हनुमान जयंती 2021- सौभाग्य हनुमत मंत्र से करें साक्षात हनुमान जी के दर्शन

हिन्दू धर्म के सभी देवी देवताओं में हनुमान जी को बेहद प्रमुख देवता माना जाता है। हर साल हनुमान जी के जन्म दिवस के रूप में हनुमान जयंती मनाई जाती है। साल 2021 में हनुमान जयंती, 27 अप्रैल को चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जायेगी। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जयंती के दिन यदि कोई भी हनुमत प्रयोग किया जाए तो वो विशेष रूप से सफल जरूर होता है। आज हम आपको सौभाग्य हनुमत प्रयोग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके प्रयोग से आप हनुमान जी से मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। तो आईये जानते हैं की इस हनुमान जयंती किस प्रकार से आप सौभाग्य हनुमत प्रयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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कब और कैसे करें सौभाग्य हनुमत प्रयोग

हनुमत प्रयोग यूँ तो कभी भी किया जा सकता है, लेकिन विशेष फल प्राप्ति के लिए इसे अगर आधी रात को किया जाए तो इसके परिणाम काफी प्रभावशाली होते हैं। सौभाग्य हनुमत प्रयोग करने से पहले घर में स्थापित मंदिर में एक चौकी लगाकर उस पर लाल वस्त्र  बिछाएं और गुलाब के फूल या हजारे की पंखुड़ी से अष्टदल कमल का निर्माण करें। अब इसके ऊपर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। आप चाहे तो मूर्ति के स्थान पर हनुमान जी का चित्र या यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं। अब निम्नलिखित विधि के अनुसार इस प्रयोग को प्रारंभ करें।

विनियोग : सबसे पहले हाथ में जल लेकर “ॐ  अस्य श्रीसौभाग्य-हनुमत-महा मंत्रस्य श्रीराम चंद्र ऋषिः, अति – जगती छन्दः, श्रीहनुमान-परमात्मा रुद्रो देवता, हनुमान-इति बीजमं, वायुर्देवता इति शक्तिः, अञ्जनीसुत इति कीलकमं, श्री हनुमत- प्रसाद -सिद्धयर्थे-जपे विनियोगः” मंत्र का उच्चारण करें।

मंत्रोच्चारण के बाद हाथ में लिए जल को चौकी पर रखें और किसी खाली बर्तन में अर्पित कर दें। इसके बाद करन्यास की विधि की जानी चाहिए।

करन्यास : अब निम्नलिखित मंत्रों का जाप करते हुए करन्यास करें।

ॐ हं हनुमत अंगुष्ठाभ्यां नमः।

ॐ वं वायुदेवतायै तर्जनीभ्यां नमः।

ॐ अं अञ्जनीसुताय मध्यमाभ्यां नमः।

ॐ रं रामदूताय अनामिकाभ्यां नमः।

ॐ हं हनुमते कनिष्ठिकाभ्यां नमः।

ॐ रुद्रमूर्तये कर -तल – कर पृष्ठभ्यां नमः।

ह्रदयादिन्यासः

ॐ हं हनुमत ह्रदयाय नमः।

ॐ वं वायुदेवतायै शिरसे स्वाहा।

ॐ अं अञ्जनीसुताय शिखायै वषट।

ॐ रं रामदूताय कवचाय हुं।

ॐ हं हनुमते नेत्र- त्रयाय वौषट।

ॐ रं रुद्रमूर्तये अस्त्राय फट।

इसके बाद हाथ में फूल लेकर “पञ्च- वक्त्रं महा भीमं त्रि -पञ्च- नयनैर्युतम। बाहुभिर्दशभिः प्रोक्तं सर्व – कामार्थ – सिद्धदम। पूर्वं च वानरं प्रोक्तं कोटि-सूर्य-सम-प्रभम। दंष्ट्रा – कराल – वंदनं भ्रुकुटी – कुटिलेश्वरम। अत्युग्र – तेजसं वर्यं भीषणं भय – नाशनम। पवनाद्री – प्रशमनं सर्व – भूत – निकृन्तनम। उत्तरे सूकरं वक्त्रं कृष्णदीप्तिं नभो-निभम। पाताल – निधि – भेत्तारं ज्वर -रोग- निकृन्तनम। कुर्वन संतोषणं तेषां सर्व – शत्रु – हरं परम” मन्त्र का उच्चारण करें।

