शनि कुंभ राशि में मार्गी: देश-दुनिया को किस तरह करेंगे प्रभावित? जानें!
एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको “शनि कुंभ राशि में मार्गी” के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय एवं प्रभाव आदि। ज्योतिष में शनि देव को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो अपने प्रभाव से राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में, इनकी चाल, दशा या राशि में होने वाला बदलाव सभी राशियों समेत देश-दुनिया को प्रभावित करता है। अब शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। ऐसे में, हमारा यह ब्लॉग आपको शनि कुंभ राशि में मार्गी का विश्व पर पड़ने वाले प्रभावों से अवगत करवाएगा।
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को अनुशासन, प्रतिबद्धता और संरचना का कारक ग्रह माना गया है। साथ ही, इनका संबंध कड़ी मेहनत, जीवन में सीमाएं स्थापित करने और समस्याओं एवं बाधाओं से मिलने वाले सबक से है। हालांकि, शनि महाराज को एक शिक्षक माना गया है जो व्यक्ति को जीवन में महत्वपूर्ण शिक्षा देते हैं और कभी न भूलने वाले सबक सिखाते हैं।
अनुशासन एवं प्रतिबद्धता: शनि देव किसी व्यक्ति को जीवन में जिम्मेदारियों के महत्व को समझाते हैं और ऐसे में, यह हमें जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ-साथ उनसे मिलने सबक से सीखने के लिए प्रेरित करते हैं।
संरचना और सीमाएं: शनि ग्रह का संबंध एक शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए सीमाएं स्थापित करने से भी है क्योंकि यह हमें सिखाते हैं कि जीवन में हमने हमारे और दूसरों के लिए क्या सीमाएं स्थापित की हैं।
समस्याएं और प्रगति: शनि महाराज एक व्यक्ति के जीवन में समस्याएं लेकर आने के लिए जाने जाते हैं जो आपको मुश्किल लग सकती हैं। हालांकि, आपके जीवन की यह समस्याएं आपको परिपक्व बनाती हैं और आपके लिए प्रगति लेकर आती हैं।
समय और धैर्य: शनि ग्रह से परिणाम प्राप्त करने के लिए धैर्य और लंबे समय तक इंतज़ार करने की जरूरत होती है। यह दर्शाते हैं कि जीवन में मिलने वाली सफलता की रफ़्तार धीमी हो सकती है, लेकिन लगातार प्रयास करने से कामयाबी अवश्य प्राप्त होती है।
वैदिक ज्योतिष में शनि देव को एक प्रमुख ग्रह का दर्जा प्राप्त है और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर इनका गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। कुंडली में शनि की शुभ या अशुभ स्थिति किसी व्यक्ति के जीवन की दिशा निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कुंभ राशि में शनि की विशेषताएं
न्याय केदेवता शनि महाराज कुंडली में जब अपनी राशि कुंभ में विराजमान होते हैं, तो वह व्यक्ति को बुद्धिमान और जिज्ञासु बनाते हैं, उन्हें मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और नए संपर्क स्थापित करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। शनि देव कुंभ राशि के अधिपति हैं जो कि प्रगति, विशिष्टता, लक्ष्य या सपने को सच करने की क्षमता और नई सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में,कुंभ राशि में शनि के तहत जन्मे जातक अपनी रुचि के अनुसार आगे बढ़ना पसंद करते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुंभ राशि का प्रतीक चिन्ह एक स्त्री है जो मटके से पानी नीचे गिरा रही है। आपको बता दें कि मटके से पानी गिराने का अर्थ है अतीत की बातों जाने देना या उन्हें भूलकर आगे बढ़ना, सोच और विचारों पर लगी पाबंदियों को हटाकर एक नई सोच के लिए जगह बनाना। यह सभी विशेषताएं कुंभ राशि में शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करती हैं और ठीक, इसी तरह के गुण शनि कुंभ राशि के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों में भी होते हैं।
शनि के मार्गी होने से सामाजिक स्तर पर कुछ नियमों को सुधारा जा सकता है जिसका सीधा फायदा जनता को मिल सकेगा।
न्यायपालिकाद्वारा लिए गए बड़े फैसलों का असर देश की कानून व्यवस्था पर दिखाई दे सकता है।
इस अवधि में अधिकारियों ने जिन कमियों की तरफ इशारा किया था, उन्हें न्यायपालिका द्वारा दूर करने का प्रयास किया जा सकता है।
विज्ञान एवं तकनीक
शनि मार्गी के दौरान आईटी क्षेत्र मंदी के प्रभाव से बाहर आ सकेगा।
यह अवधि लगभग सभी क्षेत्रों में तकनीक को बढ़ावा देगी।
मेडिकल के क्षेत्र में नए-नए आविष्कार देखने को मिलेंगे।
लेदर, लोहा और स्टील से जुड़े व्यापार
विश्व में लेदर या चमड़े की मांग में वृद्धि होगी।
शनि की मार्गी अवस्था की अवधि में चमड़े से बने हुए सामान पर लगाए जाने वाले टैक्स को कम किया जा सकता है। ऐसे में, इन वस्तुओं का व्यापार और आयात-निर्यात करना आसान हो जाएगा।
इस समय लोहा, स्टील और स्क्रैप से जुड़े उद्योगों का प्रदर्शन शानदार रहेगा क्योंकि इन सभी चीज़ों पर शनि ग्रह का स्वामित्व है।
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शनि कुंभ राशि में मार्गी: शेयर बाजार रिपोर्ट
ज्योतिष के अनुसार, सौरमंडल में शनि दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है जो मनुष्य के जीवन समेत विश्व को अत्यधिक प्रभावित करता है। हमारे ब्लॉग के इस सेक्शन में हम आपको बताएंगे कि 15 नवंबर 2024 को शनि कुंभ राशि में मार्गी होकर शेयर बाजार को किस तरह प्रभावित करेंगे। साथ ही, आप शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से शेयर बाज़ार भविष्यवाणी पर जान सकते हैं। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं शनि मार्गी होकर शेयर बाजार को कैसे परिणाम देंगे।
आईटी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
शनि मार्गी के दौरान ट्रांसपोर्ट और टेलिकम्युनिकेशन से संबंधित क्षेत्र काफ़ी शानदार प्रदर्शन करेंगे।
इस अवधि में पब्लिक और फार्मास्युटिकल क्षेत्र तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शनि किस तरह के व्यापार को नियंत्रित करते हैं?
शनि देव चमड़ा, स्टील, लोहा, ज्योतिष, गूढ़ विज्ञान आदि के स्वामी माने गए हैं।
2. शनि ग्रह किस राशि के स्वामी हैं?
राशि चक्र में शनि महाराज मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं।
3. शनि ग्रह की विशेषताएं क्या हैं?
ज्योतिष में शनि महाराज को अनुशासन, जिम्मेदारी और कड़ी मेहनत का ग्रह माना जाता है।
प्रेम के देवता शुक्र करेंगे धनु राशि में गोचर- इन राशियों का खुलेगा भाग्य!
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम और सुख का कारक माना गया है। शुक्र ग्रह हर 28 दिन में राशि परिवर्तन करते हैं और अब वह 07 नवंबर को सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं और शुक्र इस राशि में 02 दिसंबर तक रहेंगे, इसके बाद वे मकर राशि में गोचर कर जाएंगे। इस दिन शूल योग भी बन रहा है। यह योग 07 नवंबर को सुबह 09 बजकर 50 मिनट पर शुरु होगा और इसका समापन 08 नवंबर को सुबह 08 बजकर 27 मिनट पर होगा।
आज इस खास ब्लॉग के ज़रिए हम जानेंगे कि धनु राशि में प्रवेश करने पर शुक्र किन राशियों को सफलता प्रदान करेंगे और किन राशियों के जातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही शुक्र के ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी जानेंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह भौतिक सुख और प्रेम एवं आकर्षण प्रदान करते हैं। पृथ्वी की तुलना में शुक्र सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है इसलिए कुछ अवसरों पर यह पृथ्वी और सूर्य के बीच दिखाई पड़ता है। शुक्र दैत्यों के गुरु हैं और इन्हें शुक्राचार्य के नाम से भी जाना जाता है।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, विवाह और सौंदर्य का कारक माना गया है। कहा जाता है कि अगर कुंडली में शुक्र अशुभ स्थान में बैठा हो, तो इसकी वजह से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। जन्मकुंडली में शुक्र पुरुषों के लिए पत्नी और विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। इसे सातवें घर का स्वामी माना गया है। यदि कुंडली में शुक्र मज़बूत हो, तो वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
शुक्र 07 नवंबर 2024 की सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।
धनु राशि रोमांच और सच्चाई का प्रतीक है। इस राशि में शुक्र के प्रवेश करने पर जातक नई जगहों पर घूमने और नए लोगों को तलाशने या उनसे मिलने में रुचि रखेंगे। धनु राशि में शुक्र के होने से सकारात्मक विचारों और कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
शुक्र के इस गोचर के दौरान रोमांचक कार्य किए जा सकते हैं। कभी-कभी इस राशि में शुक्र के गोचर करने पर व्यक्ति अपनी हद से बाहर जाकर कुछ कर सकता है। शुक्र एक शुभ ग्रह है और इसे प्रेम एवं भौतिक सुखों का कारक माना गया है। इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को अपने जीवन में धन, संपदा और विलासिता मिलती है। शुक्र का धनु राशि में प्रवेश करना सभी राशियों के जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगा।
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शुक्र के गोचर का कैसा रहेगा धनु राशि पर प्रभाव
शुक्र धनु राशि के छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र इस राशि के पहले भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के प्रभाव से आपके ऊपर कर्ज बढ़ सकता है। इसके साथ ही आपकी सेहत में भी गिरावट आने की आशंका है। वहीं योजनाओं की कमी के कारण आपके मार्ग में बाधाएं और अड़चनें आने की आशंका है। कार्यक्षेत्र में आपको अपनी रणनीतियों में बदलाव करने के बारे में सोचना चाहिए।
व्यापारियों के लिए इस समय अधिक मुनाफा कमाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। आपके विरोधी एवं प्रतिद्वंदी आपके ऊपर अधिक दबाव बनाने का प्रयास करेंगे। खर्चे बढ़ने की वजह से आप पैसों की बचत करने में भी असक्षम हो सकते हैं। शुक्र के इस गोचर का असर आपके वैवाहिक जीवन पर भी देखने को मिलेगा। आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा आचरण बनाए रखने में विफल हो सकते हैं। इस वजह से आपके और आपके जीवनसाथी के बीच मतभेद उत्पन्न होने की आशंका है। सेहत के मामले में गलत खानपान की वजह से आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
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शुक्र ग्रह की विशेषताएं क्या हैं
अगर कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थान में बैठा हो, तो व्यक्ति आकर्षक बनता है। उसे अपने जीवन में धन और संपदा की प्राप्ति होती है। इनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती है और ये अपने वैवाहिक जीवन का आनंद लेते हैं।
कुंडली में मज़बूत होने पर या अन्य शुभ ग्रहों के साथ युति करने पर शुक्र वैवाहिक जीवन में खुशियां प्रदान करता है। इन्हें सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती है। वहीं दूसरी ओर, अगर शुक्र पीड़ित है, तो जातक के विवाह में देरी आती है और उसके वैवाहिक जीवन में भी अशांति रहती है। इन्हें संतान प्राप्ति में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
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शुक्र को प्रसन्न करने के लिए कैसे वस्त्र पहनें
यदि आपकी कुंडली में शुक्र अशुभ फल दे रहा है या शुक्र के धनु राशि में गोचर करने पर आपको नकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, तो शुक्र को शांत करने के लिए आप चमकदार सफेद और गुलाबी रंग के वस्त्र अधिक पहनें या इस रंग से जुड़ी चीज़ों का ज्यादा उपयोग करें।
ये रंग शुक्र देव से संबंधित हैं और इनका अधिक उपयोग करने से शुक्र ग्रह आपसे प्रसन्न हो सकते हैं। इसके अलावा शुक्र को खुश करने के लिए अपने पार्टनर और महिलाओं का सम्मान करें। अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रहें।
अगर आपको शुक्र के अशुभ परिणाम मिल रहे हैं, तो आपको इस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करने से शुक्र के प्रकोप से मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए आप शुक्रवार के दिन शुक्र के होरा एवं इसके नक्षत्र के दौरान दान करें। भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा शुक्र के नक्षत्र हैं।
शुक्र ग्रह को शांत एवं प्रसन्न करने के लिए दही, खीर, ज्वार, रंग-बिरंगे कपड़े, इत्र, चावल और चांदी आदि का दान किया जा सकता है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि धनु राशि में शुक्र के गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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मीन राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह को तीसरे और आठवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। शुक्र का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का धनु राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर. शुक्र का गोचर 07 नवंबर को होगा।
प्रश्न 2. शुक्र किन राशियों के स्वामी ग्रह हैं?
