हाल ही में पहले सिंदूर और मंगल सूत्र पहनने पर और अब इस्कॉन मंदिर में पहुँचने पर एक बार फिर टीएमसी की नवनिर्वाचित मुस्लिम सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां फिर कुछ कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं। बता दें कि 4 जुलाई, गुरूवार को नुसरत जहां भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने इस्कॉन मंदिर पहुंची जहाँ उन्होंने पूजा अर्चना भी की।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची थी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में
जगन्नाथ की रथ यात्रा में नुसरत के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थी। नुसरत जहां ने यात्रा में पूजा के बाद वहां मौजूद पत्रकारों से बातचीत भी की। जिस दौरान उन्होंने ये कहा कि “मैं धन्य हूं कि भगवान ने मुझे अवसर दिया। युवा भारत समावेशी भारत, धर्मनिरपेक्षता, मानवता के लिए खड़ा है। मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं इस्कॉन की आभारी हूं। दीदी (ममता बनर्जी) ईद के लिए आती हैं लेकिन उसमें कोई राजनीति नहीं होती।”
खुद पर फतवा जारी होने की बात पर नुसरत ने दिया बड़ा बयान
बता दें कि इस मामले से पहले नुसरत को हिन्दू रीति-रिवाज़ के अनुसार सिंदूर लगाने और मंगलसूत्र पहनने पर कई कट्टरपंथियों ने फतवा जारी कर दिया था। जिसके ऊपर भी मीडिया के सामने बेबाकी के साथ नुसरत ने बोलते हुए मुंह तोड़ जवाब दिया कि “मैं उन बातों पर ध्यान नहीं देती, जो निराधार हैं। मैं अपना धर्म जानती हूं। मैं जन्म से मुसलमान हूं और अब भी मुसलमान हूं। यह सब विश्वास के बारे में है। आपको इसे अपने दिल से महसूस करना होगा और आपके दिमाग से नहीं।” नुसरत जहां ने मीडिया को खुद के ऊपर फतवा जारी होने की खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सबको हैरान कर दिया। उनके इस बयान पर अब देश-विदेश के लोग भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
मौलवियों के एक धड़े ने सिंदूर लगाने पर नुसरत के खिलाफ जारी किया था फतवा
जानकारी के लिए बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब नुसरत सुर्ख़ियों में आई हो। इससे पहले भी देवबंद के मौलवियों के एक धड़े ने नुसरत जहां के खिलाफ कथित तौर पर ‘फतवा’ जारी करते हुए उन्हें निशाना बनाया था। ये फतवा इस संदर्भ में सुनाया गया जब पश्चिम बंगाल के बसीरहाट से पहली बार सांसद बनकर नुसरत जहां 25 जून को पहली बार संसद में सिंदूर और मंगलसूत्र पहने पहुंची थीं और साथ ही उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में अंत में अपनी शपथ ‘वंदे मातरम’ के साथ खत्म की थी।
शादी के बाद नुसरत के वस्त्र को बताया था ‘गैर इस्लामिक’
गौरतलब है कि अभिनेत्री रह चुकी नुसरत जहां ने व्यवसायी निखिल जैन से इसी जून में तुर्की में शादी रचाई थी और इसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने पहली बार संसद पहुंचकर शपथ ली थी। जिसके चलते इस संबंध में कई मुस्लिम मौलवियों ने ये दावा करते हुए उन पर निशाना साधा था कि नुसरत जहां ने जैन धर्म में शादी कर इस्लाम का अपमान किया है। साथ ही मुस्लिम मौलवियों ने उनके वस्त्र को भी ‘गैर इस्लामिक’ बताते हुए उनके खिलाफ फतवा जारी किया था।
जामिया शेख उल हिंद के मुफ्ती ने जताई थी नुसरत की शादी पर आपत्ति
इस मामले ने उस वक़्त तूल पकड़ा था जब जामिया शेख उल हिंद के मुफ्ती असद कासमी ने नुसरत को गैर मुस्लिम करार करते हुए ये दावा किया था कि ‘मुस्लिमों की शादी मुस्लिमों में ही हो सकती है और वे केवल अल्लाह के सामने झुक सकते हैं, इस्लाम में वंदे मातरम, मंगलसूत्र और सिंदूर के लिए कोई जगह नहीं है और ये चीजें धर्म के खिलाफ हैं।’
जिसके बाद सभी फतवों और आलोचनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नुसरत जहां ने शनिवार की रात को ट्वीट भी किया था कि “किसी भी धर्म के कट्टरपंथियों के बयानों पर ध्यान देना या प्रतिक्रिया देना केवल नफरत और हिंसा को बढ़ावा देना है और इतिहास इसका गवाह है। समग्र भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं जो जाति, पंथ और मजहब के दायरे से परे है। मैं अब भी मुसलमान हूं और किसी को यह नहीं बताना चाहिए कि मैं क्या पहनूं… मजहब कपड़े से परे होता है।’
नुसरत को देश भर के लोगों का मिला था समर्थन
बता दें कि अपने पहनावे पर कट्टरपंथियों के निशानों और बयानों पर जिस प्रकार नुसरत ने अपनी प्रतिक्रिया दी उस पर केंद्र की सत्ताधारी भाजपा की कई महिला नेताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों से उन्हें समर्थन मिला था। ऐसे में अब यात्रा के दौरान पूजा अर्चना के बाद कौन-कौन क्या बयान देगा ये देखना बेहद दिलचस्प होगा।