स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, सोने और चांदी के शिवलिंग और पारद शिवलिंग। हालांकि सभी अन्य शिवलिंग में से स्वयंभू शिवलिंग की पूजा को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी बताया गया है, लेकिन इसकी पूजा विधि और स्थापना के लिए भी कुछ विशेष नियम बताए गए हैं।
शिवलिंग की स्थापना से जुड़े इन खास नियमों का रखें ध्यान:-
- शास्त्रों में शिव जी की पूजा के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण शिवलिंग की पूजा उपासना को माना गया है।
- शिव पुराण अनुसार शिवलिंग को घर में अलग तरह से स्थापित किया जाता है जबकि इसे मंदिर में बिलकुल अलग तरीके से स्थापित किये जाने का विधान है।
- शिवलिंग कहीं भी स्थापित हो पर लेकिन उसकी वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना अनिवार्य होता है।
- ध्यान रखें कि घर में स्थापित किया जाने वाला शिवलिंग आकार में बहुत ज्यादा बड़ा न हो। इसका आकार अधिक से अधिक 6 इंच तक का ही होना चाहिए।
- हालांकि मंदिर में कितने भी बड़े आकार का शिवलिंग स्थापित किया जा सकता है।
- विशेष उद्देश्यों तथा कामनाओं की प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करना बेहद कारगर व फलदायी माना गया है।
शिवलिंग की पूजा के दौरान मुख्य तौर पर इन चीज़ों को ज़रूर करें अर्पित:-
- भगवान शिव की आराधना के लिए जल और बेलपत्र, दोनों का ही विशेष महत्व होता है।
- जल और बेलपत्र को अर्पित कर शिव जी की विधिवत पूजा की जा सकती है।
- इसके साथ ही कच्चा दूध, सुगंध, गन्ने का रस, चंदन, आदि से भी शिव जी का अभिषेक करना बेहद फलदायी सिद्ध होता है।
- ध्यान रहे कि भूल से भी शिव जी को कभी सेमल, जूही, कदम्ब और केतकी अर्पित न करें, इससे महादेव क्रोधित हो जाते हैं।
शिवलिंग पर वस्तु अर्पित करते समय इन बातों का रखें ध्यान-
- शिव लिंग पर किसी भी प्रकार के जलीय पदार्थ अर्पित करते समय उसकी धारा बनाकर ही शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ होता है।
- हालांकि कोई भी ठोस पदार्थ अर्पित करते समय, उसे अपने दोनों हाथों से शिवलिंग पर चढ़ाए या लगाए।
- शिव लिंग पर कुछ भी अर्पित करें, लेकिन याद रहे अंत में जल ज़रूर अर्पित कर शिवलिंग की पूजा विधि संपूर्ण करें।
- शिव लिंग पर कभी भी तामसिक चीज़ें अर्पित नहीं करनी चाहिए, साथ ही किसी प्रकार का कोई मारण प्रयोग भी शिवलिंग पर करना बेहद अशुभ माना जाता है।