उत्तर. शुक्र तुला और वृषभ राशि के स्वामी हैं।
प्रश्न 3. शुक्र को खुश करने के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए?
उत्तर. शुक्र के लिए ओपल स्टोन पहना जाता है।
प्रश्न 4. शुक्र ग्रह को कौन सा दिन समर्पित है?
उत्तर. शुक्र के लिए शुक्रवार का दिन होता है।
क्यों मनाया जाता है छठ का त्योहार, क्या है इस पूजा का महत्व, जानें सही तिथि
सनातन धर्म में हर त्योहार का अपना विशेष महत्व है और इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण त्योहार छठ पूजा है, जो हर साल अधिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से छठ के महापर्व की शुरुआत होती है। इसे ‘सूर्य षष्ठी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस ख़ास अवसर पर छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। छठ पूजा के दौरान 4 दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। पूजा-पाठ के दौरान पवित्रता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह पर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं छठ पूजा की तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।
छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर या नवंबर महीने के बीच ही आती है। इस साल छठ का महापर्व की शुरुआत 05 नवंबर 2024 को दिन मंगलवार से नहाय-खाए से शुरू होकर 08 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा।
सूर्य को अर्घ्य देने का समय
7 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : शाम 05 बजकर 31 मिनट
8 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : सुबह 06 बजकर 38 मिनट
छठ पूजा कैलेंडर 2024
छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय, 05 नवंबर, दिन मंगलवार
छठ पूजा का दूसरा दिन: लोहंडा और खरना, 06 नवंबर, दिन बुधवार
छठ पूजा का तीसरा दिन: छठ पूजा, संध्या अर्घ्य, 07 नवंबर, दिन गुरुवार
छठ पूजा का चौथा दिन: उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण, 08 नवंबर, दिन शुक्रवार
छठ पूजा सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का एक प्रमुख पर्व है, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। छठ पूजा एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 4 दिनों तक चलने वाला त्योहार है और इस दौरान महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं।
इसके अलावा, संतान प्राप्ति की कामना से भी छठ का व्रत करना फलदायी माना गया है। छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है और इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। इस दौरान ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत पारण होता है। इस व्रत का पालन पूरा परिवार एक साथ मिलकर करता है। यह परिवार और समाज के बीच आपसी जुड़ाव और सद्भाव को बढ़ाता है। इस पर्व में स्नेह, प्रेम, और सहयोग की भावना प्रबल होती है।
छठ के चार दिनों का महत्व
छठ पूजा 2024 चार दिनों तक चलने वाला पर्व है, जिसमें हर दिन का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। ये चार दिन पूरी तरह से शुद्धता, तपस्या और भक्ति के लिए समर्पित होते हैं। आइए जानते हैं छठ पूजा के चार दिनों का महत्व।
पहला दिन: नहाय-खाय
छठ पूजा का पहला दिन ‘नहाय-खाय’ कहलाता है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं पवित्रता का पालन करती हुए पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करता हैं। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। इस दिन घर की सफाई की जाती है और भोजन में सिर्फ शुद्ध। भोजन में कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल का विशेष महत्व होता है।
दूसरा दिन: खरना
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है, जिसे अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रतधारी पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और सूर्यास्त के बाद प्रसाद बनाकर उपवास तोड़ते हैं। प्रसाद के रूप में गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन किया जाता है। इसके बाद व्रतधारी अगले 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू करते हैं।
तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य
छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का आयोजन किया जाता है, जिसमें व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पूजा शाम के समय घाट या नदी में की जाती है। इस दिन व्रतधारी व्रत रखकर संध्या समय सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं। पूजा के लिए बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना, और अन्य सामग्री रखी जाती है। परिवार और समाज के लोग एक साथ घाट पर जाकर सूर्य को नमन करते हैं।
चौथा दिन: उषा अर्घ्य
छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने का होता है। इसे ‘उषा अर्घ्य’ कहा जाता है। इस दिन सुबह-सुबह व्रतधारी नदी या जलाशय पर जाकर सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य अर्पित करते हैं। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतधारी अपना व्रत तोड़ते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
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छठ पूजा की सामग्री
छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है। इस दिन पूजा पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए। साथ ही, हर सामग्री का भी विशेष ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं छठ पूजा के दौरान कौन सी सामग्री आवश्यकता होती है।
बांस की टोकरी यानी सूप: इसमें पूजा की सामग्री रखी जाती है।
ठेकुआ: गेहूं के आटे और गुड़ से बना विशेष प्रसाद।
फलों का प्रसाद: केला, नारियल, गन्ना, अनार, सेब, नींबू, और अन्य मौसमी फल।
गंगाजल: स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने के लिए।
नारियल: जल से भरा नारियल पूजा के लिए आवश्यक है।
दीपक: मिट्टी का दीपक और शुद्ध घी।
धूप और अगरबत्ती: सूर्य देव की आरती और पूजन के लिए।
सिंदूर और हल्दी: सुहागन स्त्रियों के लिए विशेष पूजन सामग्री।
कपूर: पूजा में आरती के लिए।
छठ पूजा के नियम
छठ पूजा के नियम बहुत ही कठिन और पवित्र होते हैं। इन नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है क्योंकि इस पूजा में शुद्धता, संयम और अनुशासन का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं छठ पूजा के नियमों के बारे में:
व्रतधारी को पूरे व्रत के दौरान शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। स्नान करने के बाद शुद्ध कपड़े पहनना अनिवार्य है। भोजन से लेकर पूजा तक हर काम में शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
छठ पूजा के दौरान केवल शुद्ध सात्विक भोजन ही किया जाता है। प्याज, लहसुन और मांसाहारी चीज़ों का सेवन वर्जित होता है।
व्रती के द्वारा बनाए गए भोजन में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और इसे मिट्टी या कांसे के बर्तनों में पकाया जाता है।
छठ पूजा का सबसे कठिन नियम निर्जला व्रत है। व्रत रखने वाली महिला खरना के बाद 36 घंटे तक बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखती हैं।
यह व्रत पूरे तप, श्रद्धा और भक्ति से किया जाता है, जिसमें किसी प्रकार का जल या भोजन नहीं लिया जाता।
पूजा की सामग्री जैसे प्रसाद, फल, और अर्घ्य की सामग्री बांस की टोकरी (सूप) में रखी जाती है। यह टोकरी पूजा में महत्वपूर्ण मानी जाती है।
दीपक और अर्घ्य देने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तन भी प्राकृतिक होते हैं, जैसे कि मिट्टी के दीपक।
व्रतधारी को नदी, तालाब, या किसी स्वच्छ जलाशय में स्नान करना अनिवार्य होता है। यह स्नान शरीर और मन की शुद्धि के लिए किया जाता है।
संध्या और उषा अर्घ्य के समय भी जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
इस दिन पूजा करते समय किसी भी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही न करें। पूजा के सभी चरणों में ध्यान और संयम आवश्यक होता है।
व्रती को पूजा के दौरान चमड़े की वस्तुओं से दूर रहना होता है क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है।
प्रसाद बनाने में उपयोग किए जाने वाले बर्तन और चूल्हा भी शुद्ध होना चाहिए और इसे लकड़ी या उपले से जलाया जाता है।
इस दिन व्रत करने वाले जातक को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए।
सूर्य को जल देते समय स्टील या प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल करना भी वर्जित होता है।
छठ पर्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं, जो इस प्रकार है।
पहली कथा
प्राचीन समय में सूर्यवंशी राजा प्रियव्रत और उनकी पत्नी मालिनी ने संतान प्राप्ति के लिए अनेक धार्मिक अनुष्ठान किए, लेकिन उन्हें कोई संतान नहीं हो रही थी। इस कारण राजा बहुत दुखी रहने लगे थे। संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने महर्षि कश्यप के निर्देशानुसार एक यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ के परिणामस्वरूप रानी मालिनी गर्भवती हुईं, लेकिन जब बच्चे का जन्म हुआ, तो वह मृत पैदा हुआ। इससे राजा और रानी को अत्यधिक दुख हुआ और राजा ने आत्महत्या करने का निर्णय किया।
तभी भगवान की कृपा से देवी षष्ठी प्रकट हुईं, जिन्हें छठी मैया के नाम से भी जाना जाता है। देवी ने राजा से कहा कि यदि वह उनकी पूजा करेंगे और श्रद्धा के साथ व्रत करेंगे, तो उन्हें संतान की प्राप्ति होगी। देवी की आज्ञा का पालन करते हुए राजा प्रियव्रत और रानी मालिनी ने छठ व्रत रखा। इसके परिणामस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई।
दूसरी कथा
छठ पूजा की एक और प्रसिद्ध कथा महाभारत काल से जुड़ी है। जब पांडव अपना राजपाट हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। वह सूर्य देव की उपासना करके अपने पति और परिवार की समृद्धि और पुनः राजपाट प्राप्त करने के लिए व्रत करने लगीं। उनकी भक्ति और तपस्या के परिणामस्वरूप पांडवों को खोया हुआ राजपाट और सुख-समृद्धि प्राप्त हुई।
तीसरी कथा
छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की बहन देवी षष्ठी की उपासना इस पर्व में की जाती है। छठी मैया को संतान की रक्षा करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है, और इन्हें विशेष रूप से नवजात शिशुओं और माताओं की रक्षा के लिए पूजा जाता है। यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति से छठी मैया और सूर्य देव की उपासना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
चौथी कथा
महाभारत के अनुसार, कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। वह प्रतिदिन घंटों तक जल में खड़े होकर सूर्य की पूजा करते थे। सूर्य की कृपा से कर्ण महान योद्धा बने और उन्हें अत्यधिक शक्ति और पराक्रम प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि कर्ण ने ही सबसे पहले सूर्य देव की आराधना के रूप में छठ पूजा की शुरुआत की थी।
छठ पूजा 2024: राशि अनुसार आसान उपाय
छठ पूजा के दौरान राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से अधिक लाभ होता है। यहां राशि अनुसार छठ पूजा के विशेष उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर सूर्य देव और छठी मैया की कृपा प्राप्त की जा सकती है:
मेष राशि
मेष राशि के जातक लाल रंग के वस्त्र पहनकर सूर्य देव को लाल चंदन से अर्घ्य दें। यह उपाय शुभ फलदायी होगा और मानसिक शांति प्राप्त होगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोग सफेद रंग का वस्त्र धारण करें और गाय के दूध से सूर्य को अर्घ्य दें। यह उपाय परिवार में सुख-समृद्धि लाएगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी।
मिथुन राशि
हरे रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य को गंगाजल में दूब डालकर अर्घ्य दें। यह उपाय विद्या, बुद्धि और व्यापार में सफलता देगा।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातक चांदी के बर्तन में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य दें और सफेद वस्त्र पहनें। यह उपाय पारिवारिक सुख-शांति बनाए रखेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातक को केसर मिश्रित जल से सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और सुनहरे रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। इससे समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के लोग हरे या हल्के रंग के वस्त्र पहनें और सूर्य को तांबे के बर्तन में जल देकर अर्घ्य दें। यह उपाय आर्थिक उन्नति और स्वास्थ्य लाभ दिलाएगा।
तुला राशि
तुला राशि के जातक नीले रंग के वस्त्र पहनें और सूर्य देव को शहद मिलाकर अर्घ्य दें। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी और मन की शांति मिलेगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोग लाल वस्त्र पहनें और गुड़ मिले जल से सूर्य को अर्घ्य दें। यह उपाय आर्थिक संकट से छुटकारा दिलाएगा।
धनु राशि
इस राशि के जातक छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य को गन्ना अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी संतान शत्रुओं पर विजय प्राप्ति करेगी।।
मकर राशि
मकर राशि के जातक भी छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य देव को कुमकुम डाल कर अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से संतान के जीवन में सुख और वैभव आएगा व आपकी संतान को सफलता की प्राप्ति होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातक छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य व छठी मैया को शरीफे का फल अर्पित करें। व्यापार में अपार सफलता प्राप्त होगी।
मीन राशि
इस राशि के जातक इस पवित्र दिन छठी मैया व सूर्य देवता को सिंघाड़े का फल अर्पित करें। ऐसा करने से करियर में तेज़ी से बढ़ोतरी देखने को मिलेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- 2024 में छठ पूजा कब है?
