बीते गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे बहु विवाह और हलाला जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग की है। इससे पहले उन्होनें मोदी सरकार के तीन तलाक कानून को रद्द करने और उस दिशा में कठोर कदम उठाने के लिए सरकार की तारीफ भी की। लेकिन दूसरी तरफ उन्होनें इस बात पर अपनी मायूसी भी जाहिर की है कि मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं की सिर्फ एक समस्या का ही समाधान किया है।
हलाला और बहु विवाह के संबंध में स्वाति मालीवाल ने दिया ये बयान
आपको बता दें कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बीते गुरुवार को सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से हलाला और बहु विवाह के बाबत कड़े कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने तुर्की, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि जब ऐसे मुस्लिम देशों में तीन तलाक पर कड़े कानून बनाये जा सकते हैं तो फिर इस दौड़ में भारत पीछे क्यों रहे। इसके साथ ही उन्होनें कहा कि देश से तीन तलाक जैसी कुरीति को हटाने के बाद हलाला और बहु विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए भी सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। स्वाति मालीवाल ने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए ये भी कहा की इस प्रकार की सामाजिक विपदाएं देश को गर्त में ले जाने का ही काम करती हैं।
महिला उत्थान के लिए लागू अन्य कानून को बताया प्रशंसनीय
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होनें कहा कि बाल विवाह, दहेज़, सती प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या आदि ऐसी सामाजिक बुराईयां हैं जिसके लिए हमारे देश के कानून व्यवस्था में सजा का प्रावधान है। इन बुराईयों के खिलाफ बनाये गए कानून से महिलाओं का काफी हद तक उत्थान हुआ है। लेकिन हमारे समाज में अभी भी हलाला और बहु विवाह जैसी कुरीतियां बनी हुई है जिसके लिए उन्होंने नरेंद्र मोदी को बाकायदा पत्र लिखकर उनसे इस दिशा में कठोर कदम उठाने की गुज़ारिश की है।
बहु विवाह के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पीएम को लिखे खत में खासतौर पर उनसे गुहार लगायी है कि जिस प्रकार से तीन तलाक पर कानून बनाये गए हैं उसी प्रकार से उन्हें मुस्लिम समाज में एक से अधिक विवाह करने के खिलाफ भी कड़े कानून का प्रावधान करना चाहिए। स्वाति मालीवाल ने कहा कि तीन तलाक का प्रावधान तो खत्म कर दिया गया है लेकिन अभी भी मुस्लिम मर्द एक बीबी के रहते हुए और उन्हें बिना तलाक दिए भी एक से ज्यादा निकाह कर सकते हैं। प्रधानमंत्री से उन्होनें इस बाबत बेहद कड़े कानून बनाने की मांग की है।