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मंत्रोच्चारण के बाद हाथ में लिए फूल को चौकी पर विराजित हनुमान जी को अर्पित करें। इसके बाद निम्नलिखित मंत्रों के उच्चारण के साथ पूजा करें।

  • चन्दन या रोली लगाते हुए सबसे पहले इस मंत्र का जाप करें “ॐ हं हनुमते नमः। गन्धं समर्पयामि”
  • अब फूल अर्पित करते हुए इस मंत्र  का जाप करें “ॐ वं वायुसुताय नमः। पुष्पं समर्पयामि।”
  • इसके बाद धूप दिखाते हुए इस मन्त्र का जाप करें “ॐ अं अंजनीसुताय नमः। धूपम आघ्रापयामि।”
  • इसके बाद हनुमान जी को दीप दिखाते हुए “ॐ रं रामदूताय नमः। दीपं  दर्शयामि।” मन्त्र का जाप करें।
  • अब नैवेद्य या प्रसाद का चढ़ावा करते हुए “ॐ रुं रुद्रमूर्तये नमः। नैवेद्यं निवेदयामि।” मन्त्र का जाप करें।

इस प्रकार से इन पांच तरीकों से पूजा करने के बाद दोनों हाथों को जोड़कर हनुमान जी से पूरे मन से प्रार्थना करें और मूल मंत्र के जाप से पहले निम्नलिखित माला मंत्र का तीन बार जाप जरूर करें।

“ॐ राम दूताय अंजनी वायु सुताय महा बलाय सीता शोक दुःख निवारणाय लंकोपदहनाय बाहु बल प्रचण्डाय फाल्गुन सखाय कोलाहल ब्रह्माण्ड विश्व रूपाय सप्त समुद्र नीर लंघनाय पिङ्गं नयनायामित विक्र्माय सूर्य बिम्ब फल सेविताय दृष्टि निरालंकृताय संजीव संजीवित लक्ष्मणाङ्गद सुग्रीव महाकपि सैन्य प्राण निर्वाहकाय दश कण्ठ विध्वंसन कारण सेविताय श्रीसीता समेत श्रीरामचन्द्र मूर्त्तये स्वाहा”।।

इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ सौभाग्य हनुमन्महामंत्र का अपनी शक्ति के अनुसार जाप करें। इस दौरान “ॐ हनुमन वायुदैवताय अञ्जनासुत रामदूत हनुमन रुद्रमूर्त्तये स्वाहा।”  मंत्र  का कम से कम 108 बार जाप करें। आप चाहें तो इस मन्त्र का जाप अपनी इच्छानुसार 108 बार से अधिक भी कर सकते हैं। इस मन्त्र के जाप के बाद माला मंत्र का फिर से तीन बार जाप करें। सौभाग्य हनुमत महामंत्र का प्रयोग कम से कम 40 दिनों तक करना चाहिए। इस प्रयोग के बाद आपको हनुमान जी से  मनवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।

सौभाग्य हनुमत मंत्र प्रयोग के विशेष लाभ

इस हनुमत मंत्र प्रयोग से विशेष रूप से सभी भयों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से सोते वक़्त, सुबह उठने के बाद, किसी यात्रा के दौरान और युद्ध के मैदान में होने वाली भय की अनुभूति से मुक्ति मिलती है। इस प्रयोग से इन सभी प्रकार के भय से आप मुक्त हो सकते हैं और एक भयमुक्त जीवन गुजार सकते हैं। चूँकि हनुमान जी को सभी भयों से मुक्ति दिलाने वाले भगवान् के रूप में जाना जाता है, लिहाजा इस सौभाग्य हनुमत प्रयोग से मनवांछित फल मिलने के साथ ही साथ सभी प्रकार के भय से भी मुक्ति मिलती है।

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आगे की विधि

सौभाग्य हनुमत प्रयोग को करने से पहले संकल्प करना चाहिए और तदुपरांत निम्नलिखित श्लोक का जाप करते हुए हनुमान जी का ध्यान विशेष रूप से करना चाहिए:

“उल्लङ्घय सिन्धोः सलिलं सलीलं यः शोकवह्नि जनकात्मजायाः।

आदाय तेनैव ददाह लङ्कां नमामि तं प्राञ्जलिराञ्जनेयम।।”

इसके बाद हनुमान जी को दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करें और अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें।

इस प्रकार से सौभाग्य हनुमत महामंत्र प्रयोग की क्रिया समाप्त होती है। तो इस हनुमान जयंती पर आप भी इस प्रयोग के द्वारा हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और भय से मुक्ति पा सकते हैं।

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