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। वहीं, इस महापर्व का समापन सप्तमी तिथि पर होता है। ऐसे में यह त्योहार 05 नवंबर से लेकर 08 नवंबर तक चलेगा।
2- छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?
कालांतर से पुत्र प्राप्ति हेतु छठ पूजा की जाती है।
3- छठ माता किसकी पुत्री थी?
पौराणिक कथाओं के मुताबिक छठ मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री और भगवान सूर्य की बहन हैं। षष्ठी देवी यानी छठ मैया संतान प्राप्ति की देवी हैं।
4- छठ माता किसका अवतार है?
देवी कात्यायनी छठवें दिन की देवी हैं, इसलिए कात्यायनी माता ही छठी माता का स्वरूप हैं।
धनु राशि में शुक्र का गोचर: देश-दुनिया सहित राशियों को करेंगे प्रभावित!
शुक्र गोचर 2024: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र के धनु राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे।
बता दें, प्रेम और विलासिता के ग्रह शुक्र 07 नवंबर 2024 को 03 बजकर 21 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि शुक्र के गोचर का राशि सहित देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर अनुकूल व प्रतिकूल, कैसा प्रभाव पड़ेगा।
धनु राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं जो हमें जीवन के अज्ञात पहलुओं को स्वीकार करने और समझ को मज़बूत करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस गोचर के दौरान लोगों के जीवन में प्रेम और रोमांच की भावना बढ़ेगी। जैसे-जैसे आप अपनी भावनाओं को समझेंगे, उतना ही आपका रिश्ता सकारात्मक तरीके से मज़बूत होगा।
धनु राशि में शुक्र ग्रह का गोचर हमें अपने प्रेम जीवन में नयापन लाने और एक ही रूटीन से बाहर निकलने के लिए प्रेरित कर सकता है। इस दौरान आपको नई चीज़ों के माध्यम से मिलने वाले अनुभवों और नए दृष्टिकोण को अपनाने के अवसर मिलेंगे। यह आपके रिश्ते को आगे ले जाने में मदद करेगा। धनु राशि की ऊर्जा किसी व्यक्ति में ईमानदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपनी भावनाओं और लक्ष्यों को दूसरों के सामने रखने के लिए प्रेरित करती है।
आप प्रेम को किस तरह से देखते हैं और किस तरह अपने प्यार को व्यक्त करते हैं, यह शुक्र ग्रह पर निर्भर करता है। चूंकि, धनु एक अग्नि तत्व की राशि है इसलिए ये प्यार में साहसी, भावुक ओर आतुर रहते हैं। शुक्र के धनु राशि में उपस्थित होने पर कभी-कभी रिश्ते को लेकर प्रतिबद्ध रहने में दिक्कत आती है लेकिन अगर आपका पार्टनर बुद्धिमान और साहसी हो, तो आप अपने रिश्ते में अत्यधिक समर्पित रहते हैं और अपने साथी से प्रेम करते हैं।
धनु राशि में शुक्र के होने पर जातक अपने पार्टनर के साथ तर्कपूर्ण बातचीत करेंगे और अपने पार्टनर से रिश्ते में सच्चाई और ईमानदारी की इच्छा रखेंगे। यह अपने रिश्ते में एक-दूसरे के लिए प्रेम और सम्मान को विकसित करने का शानदार अवसर है। यह गोचर हमें आगे बढ़ने और अपने रिश्तों में सच्चाई रखने के लिए प्रेरित करेगा।
जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह धनु राशि में होता है, उन्हें अपने रिश्ते में आत्मनिर्भरता पसंद होती है। साथ ही ये अपने पार्टनर के साथ उत्साह एवं मौज-मस्ती का आनंद लेंगे। ये अपने पार्टनर की ईमानदार और उत्साही व्यक्तित्व की ओर आकर्षित होते हैं।
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शुक्र के धनु राशि में गोचर से इन राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए कुंडली में शुक्र सातवें और दूसरे भाव के स्वामी ग्रह हैं। सातवां भाव विवाह, संबंध और साझेदारी एवं दूसरा भाव संपन्नता, परिवार और वाणी का कारक है। अब धनु राशि में प्रवेश करते हुए शुक्र आपके नौवें भाव में संचरण करेंगे जो कि भाग्य, लंबी यात्रा और अध्यात्म का कारक है।
शुक्र के इस गोचर से सलाहकार, काउंसलिंग और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले जातकों को लाभ होने की उम्मीद है। आपको अपने प्रयासों और कड़ी मेहनत के लिए अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और आप प्रगति करेंगे। धनु राशि में गोचर करने पर शुक्र के नवम भाव में होने से आप अधिक भावुक रहने वाले हैं।
प्रेम विवाह के बारे में सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल है। यदि आप किसी को पसंद करते हैं, तो उनसे और उनके परिवार से बात करने के लिए भी उपयुक्त समय है। इस समयावधि में आप अपने पार्टनर या परिवार के साथ विदेश या लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं। आपके लिए तीर्थस्थल की यात्रा के भी योग बन रहे हैं।
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और बारहवें भाव के स्वामी हैं। कुंडली में पांचवा घर संतान, प्रेम और नई शुरुआत करने का होता है। वहीं बारहवां घर खर्चों, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा और मोक्ष का कारक माना जाता है। इस गोचर के दौरान शुक्र आपके सातवें भाव में रहेंगे जो कि विवाह और व्यापारिक साझेदारी का कारक है। आप इस समय प्रसन्न रहेंगे और आपको अपने प्रयासों से लाभ प्राप्त होगा। हालांकि, आपको इस दौरान समझदारी से काम लेना चाहिए।
करियर के मामले में आपकी स्थिति अनुकूल रहने वाली है। आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा। इससे आपको आगे चलकर अपने पेशे में और अवसर मिलने वाले हैं। जब शुक्र धनु राशि से होकर मिथुन के सातवें भाव में प्रवेश करते हैं, तब रिश्ते और गठबंधन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। विवाह और निजी संबंधों का कारक सातवां भाव ज्योतिष में अत्यंत महत्व रखता है। शुक्र के धनु राशि में होने पर आप जोखिम उठाने और अपने रिश्तों को बेहतर तरीके से समझने में सक्षम होंगे।
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। कुंडली का तीसरा भाव लघु यात्रा, छोटे भाई-बहनों और पड़ोसी का कारक होता है। वहीं दसवां भाव करियर, नाम, शोहरत और सम्मान को दर्शाता है। इस गोचर के दौरान शुक्र आपके पांचवे भाव में रहेंगे जो कि संतान, प्रेम और सट्टे बाज़ार का कारक है। खासतौर पर रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने प्रयासों से करियर में लाभ होने की संभावना है। प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल समय है। आपके परिवार में बच्चे का जन्म हो सकता है।
आप कॉर्पोरेट दुनिया में मुश्किलों का सामना कर रहे हों या एक व्यापारी के रूप में अपना करियर बना रहे हों, आपको सराहना और उचित मान्यता मिलने की उच्च संभावना नज़र आ रही है। कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मी आपका सहयोग करेंगे और कार्यस्थल पर ऐसा माहौल रहेगा जिसमें आपको अपनी योग्यता दिखाने और उच्च स्तर का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। एक व्यापारी के तौर पर आपने जिस क्षेत्र को चुना है, उसमें आपकी सफलता आपकी मेहनत और उत्पादकता पर निर्भर करती है।
वृश्चिक राशि के लिए शुक्र सातवें भाव और बारहवें के स्वामी हैं। कुंडली का सातवां घर विवाह और साझेदारी से जुड़ा है जबकि बारहवां भाव खर्चों और असफलता को दर्शाता है। अब शुक्र आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि संचार, वित्त और परिवार का कारक है। शुक्र के धनु राशि में गोचर करने पर आप आर्थिक रूप से समृद्ध और संपन्न होंगे।
करियर के मामले में शुक्र का गोचर यह संकेद दे रहा है कि आपको अपना खुद का बॉस बनने पर ध्यान देना चाहिए। इससे आपको लाभ हो सकता है। कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों के साथ सहयोग करने की आपकी प्रवृत्ति आपको प्रतिष्ठा तो दिलाएगी ही साथ ही आपको इससे धन लाभ होने की भी उम्मीद है। जैसे-जैसे आप अपने व्यापारिक लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे, वैसे-वैसे आप आर्थिक रूप से समृद्ध बनेंगे और आपके घर-परिवार में भी सुख-शांति आएगी। इस समय आपका पेशेवर और निजी जीवन दोनों ही समृद्ध और खुशहाल रहेंगे।
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शुक्र के धनु राशि में गोचर करने का इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लिए शुक्र इनके पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। कुंडली का पहला भाव स्वयं का कारक होता है और छठा भाव शत्रु, बीमारी और कर्ज को दर्शाता है। धनु राशि में गोचर करने के दौरान शुक्र आपके आठवें भाव में रहेंगे जो कि अड़चनों, अप्रत्याशित लाभ और हानि एवं गुप्त जानकारी का भाव है। आपको इस समय प्रतिकूल प्रभाव मिलने के आसार हैं। आपके ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है और रियल एस्टेट या स्टॉक मार्केट में निवेश करने पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आपको लाभ धीमी गति से प्राप्त होगा और अगर धनु राशि के स्वामी बृहस्पति आपकी कुंडली में अशुभ स्थान में बैठे हैं, तो इसकी वजह से आपको प्रजनन तंत्र और पेट के निचले हिस्से से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं होने की आशंका है। निजी संंबंधों के लिए भी यह समय अच्छा नहीं रहने वाला है। आपकी कुंडली में चल रही महादशा के आधार पर आपके और आपके पार्टनर के बीच छोटी-छोटी समस्याएं और परेशानियां बड़ा रूप ले सकती हैं। इसकी वजह से आप दोनों के बीच बहस या अलगाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपको अपने रिश्ते को लेकर अधिक सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
शुक्र कर्क राशि के ग्यारहवें और चौथे भाव के स्वामी हैं। कुंंडली का ग्यारहवां भाव आय और लाभ को दर्शाता है जबकि चौथा भाव घरेलू सुख-सुविधाओं और प्रॉपर्टी से जुड़ी समस्याओं का कारक है। अब शुक्र आपके छठे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसका संबंध शत्रु, बीमारी और कर्ज से है। यह समय आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ सकता है या आपके करियर में अचानक से कोई बदलाव आ सकता है। अगर आप इस समय नौकरी बदलते हैं, तो हो सकता है कि आप अपनी नौकरी या काम से संतुष्ट न रह पाएं। आपके सहकर्मी भी आपके बढ़ते हुए तनाव का कारण हो सकते हैं एवं संभावना है कि आपको अपने सहकर्मियों का सहयोग न मिल पाए।
शुक्र के धनु राशि में गोचर करने के दौरान आपके निजी जीवन में कई उतार-चढ़ाव आने के आसार हैं। अगर आपकी अपने जीवनसाथी के साथ कानूनी लड़ाई चल रही है, तो इस समय आपके लिए स्थिति नकारात्मक हो सकती है। कानूनी मसलों को लेकर सावधानी बरतें। चौथे भाव के स्वामी के छठे भाव में गोचर करने की वजह से इस समय आपके घर का माहौल भी अशांतिपूर्ण हो सकता है।
शुक्र के धनु राशि में गोचर करने के दौरान भारत में विलुप्त हो चुकी कई कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। भारतीय कला विदेशों में भी अपनी चमक बिखेर सकती है।
इस गोचर के दौरान जातक आध्यात्मिक माध्यम जैसे पेंटिंग के ज़रिए अपनी कला को अभिव्यक्त कर सकते हैं।
इस समय देवी-देवताओं की पेंटिंग और उनसे संबंधित अन्य रचनात्मक सजावटी वस्तुओं की मांग में अचानक से वृद्धि होने के आसार हैं।
पत्रकारिता, मीडिया और पब्लिक रिलेशन के क्षेत्र में काम कर रहे लोग अपने करियर में प्रगति करेंगे।
इस समय देश-दुनिया के लेखक और गायक खूब तरक्की करेंगे।
शुक्र के धनु राशि में गोचर करने के दौरान डिज़ाइनरों को अपने बिज़नेस में उन्नति करने और अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
बिज़नेस, काउंसलिंग और ज्योतिष
इस समय ऑनलाइन बिज़नेस या रचनात्मक क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले जातक शानदार प्रदर्शन करेंगे।
हीलिंग, ज्योतिष या टैरो रीडिंग जैसे पेशों से जुड़े लोगों को इस समयावधि में लाभ होगा एवं ये उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे।
इस समय काउंसलिंग या कंसल्टिंग के क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करते हुए नज़र आएंगे।
रचनात्मक क्षेत्रों जैसे कि इंटीरियर डिज़ाइनिंग या ललित कला से जुड़े लोग भी अच्छा काम करेंगे।
शुक्र का धनु राशि में गोचर: स्टॉक मार्केट पर प्रभाव
07 अक्टूबर, 2024 को 03 बजकर 21 मिनट पर शुक्र ग्रह बृहस्पति की राशि धनु में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र विलासिता का ग्रह है और शेयर मार्केट पर भी इस ग्रह का महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिलता है। तो चलिए जानते हैं कि शुक्र के धनु राशि में गोचर करने का शेयर मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
इस गोचर के दौरान वस्त्र उद्योग और कपड़े से संबंधित कंपनियों को लाभ होने के आसार हैं।
परफ्यूम और गारमेंट इंडस्ट्री के साथ-साथ फैशन एसेसरीज़ इंडस्ट्री में भी तेजी देखने को मिलेगी।
बिज़नेस कंसल्टेशन और लेखन या मीडिया विज्ञापन या पीआर से जुड़ी कंपनियों और प्रिंट, दूरसंचार एवं प्रसारण उद्योग में प्रतिष्ठित कंपनियों को सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है।
शुक्र का धनु राशि में गोचर: ये फिल्में होंगी रिलीज़
शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो मनोरंजन जगत या उद्योग पर शासन करता है और अब यह जल्द ही धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। सिटाडेल: हनी बनी के अलावा शुक्र के गोचर के दौरान रिलीज़ होने वाली अधिकतर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
हो सकता है कि फिल्में उम्मीद से कम सफल हों क्योंकि इस दौरान एक्टर्स को ज्यादा पसंद नहीं किया जाएगा लेकिन फिर भी हम अपनी ओर से उन्हें सफल होने की शुभकामनाएं देते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनकी फिल्म अच्छा प्रदर्शन करें और उन्हें अपने काम का श्रेय मिले।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. धनु राशि पर किस ग्रह का स्वामित्व है?
उत्तर. इस राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं।
प्रश्न 2. शुक्र किन राशियों के स्वामी ग्रह हैं?
उत्तर. शुक्र तुला और वृषभ राशि के स्वामी हैं।
प्रश्न 3. धनु के अलावा बृहस्पति किस राशि के स्वामी ग्रह हैं?
उत्तर. देवताओं के गुरु बृहस्पति मीन राशि पर भी शासन करते हैं।
छठ पूजा से सजा नवंबर का ये सप्ताह, इन राशियों के लिए साबित होगा भाग्यशाली!
एस्ट्रोसेज का साप्ताहिक राशिफल का यह विशेष ब्लॉग आपको नवंबर के पहले सप्ताह यानी कि 04 नवंबर से 10 नवंबर, 2024 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, इस लेख की सहायता से आपको अपने जीवन के विभिन्न आयामों के बारे में सटीक जवाबों की प्राप्ति होगी जैसे कि इस हफ्ते क्या नौकरी में होगा प्रमोशन? क्या व्यापार में मिलेगी सफलता या उठाना पड़ेगा नुकसान? प्रेम जीवन में होगी प्यार की बरसात या होगी टकरार? क्या वैवाहिक जीवन होगा प्रेम से भरपूर? आदि। इसके अलावा, ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए किन उपायों को करना होगा फलदायी? इससे भी हम आपको अवगत कराएंगे। साप्ताहिक राशिफल के ब्लॉग की मदद से आप अपने आने वाले सप्ताह को बेहतर बना सकते हैं। तो चलिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
हमारा यह खास ब्लॉग वैदिक ज्योतिष पर आधारित है जो कि ग्रह, नक्षत्रों की चाल, दशा एवं स्थिति को ध्यान में रखकर विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है। इसके अलावा, साप्ताहिक राशिफल के इस ब्लॉग में हम आपको इस हफ़्ते में में आने वाले व्रत, त्योहार, ग्रहण-गोचर सहित कुछ प्रसिद्ध हस्तियों के जन्मदिन के बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि नवंबर माह का यह सप्ताह आपके लिए किस तरह के परिणाम लेकर आने वाला है।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवंबर 2024 का यह सप्ताह 04 नवंबर, सोमवार को ज्येष्ठा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुरू होगा जबकि इसका समापन शतभिषा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी कि 10 नवंबर 2024 को हो जाएगा। बता दें कि अंग्रेजी कैलेंडर में नवंबर साल का ग्यारहवां महीना होता है और इस माह का प्रत्येक सप्ताह धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं इस हफ़्ते पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की तिथियों एवं उनके महत्व से।
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी
हिंदू धर्म में व्रत एवं त्योहारों को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यह हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं। यह सभी पर्व अपने साथ सौभाग्य और खुशियां की सौगात लेकर आते हैं। लेकिन, अक्सर हम अपनी व्यस्त ज़िन्दगी की भागदौड़ में इन महत्वपूर्ण दिनों को भूल जाते हैं और ऐसा आपके साथ न हों इसलिए हम आने वाले सप्ताह में मनाए जाने वाले सभी व्रत एवं त्योहारों की संपूर्ण सूची आपके लिए लेकर आये हैं। चलिए नज़र डालते हैं 04 से 10 नवंबर के बीच पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में।
छठ पूजा (7 नवंबर 2024 गुरुवार): छठ पूजा को हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है जो कि एक लोकपर्व है। इस त्योहार को सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है जिसे दिवाली के ठीक 6 दिन बाद बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। उत्तर भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा की एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इस सप्ताह (04 नवंबर से 10 नवंबर, 2024) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
वैदिक ज्योतिष में ग्रहण और गोचर को अत्यधिक महत्व दिया गया है जिसका सीधा प्रभाव मनुष्य जीवन पर देखने को मिलता है। ऐसे में, इन ग्रहण और गोचरों की जानकारी रखना बेहद आवश्यक हो जाता है क्योंकि राशियों की भविष्यवाणी ग्रहों की चाल, स्थिति और दशा को देखकर ही की जाती है। बात करें नवंबर के इस सप्ताह में होने वाले गोचर और पड़ने वाले ग्रहण की, तो इस हफ़्ते में केवल एक ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करेगा। वहीं, इस दौरान कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।
शुक्र का धनु राशि में गोचर (07 नवंबर 2024): प्रेम एवं भोग-विलासिता के कारक ग्रह शुक्र महाराज 07 नवंबर 2024 की रात 03 बजकर 21 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं। जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ने की संभावना है।
इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश
हमारे साप्ताहिक राशिफल के इस लेख में आपको इस सप्ताह में पड़ रहे बैंक अवकाशों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी ताकि जिससे आपका बैंक से जुड़ा कोई काम न रुके।
इस क्रम में, हम आपको उन मांगलिक कार्यों के शुभ मुहूर्तों के बारे में बताएंगे जिन्हें हिंदू धर्म के अनुसार शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए जिससे आपका काम सफल हो सकेंगे। आइए जानते हैं इस सप्ताह मौजूद शुभ मुहूर्तों के बारे में।
इस सप्ताह के कर्णवेध मुहूर्त
मान्यताओं के अनुसार, कर्णवेध संस्कार को सदैव शुभ समय एवं तिथि पर करना चाहिए इसलिए इस सप्ताह के शुभ मुहूर्त हम आपको नीचे दे रहे हैं।
तिथि
मुहूर्त
4 नवंबर 2024, सोमवार
सुबह 07:07 से 10:24 तक
इस सप्ताह के अन्नप्राशन मुहूर्त
अगर आप नवंबर के इस सप्ताह में अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार करना चाहते हैं, तो यहां हम आपको तिथि प्रदान कर रहे हैं।
तिथि
मुहूर्त
4 नवंबर 2024, सोमवार
सुबह 07:07 से 10:24 तक
इस सप्ताह के उपनयन मुहूर्त
आप इस सप्ताह अपनी संतान का उपनयन संस्कार इन तिथियों पर कर सकते हैं।
तिथि
मुहूर्त
4 नवंबर 2024, सोमवार
सुबह 07:07 से 10:24 तक
इस सप्ताह जन्मे मशहूर सितारें
यहाँ हम बात करेंगे उन मशहूर हस्तियों के बारे में जिनका जन्म नवंबर में हुआ है, लेकिन उससे पहले हम आपको नवंबर में जन्मे लोगों के व्यक्तित्व से जुड़े रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं। ऐसे लोग जिनका जन्म नवंबर के महीने में होता है, सामान्य रूप से वह आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक होते हैं। साथ ही, यह महत्वाकांक्षी और दृढ़ निश्चयी होते हैं इसलिए अपना काम पूरा करके ही सांस लेते हैं। इन लोगों का चरित्र काफी मजबूत होता है और इस वजह से इनके स्वभाव में निडरता देखने को मिलती है। इन जातकों में साहस कूट-कूट कर भरा होता है और इसके फलस्वरूप, यह अपनी राह में आने वाली हर परेशानी को पार करने में सफल होते हैं।
इन जातकों का दृष्टिकोण आशावादी होता है जो इन्हें समस्याओं और विपत्तियों का डटकर सामना करने वाला बनाता है। हालांकि, इन लोगों का सारा ध्यान अपने काम पर होता है जब तक कि वह पूरा न हो जाए। नवंबर में जन्मे जातकों को प्राइवेसी पसंद होती है इसलिए यह अपने जीवन को निजी रखना पसंद करते हैं। आइए अब आपको अवगत करवाते हैं नवंबर के इस सप्ताह में जन्म लेने वाली हस्तियों से जिनके नाम इस प्रकार हैं:
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. छठ पूजा कब है 2024?
इस साल छठ पूजा का पर्व 07 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
2. नवंबर में शुक्र का धनु राशि में गोचर कब होगा?
शुक्र का गुरु ग्रह की राशि धनु में गोचर 07 नवंबर 2024 को होगा।
3. भाई दूज 2024 में कब है?
इस साल भाई दूज का पर्व 03 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (03 नवंबर से 09 नवंबर, 2024): इस सप्ताह कौन सी राशियां होंगी भाग्यशाली?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 03 नवंबर से 09 नवंबर 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं।
साल 2024 के ग्यारहवें महीने नवंबर का यह पहला सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 03 नवंबर से 09 नवंबर 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा।
लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि नवंबर महीने का यह पहला सप्ताह यानी कि 03 नवंबर से 09 नवंबर 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 03 नवंबर से 09 नवंबर, 2024: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: स्ट्रेंथ
आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: किंग ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ कप्स
प्रेम के लिहाज़ से आपको स्ट्रेंथ कार्ड मिला है, जो दर्शा रहा है कि इस सप्ताह आप प्यार में डूबे रह सकते हैं। हालांकि इसके फायदे के साथ-साथ नुकसान भी है। प्रेम जीवन में स्ट्रेंथ कार्ड का आना जीवन में सहानुभूति, करुणा और आंतरिक शक्ति को दर्शाता है। ये तीनों गुण आपको वैसा ही जीवनसाथी दिला सकते हैं, जैसा कि आपको चाहिए। या फिर यह कार्ड आपके साथी के साथ आपके रिश्ते को मजबूत करने का काम करेगा।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो आपको क्वीन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो समृद्धि, सौभाग्य और वित्तीय स्थिरता दिलाता है। इस अवधि बहुत अधिक प्रयास करने के बाद, आप पा सकते हैं कि आपके पास आराम के लिए आवश्यक सभी चीजें हैं। यह कार्ड एक जिम्मेदार व्यक्ति को दर्शाता है जो समझता है कि जीवन में संतुलन कैसे बनाना है। आप इस अवधि कंजूसी नहीं करेंगे और खुलकर अपना जीवन जिएंगे।
करियर में किंग ऑफ वैंड्स एक बेहद शुभ कार्ड प्रतीत हो रहा है। यह कार्ड बेहतर नेतृत्व कौशल, प्रेरणा और करियर या व्यवसाय में सफल होने का प्रतिनिधित्व करता है। यह इस बात का भी संकेत करता है कि इस अवधि आपका करियर तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
थ्री ऑफ कप्स से पता चलता है कि आप इस अवधि कई सामाजिक कार्यक्रमों में या छुट्टियों पर जा सकते हैं और आपको यहां तरह-तरह के भोजन करने व जश्न मनाने के अवसर प्राप्त होंगे। आप इस समय का पूरा आनंद लेंगे लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखें। साथ ही, स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए अपने सेवन को सीमित करने का प्रयास करें।
लकी स्टोन: लाल मूंगा
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: एट ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स
वृषभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो यह कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। या तो आप विवाह करने वाले हैं या आप अपने किसी करीबी मित्र या परिवार के सदस्य की शादी में शामिल होने के लिए तैयार हो रहे हैं।
आर्थिक जीवन में नाइन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड आपको अपने बैलेंस को चेक करने को कहता है। आवेग में आ कर खरीदारी करने या किसी को देने से पहले सोच-विचार करें। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आपको पहले अपने आर्थिक जीवन पर नज़र डालनी चाहिए। यदि आप स्थिर स्थिति में हैं तभी खरीदारी के लिए आगे बढ़े अन्यथा आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
आपके करियर की बात करें तो करियर में विकल्पों की कमी के कारण आप अपने वर्तमान व्यवसाय में फंसे हुए महसूस कर सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि प्रतिकूल भावनाओं को अपने ऊपर हावी न होने दें क्योंकि चिंता की बात नहीं है सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा।
स्वास्थ्य के लिहाज से पेज ऑफ़ स्वॉर्ड्स इस सप्ताह संकेत दे रहा है कि आप एलर्जी, फ्लू, सर्दी आदि से ग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी बनाए रखें और अपने स्वास्थ्य को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें अन्यथा छोटी से छोटी समस्या आप पर भारी पड़ सकती है।
लकी स्टोन:नीलम
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: एट ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: फाइव ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ वैंड्स
प्रेम जीवन में एट ऑफ वैंड्स कार्ड संकेत दे रहा है कि यदि आप और आपका साथी किसी विवाद के कारण एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं या एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे हैं, तो यह कार्ड इस बात का संकेत है कि आपको जल्द ही उनकी तरफ से कोई मैसेज या कॉल मिलने वाला है और चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आर्थिक रूप से, टेन ऑफ स्वॉर्ड्सकार्ड बिल्कुल भी शुभ प्रतीत नहीं हो रहा है। यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आप पैसों की वजह से बहुत अधिक चिंतित हो रहे हैं लेकिन आपको इस बात का एहसास होना चाहिए कि अभी आपकी स्थिति इतनी भी खराब नहीं है। आपको अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए और तब आपको एहसास होगा कि स्थिति इतनी भी खराब नहीं है। आप बस हर चीज का ज़रूरत से ज़्यादा विश्लेषण कर रहे हैं।
करियर के लिहाज़ से आपको फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो संघर्ष और विवादों का संकेत दे रहा है। यह इस बात का भी संकेत दे रहा है कि खराब संचार या संचार की कमी, तनाव और बहस का कारण बन सकती है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो पेज ऑफ़ वैंड्स इस सप्ताह आपके अच्छे स्वास्थ्य और उपचार का संकेत दे रहा है। यदि आप अस्वस्थ हैं, तो आप जल्द ही ठीक हो जाएँगे और कुछ ही समय में अच्छे स्वास्थ्य में वापस आ जाएँगे।
लकी स्टोन : हीरा
कर्क राशि
प्रेम जीवन: टेम्पेरेन्स
आर्थिक जीवन: द वर्ल्ड (रिवर्सड)
करियर: किंग ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ कप्स
कर्क राशि के जातकों प्रेम के संदर्भ में आपको टेम्परेन्स कार्ड मिला है, जो संतुलित और शांतिपूर्ण रिश्ते का संकेत दे रहा है। अगर आप किसी रिश्ते में हैं तो संभवत इस दौरान आपका रिश्ता आनंददायक और संतुष्टि दायक रहने वाला है। यह कार्ड किसी आत्मिक मित्र के साथ रिश्ते का भी प्रतिनिधित्व करता है। जो लोग सिंगल हैं वह अपने अंदर संतुलन की तलाश कर सकते हैं।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, द वर्ल्ड (रिवर्सड) संकेत दे रहा है कि आप पैसों को लेकर चिंता कर रहे हैं वह निराधार हो सकती है और आप जितना सोच रहे है बात उतनी गंभीर नहीं होगी। हालांकि आपको योजना बना कर चलने की आवश्यकता होगी।इस कार्ड को बहुत आशावादी सोच के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
करियर के लिहाज से किंग ऑफ पेंटाकल्स अनुकूल कार्ड प्रतीत हो रहा है, जो स्थिर करियर का संकेत दे रहा है। यदि आप अभी भी अपने करियर को लेकर भ्रमित हैं तो आपके पास खुद का व्यवसाय चलाने या बैंकिंग क्षेत्र में जाने के रास्ते हो सकते हैं। यदि आप पहले से ही इन क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं, तो निश्चित रूप से आपको उत्कृष्टता प्राप्त होगी।
स्वास्थ्य की बात करें, तोफाइव ऑफ कप्स संकेत दे रहा है कि आप इस अवधिमानसिक तनाव या किसी अन्य बीमारी की चपेट में आ सकते हैं, जिससे आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है इसलिए आपको इस अवधि सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
प्रेम जीवन में टू ऑफ वैंड्स दर्शाता है कि आपको अपना जीवनसाथी बाहर से कठोर और आत्मविश्वासी लग सकता है, लेकिन वह वास्तव में आपसे बहुत प्यार करते हैं। वे आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और अपने काम पर ध्यान देते हैं और आपकी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं।
सिंह राशि के आर्थिक जीवन की बात करें तो, टू ऑफ वैंड्स स्थिरता और ईमानदारी से वित्तीय अर्जित को दर्शाता है। यानी इस सप्ताह आप आरामदायक स्थिति में रहेंगे।आय का एक निरंतर स्रोत होगा। आप भविष्य के लिए दीर्घकालिक वित्तीय निर्णय और योजनाएं बनाने में सक्षम हैं। आपको सलाह दी जाती है कि भविष्य को सोचकर निर्णय लें।
करियर में नाइट ऑफ पेंटाकल्स यह संकेत देता है कि भविष्य में आपके लक्ष्य चाहे कितने भी दूर क्यों न हों, आप उन्हें प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से समर्पित होंगे। आप सोच समझकर फैसला लेते हैं और आपको अपनी मेहनत का भी फल प्राप्त होती है। यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो उसको आपको अपनी योग्यता को लेकर विश्वास दिलाना होगा।
टू ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) यह संकेत दे सकता है कि आप अपनी भावनाओं और विचारों को संतुलित करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जो किसी भी स्वास्थ्य समस्या को जन्म दे सकता है।
लकी स्टोन: रूबी
कन्या राशि
प्रेम जीवन: जस्टिस
आर्थिक जीवन: जजमेंट
करियर: द टॉवर
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
जस्टिस और समानता का कार्ड है, जो आपको अपने प्रेम जीवन में निष्पक्षता और ईमानदारी से पेश आने की बात कह रहा है। ठीक वैसे ही जैसे आप चाहते हैं कि आपके साथ व्यवहार किया जाए। अगर आप अपने रिश्तों को बनाए रखेंगे तो यह कार्ड आपके लिए शानदार साबित होगा।
आर्थिक रूप से, जजमेंट कार्ड अच्छी तरह, सोच समझकर निर्णय लेने की सलाह दे रहा है और आपको सुझाव दे रहा है कि आपको आवेगपूर्ण निर्णय लेने से बचना होगा। यदि आप ईमानदारी से पेश आएंगे तो आपको आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
करियर में टॉवर कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपको अचानक से नई जिम्मेदारी मिल सकती है और यह किसी बारही आपदा जैसे- नए नियोक्ता या सहकर्मी की मृत्यु के कारण हो सकती हैं। भले ही आपको ये अचानक मिली जिम्मेदारी संभालना मुश्किल लगे लेकिन भविष्य में आपको इसके शानदार परिणाम प्राप्त होंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज से फाइव ऑफ पेंटाकल्स बताता है कि यदि आप किसी बीमारी का सामना कर रहे हैं या अपने वातावरण में अचानक बदलाव के कारण बहुत अकेला और उदास महसूस कर रहे हैं तो आपको अपने दोस्तों से मिलने की आवश्यकता है ताकि आप बेहतर महसूस कर सकें।
प्रेम जीवन में तुला राशि के लोगों को फाइव ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो कि आपके लिए मुश्किलों के संकेत दे रहा है। यह सप्ताह आपके लिए बहुत कठिन रहने वाला है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आपके पार्टनर ने या तो आपको छोड़ दिया है या आप पर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे आपको यह संकेत मिल सकता है कि आपका रिश्ता या तो टूटने की कगार पर है।
सिक्स ऑफ पेंटाकल्स कार्ड कहता है कि इस सप्ताह आपको धन के मामले में सहायता मिल सकती है। अपनी आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए आपको जिस भी तरह की मदद चाहिए, आपको वो जरूर प्राप्त होगी। आपको अपने काम के लिए लोन आदि भी मिल सकता है।
करियर सेटिंग में नाइन ऑफ वैंड्स एक नकारात्मक कार्ड है। आपको ऐसा लग सकता है कि आप करियर के मामले में जहाँ हैं, वहाँ आप नहीं हैं और कुछ भी आपके अनुकूल नहीं हो रहा है। आपकी पदोन्नति और विकास अब लंबे समय से रुका हुआ हो सकता है और आप अपनी वर्तमान नौकरी छोड़ने के बारे में सोच सकते हैं।
किंग ऑफ वैंड्स अच्छे स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है और इस सप्ताह कोई बड़ी बीमारी या चोट आपको परेशान नहीं कर सकती है। आप वास्तव में बिना किसी उतार-चढ़ाव के स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम होंगे। आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर पूरी तरह से ध्यान देंगे।
लकी स्टोन: पन्ना
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: थ्रीऑफ़ कप्स
करियर: एस ऑफ़ वैंड्स
स्वास्थ्य: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए टेन ऑफ कप्स एक अच्छा कार्ड माना जाएगा। आपको परिवार के साथ यादगार समय बिताने का मौका मिलेगा और ऐसे में, आप नई यादें बनाएंगे। इस अवधि में आप सुखद समय व्यतीत करते हुए नज़र आएंगे और शांतिपूर्वक जीवन जिएंगे।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो थ्री ऑफ कप्स भविष्यवाणी करता है कि वृश्चिक राशि वाले इस सप्ताह अच्छा ख़ासा पैसा कमाएंगे। ऐसे में, यह अपनी धन से जुड़ी जिम्मेदारियों को आसानी से पूरा करने में सक्षम होंगे। साथ ही, आप बखूबी अपने धन को संभालने में समर्थ होंगे और आप खर्चों एवं बचत में भी संतुलन बनाए रखेंगे।
ऐस ऑफ वैंड्स संकेत कर रहा है कि यह जातक रचनात्मकता से जुड़े क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे या फिर ऐसा भी हो सकता है कि आप पहले से ही रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। यह कार्ड इन जातकों के व्यापार में शामिल होने की तरफ इशारा कर रहा है जो कलाकृतियों या क्रिएटिव प्रोडक्ट्स आदि से संबंधित हो सकता है। ऐसे में,आपको बिज़नेस में लाभ होगा।
नाइन ऑफ पेंटाकल्स को सेहत के लिए अच्छा कार्ड कहा जाएगा जो कि दर्शा रहा है कि इस सप्ताह आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेंगे। जो जातक थोड़ा अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो जल्द ही आपकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा।
लकी स्टोन: लाल मूंगा
धनु राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: द लवर
करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ वैंड्स
धनु राशि के जातकों को प्रेम जीवन में फोर ऑफ स्वोर्ड्स कार्ड मिला है जो भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आपका सारा ध्यान अपने आप पर होगा और आप खुद से प्रेम करते हुए दिखाई देंगे। आपको सलाह दी जाती है कि उन चीज़ों को जाने दें जो आपके लिए व्यर्थ हैं, आप स्वयं पर और अपनी ख़ुशियों पर ध्यान दें। इस हफ्ते आप दूसरों के बजाय स्वयं के साथ समय बिताएं।
आर्थिक जीवन को लेकर द लवर्स कह रहा है कि धनु राशि के जातक इस सप्ताह धन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं। साथ ही, आपको अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर होना होगा। इस संबंध में अपने विचार स्पष्ट रखें और खर्चों को सोच-समझकर प्राथमिकता दें।
यह जातक इस हफ़्ते कार्यक्षेत्र में कम्फ़र्टेबल और सहज महसूस करेंगे और इनके मन में ऐसी भावना आ सकती है कि सब कुछ अच्छे से मैनेज हो चुका है। मुश्किल दौर गुजर गया है और अब आपको चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही, पेशेवर जीवन में आप पहले से ज्यादा नियंत्रण में रहने लगेंगे।
फोर ऑफ वैंड्स संकेत कर रहा है कि धनु राशि वालों का स्वास्थ्य इस हफ़्ते अच्छा रहेगा और आप पूरे सप्ताह अच्छी सेहत का आनंद लेंगे। कुल मिलाकर इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य सबसे अच्छा रहेगा।
लकी स्टोन: रूबी
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मकर राशि
प्रेम जीवन: थ्रीऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ कप्स
करियर: नाइन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स
मकर राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें, तो थ्री ऑफ पेंटाकल्स संकेत कर रहा है कि आपके और पार्टनर के बीच विश्वास और प्रेम अच्छा रहेगा। इस दौरान आप एक-दूसरे से कुछ नया सीखते हुए दिखाई देंगे और एक सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास करेंगे जिससे आप दोनों ही रिश्ते में रहकर अपना व्यक्तिगत विकास भी कर सकें। मकर राशि के जातकों के प्रेम जीवन के लिए यह सप्ताह अच्छा रहेगा।
थ्री ऑफ कप्स भविष्यवाणी कर रहा है कि यह सप्ताह आपके लिए सफलता और जीत लेकर आएगा। संभावना है कि इस दौरान आपको वेतन में वृद्धि या कहीं किया गया निवेश आपको उम्मीद से अच्छा रिटर्न दे। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस सप्ताह अच्छा खासा लाभ प्राप्त हो सकता है।
नाइन ऑफ कप्स संकेत कर रहा है कि इस सप्ताह आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी। अगर आप पदोन्नति की उम्मीद लगाए हुए हैं या फिर कोई नया व्यापार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस दौरान आप ऐसा कर सकते हैं जिसमें आपको सफलता मिलने की संभावना है।
सेहत की दृष्टि से, टू ऑफ स्वॉर्ड्स कहता है कि यह जातक जिन भी स्वास्थ्य समस्याओं या किसी दर्द आदि से जूझ रहे हैं, तो वह आपकी मन में दबी हुए भावनाओं का परिणाम हो सकती है। आपके लिए बेहतर यही होगा कि किसी की मदद लें और इस तनाव से बाहर आने की कोशिश करें।
लकी स्टोन: नीलम
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: दहैरोफ़न्ट
करियर: द फूल
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ कप्स
प्रेम जीवन में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड मिले-जुले परिणाम देता नज़र आ रहा है। आप दिल टूटने के दुख से दूर हो रहे हैं और जीवन में एक नई दिशा की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
नाइट ऑफ पेंटाकल्स कुंभ राशि वालों को चेतावनी दे रहा है कि जब धन को मैनेज करने की बात आती है, तो आपको अधिक जिम्मेदार होना होगा क्योंकि आप पैसों को खर्च करते समय लापरवाह हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप हद से ज्यादा धन ख़र्च या फिर बेकार की चीज़ों पर पैसा खर्च कर सकते हैं। ऐसे में, आपको अपने अनुभवों से सीखने और अपने पैसे को प्रबंधन सोच-समझकर करने की आवश्यकता होगी।
करियर के क्षेत्र में नाइट ऑफ कप्स बता रहा है कि कुंभ राशि के जातकों का संबंध रचनात्मक या कम्युनिकेशन आदि के क्षेत्र से हो सकता है। इस दौरान कार्यक्षेत्र पर काम करते हुए आप भावुक हो सकते हैं या फिर अपना आपा खो सकते हैं क्योंकि आपको करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य को लेकर द फूल भविष्यवाणी कर रहा है कि यह सप्ताह आपके लिए रोमांचक रहेगा। साथ ही, आप ट्रैकिंग पर जा सकते हैं और ऐसे में, यह जातक शारीरिक गतिविधियां करते हुए दिखाई दे सकते हैं।
लकी स्टोन: ओपल
मीन राशि
प्रेम जीवन: द मून
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: जजमेंट
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ वैंड्स
मीन राशि वालों का प्रेम जीवन इस सप्ताह गलतफ़हमियां से भरा रह सकता है जिसके चलते माहौल तनावपूर्ण रहने की आशंका है। इस अवधि में न सिर्फ आपको अपनी भावनाओं का विश्लेषण करना होगा, बल्कि पार्टनर के इरादों के बारे में भी जानना होगा। इन जातकों को भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स कहता है कि मीन राशि के जातकों को परिवार, पार्टनर या दोस्तों के साथ धन या धन से जुड़े फैसलों को लेकर विवाद से जूझना पड़ सकता है। साथ ही, जब धन की बात आती है, तो आप किसी पर विश्वास नहीं करेंगे और आप अपने पैसों को लेकर अत्यधिक सजग रह सकते हैं।
करियर को लेकर जजमेंट कार्ड बता रहा है कि कार्यस्थल पर वरिष्ठों की दृष्टि इन जातकों पर हो सकती है और वह आपके हर कदम पर नज़र बनाए हुए होंगे क्योंकि संभव है कि आपके प्रदर्शन का विश्लेषण किया जा रहा हो। इस दौरान मीन राशि वालों को काम में अपने प्रदर्शन के आधार पर नौकरी में सभी लाभों की प्राप्ति होगी।
सिक्स ऑफ वैंड्स सेहत को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है कि आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से संतुलित रहेंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.
1- क्या टैरो का इस्तेमाल हमेशा भविष्यवाणी के लिए किया जाता था?
नहीं, टैरो का इस्तेमाल अस्तित्व में आने के शुरुआती सालों में ताश के पत्तों के डेक के रूप में किया जाता था।
2- शुरुआती लोगों के लिए टैरो सीखने के लिए सबसे अच्छा टैरो डेक कौन सा है?
टैरो सीखने का सबसे अच्छा टैरो डेक राइडर वेट है।
3- किसी भी 4 मेजर आर्काना टैरो कार्ड का नाम बताइए?
टैरो कार्ड के 4 मेजर आर्काना इस प्रकार हैं:द फ़ूल, द एम्परर, द मैजिशियन, द हाई प्रीस्टेस
नवंबर के महीने में कब मनाया जाएगा भाई दूज- नोट कर लें शुभ मुहूर्त, तिलक का सही समय और इस दिन के नियम और सावधानियां!
यम द्वितीया कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला एक बेहद ही खास और भाई बहन की खूबसूरत रिश्ते को दर्शाता एक बेहद ही शुभ त्यौहार है। मुख्य तौर पर यह त्यौहार ब्रज से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस दिन (भाई दूज 2024) के दिन बहनें रोली और अक्षत से अपने भाई का तिलक करती हैं और उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें आशीर्वाद देती हैं। बदले में रक्षाबंधन की ही तरह भाई अपनी बहन का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं और बदले में उन्हें कुछ तोहफे देते हैं।
भाई दूज का यह त्योहार होली और दिवाली के बाद मनाया जाता है। अपने इस विशेष ब्लॉग में आज हम बात करेंगे दिवाली के बाद मनाये जाने वाले भाई दूज की। साथ ही जानेंगे इस दिन से जुड़ी परंपरा के बारे में, जानेंगे कि वर्ष 2024 में भाई दूज का यह त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा, इस दिन की सही विधि क्या है और साथ ही जानेंगे इस दिन किए जाने वाले उपायों की जानकारी जिन्हें अपना कर आप अपने और अपने भाई से अपना रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत बना सकते हैं।
तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं वर्ष 2024 में भाई दूज का त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा।
2024 में भाई दूज कब है?
भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024 मनाया जाएगा। बात करें इस दिन के शुभ तिलक मुहूर्त की तो,
भाई दूज तिलक का समय :13:10:27 से 15:22:18 तक
अवधि :2 घंटे 11 मिनट
अधिक जानकारी: उपरोक्त मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का सही और शुभ तिलक मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
भगवान यम (मृत्यु के देवता) और यमुना (नदी देवी) शामिल हैं
किंवदंती है कि,
भगवान यम भाई दूज पर अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे।
महत्व और लाभ
यमुना द्वारा प्रसाद, यमुना ने भगवान यम को स्वादिष्ट व्यंजन परोसे और चंदन का तिलक लगाया।भगवान यम का आशीर्वाद जो भी बहन इस दिन अपने भाई को टीका लगाएगी और खाना खिलाएगी, उसे अपने भाई के लिए लंबी उम्र और समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा।
जानने योग्य बात: भाई दूज या भैया दूज के पर्व को भाई टिका, यम द्वितीया, भ्राता द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। कहा जाता है इस दिन यमदेव अपनी बहन यमुना के बुलाने पर उनके घर भोजन करने आए थे।
भाई दूज पर होने वाले रीति रिवाज और विधि विधान
बात करें रीति रिवाज़ और विधि विधान की तो,
भाई दूज के मौके पर बहनें भाई के तिलक और आरती के लिए सबसे पहले एक थाल सजाती हैं।
इस थाल में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी रखे जाते हैं।
तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाया जाता है।
चावल के इस चौक पर भाई को बिठाया जाता है और शुभ मुहूर्त में ही बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं।
तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दिए जाते हैं और उनकी आरती उतारी जाती है।
तिलक और आरती के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
आपके भाई की कुंडली में भी है राजयोग? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब
त्यौहार का नाम
भाई दूज
नाम का अर्थ
“भाई” (भाई) + “दूज” (अमावस्या के बाद दूसरा दिन)
चंद्र दिवस
कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष का दूसरा चंद्र दिवस
अनुष्ठान का समय
2024 रविवार, 3 नवंबर, 2024 की तारीखअपराहन समय: दोपहर 1:17 बजे से दोपहर 3:38 बजे तक
द्वितीया तिथि
आरंभ: 2 नवंबर 2024, रात 8:21 बजेसमाप्त: 3 नवंबर, 2024, रात्रि 10:05 बजे
भाई दूज का महत्व
इस दिन से जुड़े महत्व की बात करें तो कहा जाता है कि, जो कोई भी भाई यम द्वितीया के दिन अपनी बहन के हाथ का भोजन करता है उसे धर्म, अर्थ और अपरिमित सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन यमुना देवी और धर्मराज यम की पूजा करने से जाने अनजाने में भी किए गए पाप नष्ट होते हैं। बहन यमुना के चलते इस दिन यमराज की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं और अकाल मृत्यु का भय भी जीवन से दूर होता है।
जिन लोगों के जीवन में परेशानी हो उन्हें इस दिन विशेष रूप से यमराज की प्रार्थना करने की सलाह दी जाती है। कहते हैं यमराज के आशीर्वाद से हर समस्या का निवारण हो जाता है। इसके अलावा इस दिन से जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन जो कोई भी भाई-बहन भाई दूज की रस्म निभाकर यमुना जी में स्नान करते हैं उनको यमराज यमलोक में यातना नहीं देते हैं।
इसके अलावा बहुत सी जगहों पर इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी विधान होता है। कहा जाता है इसी दिन से चित्रगुप्त लोगों के जीवन का बहीखाता लिखते हैं। चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी, दवात और पुस्तकों की पूजा भी इस दिन की जाती है।
भाई दूज के दिन भूल से भी ना करें यह गलतियां
भाई दूज के दिन भूल से भी भाई-बहन आपस में लड़ाई झगड़ा ना करें।
भाई दूज के दिन झूठ ना बोलें और कोई गलत काम ना करें।
बहनें अपने भाई के तोहफे का अपमान ना करें। यह बहुत ही अशुभ माना जाता है।
इसके अलावा इस दिन भाई या बहन काले रंग के वस्त्र न पहनें।
बहनें इस बात का ध्यान रखें कि पहले भाई को तिलक करें और उसके बाद ही अन्न ग्रहण करें।
मुमकिन हो तो तिलक के बाद साथ बैठकर भोजन करें।
तिलक सही दिशा में बैठकर करें। बहनें पूर्व की तरफ मुख करें और भाई उत्तर की तरफ मुख करके बैठ जाएँ।
इसके अलावा भाई दूज के दिन इस दिन से जुड़ी कथा सुनने का भी विशेष महत्व होता है। क्या कहती है इस दिन की कथा जानने के लिए यह लेख अंत तक पढ़ें।
तैयारी और अनुष्ठान- इस दिन बहनें मिठाई, दिया और तिलक के साथ एक विशेष थाली तैयार करती हैं। भाई एक स्थान पर बैठते हैं और बहन उनके सिर के चारों ओर थाली घूमाकर आरती करती हैं, टीका लगाती है और अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई देते हैं उपहार- बदले में भाई अपनी बहन को अपने स्नेह के प्रतीक के रूप में कोई उपहार या फिर पैसे देते हैं और आजीवन उनकी रक्षा करने की का भी वचन देते हैं।
दावते और उत्सव- इस दिन विशेष व्यंजन और मिठाइयां बनाई जाती है और सभी लोग खुशी-खुशी इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। बहुत सी जगहों में इस दिन लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन उत्सव भी किए जाते हैं।
भारत के अलग-अलग राज्य में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है भाई दूज
भाई दूज पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन अलग-अलग क्षेत्र में अनोखे रीति रिवाज का पालन किया जाता है। जहां उत्तर भारत में ये त्योहार पारंपरिक समारोह और देवताओं की पूजा के साथ मनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारत में इसे भैया दूज के नाम से जानते हैं और इस दिन रक्षा सूत्र बांधा जाता है। महाराष्ट्र में इस भाऊ बीज के रूप में मनाया जाता है और इस अनुष्ठान में भाई अपनी बहन के घर जाते हैं।
भाई दूज की पौराणिक कथा
भाई दूज से जुड़ी दो कथाएं बेहद प्रचलित हैं। एक है यह और यमी की कथा दूसरी है भगवान श्री कृष्णा और सुभद्रा की कथा।
यम और यमी की कथा– पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे और इसके बाद से ही भाई दूज मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई। सूर्यपुत्र यम और यमी भाई बहन थे। बहुत बार यमुना के बुलाने के बाद एक दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे। इस दिन यमुना ने यमराज को अपने हाथों से बना भोजन कराया, तिलक लगाया और उनके खुशहाल जीवन की कामना की।
इसके बाद जब यमराज वापस अपने घर जाने लगे तो यमुना से वरदान मांगने को कहा। तब यमुना ने कहा कि, “आप हर वर्ष इसी दिन मेरे घर आया कीजिए और इस दिन जो भी बहन अपने भाई का तिलक करें उससे तुम्हारा भय ना हो।” अपनी बहन यमुना का यह वचन सुनकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया और ऐसे भाई दूज के पर्व की शुरुआत हुई।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
यही वजह है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान का बहुत महत्व बताया जाता है। कहते हैं कि भाई दूज के मौके पर अगर भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करें तो उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
भगवान श्री कृष्णा और सुभद्रा से जुड़ी कथा– एक दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि भाई दूज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण नरकासुर राक्षस का वध करके द्वारिका वापस लौटे थे। इस दिन भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा ने फल, फूल, मिठाई और तमाम दीपक जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था। सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण के माथे पर तिलक लगाया और उनके दीर्घायु की कामना की और तभी से भाई दूज के मौके पर भाई बहनों के इस पावन त्यौहार की शुरुआत हुई। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनके दीर्घायु की कामना करती है।
भाई दूज के उपाय-आर्थिक संकट से दिलाएंगे छुटकारा और हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता
चलिए अब अंत में जान लेते हैं भाई दूज के दिन किए जाने वाले कुछ ज्योतिषीय उपायों की जानकारी जिन्हें अपना कर आर्थिक तंगी से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही आप अपने और अपने भाई के जीवन में सुख समृद्धि में इजाफा भी कर सकते हैं।
भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए यमराज के नाम का दीपक अवश्य जलाएं और इसे घर के मुख्य द्वार की दहलीज पर रख दें। ऐसा करने से भाई के जीवन से हर तरह के विघ्न दूर होंगे।
जब भाई को तिलक लगाएँ तो इस समय ‘गंगा पूजा यमुना को, यामी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुने नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े” ऐसे वचन बोलें। ऐसा करने से भाइयों की उम्र लंबी होगी और जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
अगर आपके भाई के जीवन में आर्थिक संकट बढ़ गया है तो भाई दूज के दिन पांच गोमती चक्र पर केसर और चंदन से श्री ह्री श्री लिख लें। इसके बाद इसे तिजोरी, अलमारी या फिर धन रखने वाली जगह पर रख दें।
इसके अलावा भाई दूज के दिन अगर यमुना स्नान कर लिया जाए तो इसे बेहद उत्तम माना जाता है। इस दिन अगर भाई बहन यमुना स्नान करें तो इससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: भाई दूज क्या है?
भाई दूज एक हिंदुत्व त्यौहार है जो भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाता है। यह त्योहार दिवाली के दो दिन बाद अर्थात कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
2: 2024 में भाई दूज का त्यौहार कब मनाया जाएगा?
2024 में भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा।
3: भाई दूज के मुख्य अनुष्ठान क्या है?
इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी आरती करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वचन भी देते हैं।
4: भाई दूज पर तिलक का क्या महत्व है?
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं जो सुरक्षा और दीर्घायु का प्रतीक होता है। यह भाई की भलाई और समृद्धि के लिए प्रेम और प्रार्थना का भी एक संकेत है।
5: साल में भाई दूज का त्यौहार कितनी बार मनाया जाता है?
भाई दूज का यह खूबसूरत त्यौहार साल में दो बार मनाया जाता है। यह त्योहार दिवाली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और एक बार यह होली के बाद मनाया जाता है।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 03 नवंबर से 09 नवंबर, 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (03 नवंबर से 09 नवंबर, 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 के जातक बेहद पेशेवर और प्रबंधन में काफ़ी अच्छे होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, यह अपनी क्षमताओं के बल पर शीर्ष पर पहुंचने में सक्षम होते हैं जिसके लिए यह मेहनत करते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें तो, यह जातक रिश्ते में अपने साथी के प्रति वफादार रहेंगे और आपके इस तरह के व्यवहार से साथी प्रसन्न नज़र आएगा। साथ ही, आप उनकी तारीफ करेंगे और ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: मूलांक 1 के जिन छात्रों का संबंध आर्ट्स, लिटरेचर और मैनेजमेंट आदि से है, वह इस सप्ताह शानदार प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, पढ़ाई को आप पूरी एकाग्रता के साथ पेशेवर तरीके से करेंगे।
पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो कार्यक्षेत्र में आपको वरिष्ठों से सराहना मिलने की संभावना है। साथ ही, आप अपनी अलग पहचान बना पाएंगे। इन जातकों में नेतृत्व की क्षमता भी मौजूद होगी। दूसरी तरफ, जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह इस दौरान अपनी नई नीतियों के दम पर काफ़ी मुनाफा कमा सकेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इस अवधि में मूलांक 1 वाले ऊर्जावान रहेंगे और ऐसे में, आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। इन लोगों का मज़बूत आत्मविश्वास आपको अपार यश दिलाएगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ सूर्याय नमः” का 19 बार जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 2 के अंतर्गत जन्मे जातकों के मन-मस्तिष्क में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है और ऐसे में, आप उन फैसलों को लेने में नाकाम रह सकते हैं जो आपके लिए फलदायी साबित होंगे।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, इस सप्ताह मूलांक 2 के जातक पार्टनर के साथ बहस या विवाद होने की वजह से नाखुश दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, इस समय घर-परिवार में चल रहे मतभेद आपको परेशान करने का काम कर सकते हैं। ऐसे में, आपके और साथी के बीच थोड़ी दूरियां आ सकती हैं।
शिक्षा: इस मूलांक के छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने की आवश्यकता होगी जो कि आप अपने आत्मविश्वास को मज़बूत बनाकर कर सकते हैं। ऐसे में, अगर आप पढ़ाई में सफलता पाना चाहते हैं, तो आपको मेहनत करनी होगी।
पेशेवर जीवन: मूलांक 2 के नौकरी करने वाले जातकों को अपना काम पूरे ध्यान से करना होगा और इन जातकों को अपनी संभावनाओं के दायरे को बढ़ाना होगा। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप अपने लक्ष्य हासिल करने के साथ-साथ लाभ प्राप्त करने में असफल हो सकते हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें, तो मूलांक 2 वालों को इस सप्ताह किसी एलर्जी की वजह से सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसकी वजह आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है।
उपाय: सोमवार से लेकर अगले छह महीने तक चंद्र देव की पूजा करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 3 के तहत जन्म लेने वाले जातक स्वभाव से धार्मिक होते हैं और अपना ज्यादातर समय धर्म-कर्म के कार्यों में बिताते हैं। इस तरह के कार्य आपको सकारात्मक परिणाम और सफलता पाने में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। हालांकि, यह जातक खुले विचारों वाले होते हैं।
प्रेम जीवन: मूलांक 3 वाले इस सप्ताह साथी के साथ रिश्ते में सच्चे और ईमानदार रहेंगे। आपके इसी स्वभाव की वजह से आप दोनों के रिश्ते में ख़ुशियां बनी रहेंगी और आपसी तालमेल भी मज़बूत होगा।
शिक्षा: जो जातक बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट अकाउंटिंग और कॉस्टिंग जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, तो वह इनमें अच्छी ख़ासी सफलता हासिल करेंगे। इस दौरान आप पेशेवर तरीके से पढ़ाई करते हुए नज़र आएंगे।
पेशेवर जीवन: मूलांक 3 के नौकरी करने वाले जातकों को करियर के संबंध में ऑनसाइट नौकरी के अवसर मिल सकते हैं जो कि आपके लिए फलदायी साबित होंगे। इस तरह के अवसर आपके लिए सफलता लेकर आने के साथ-साथ तुरंत परिणाम देने का काम भी कर सकते हैं। जिन लोगों का अपना व्यापार है, तो वह लाभ के माध्यम से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो मूलांक 3 वालों की सेहत इस सप्ताह अच्छी रहेगी जो कि आपकी मज़बूत रोग प्रतिरोधक क्षमता और आत्मविश्वास का परिणाम होगी।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ गुरवे नमः” का 21 बार जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
जो लोग मूलांक 4 के तहत आते हैं, वह अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेते समय बेहद जुनूनी रह सकते हैं। साथ ही, यह अवधि आपसे लंबी दूरी की यात्रा करवा सकती है जिनसे आपको कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि आप घूमने-फिरने में रुचि रखते होंगे।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 4 वालों का रिश्ता पार्टनर के साथ मधुर न रहने की आशंका है और इसकी वजह आपके भीतर असुरक्षा की भावना हो सकती है। आपके मन में मोजूद इन भावनाओं के कारण आपके रिश्ते से ख़ुशियां नदारद रह सकती हैं।
शिक्षा: इस अवधि में छात्रों से पढ़ाई में गलतियां हो सकती हैं जिसकी वजह से आपके हाथ से सफलता पाने के कुछ बेहतरीन अवसर निकल सकते हैं। साथ ही, इस सप्ताह आपको शिक्षा के संबंध में बड़े फैसले लेने से बचने की सलाह दी जाती है।
पेशेवर जीवन: मूलांक 4 के नौकरी करने वाले जातकों के ऊपर काम बढ़ सकता है जिसकी वजह से आप तनाव में नज़र आ सकते हैं। ऐसे में, इन लोगों पर काम का बोझ बहुत अधिक होने की संभावना है। वहीं, इस मूलांक के जो लोग व्यापार करते हैं, उन्हें प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है।
स्वास्थ्य: यह सप्ताह मूलांक 4 वालों के स्वास्थ्य के लिए कमज़ोर रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता नाज़ुक रह सकती है। ऐसे में, किसी तरह की एलर्जी की वजह से आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनसे बचने के लिए आपको अपना आत्मविश्वास मज़बूत करना होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ राहवे नमः” का 22 बार जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 के जातकों का दृष्टिकोण इस सप्ताह तार्किक रहेगा और इसके फलस्वरूप, आप कार्यों में जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको सफलता की प्राप्ति होगी। साथ ही, इन लोगों का सेंस ऑफ ह्यूमर काफ़ी अच्छा रहेगा।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो इन जातकों को पार्टनर के साथ रिश्ते को मधुर और सौहार्द से पूर्ण बनाने के लिए अंहकार से बचना होगा, अन्यथा आप अपने लिए समस्याओं को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
शिक्षा: इस सप्ताह मूलांक 5 के जो छात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्टिंग की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर किसी कंपनी में सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत हैं, वह इस सप्ताह स्वयं को समस्याओं में घिरा हुआ पा सकते हैं। इस समय आपको पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करनी होगी।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो इस मूलांक वालों को कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों केसाथ समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है और इसकी वजह उनके मन में आपकी तरक्की के प्रति जलन के भाव हो सकते हैं। ऐसे में, इन लोगों को बहुत सतर्क रहना होगा। अगर आप व्यापार करते हैं, तो उन्हें लाभ कमाने के लिए थोड़े अधिक प्रयत्न करने पड़ सकते हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें, तो इन लोगों को तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं और ऐसे में, आपकी सेहत प्रभावित हो सकती है। साथ ही, आपकी फिटनेस में भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 41 बार जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 6 के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों की रुचि रचनात्मक कार्यों में होती है। साथ ही, यह अपने परिवार के साथ किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं। हालांकि, यह जातक संगीत और सिनेमा के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह के दौरान मूलांक 6 के जातक रिश्ते में पार्टनर पर प्रेम की बरसात करते हुए नज़र आएंगे। ऐसे में, आप रिश्ते में ख़ुशियां बनाए रखने में सक्षम होंगे। आपके सकारात्मक व्यवहार की वजह से साथी के साथ आपका रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: संभव है किशिक्षा के मामले में आप उस व्यक्ति का सम्मान न करें जो पढ़ाई में आपकी सहायता या मार्गदर्शन करते हों। इसके फलस्वरूप, आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही, आपकी बदनामी हो सकती है इसलिए आपको सावधानी से आगे बढ़ना होगा।
पेशेवर जीवन: मूलांक 6 जो जातक नौकरी करते हैं, उनके हाथ से इस समय काम के संबंध में सराहना और प्रसिद्धि प्राप्त करने के बेहतरीन अवसर निकल सकते हैं। साथ ही, कड़ी मेहनत के बाद भी सहकर्मी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं, संभव है कि व्यापार करने वाले लोग बिज़नेस से जुड़े बड़े फैसले लेते समय सावधान न रहें।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इस मूलांक के लोगों को अपने आपको फिट एवं तंदुरुस्त रखने के लिए अपने खानपान का ध्यान रखना होगा। इस समय आपके लिए खुद को स्वस्थ रखना जरूरी होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ लक्ष्मीभयो नमः” का 33 बार जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 के जातकों की रुचि फिलॉसोफी, गूढ़ विज्ञान और धर्म आदि में हो सकती है। ऐसे में, यह अपने झुकाव को बरकरार रखकर आगे बढ़ने और सफलता पाने में सक्षम होंगे।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें,तो इस सप्ताह आपको पार्टनर के साथ बेवजह की बातों पर बहस में पड़ने से बचना होगा और साथ ही, इन लोगों को अपने रिश्ते में सौहार्द एवं प्रेम बनाए रखने के लिए अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होगा।
शिक्षा: मूलांक 7 के छात्र इस सप्ताह पढ़ाई में पीछे रह सकते हैं जिनसे आपको बचने की जरूरत होगी। दूसरी तरफ, शिक्षा में प्रदर्शन अच्छा करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। साथ ही, आपको बहुत ध्यान से आगे बढ़ना होगा।
पेशेवर जीवन: करियर की बात करें, तो इस मूलांक के नौकरीपेशा जातकों की छवि कार्यक्षेत्र पर वरिष्ठों के सामने ख़राब हो सकती है जिससे आपको बचने की आवश्यकता होगी। इसके विपरीत, जिन लोगों का खुद का व्यापार है, वह नए व्यापार में प्रवेश करने के अवसर खो सकते हैं।
स्वास्थ्य: इस हफ़्ते इन लोगों को कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से स्किन बर्न जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, आपको कोई एलर्जी भी होने की संभावना है।
उपाय: मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 8 के तहत जन्मे जातकों का सारा ध्यान काम पर केंद्रित होता है और इसकी वजह से यह अक्सर जीवन के दूसरे क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसके फलस्वरूप, इन लोगों के आकर्षण में भी कमी आती है।
प्रेम जीवन: मूलांक 8 वालों को रिश्ते में साथी के साथ छोटी-मोटी बातो पर अहंकार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते आपकी खुशियां में कमी आ सकती हैं इसलिए आपको रिश्ता बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना होगा।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस हफ़्ते आपके प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिल सकती है क्योंकि आपका ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है। ऐसे में, आपको पढ़ाई में एक व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ना होगा।
पेशेवर जीवन: मूलांक 8 के नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर देर तक काम करना पड़ सकता है जिसके चलते आप थकान महसूस कर सकते हैं। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपके बिज़नेस करने की क्षमता औसत रह सकती है और लाभ के अवसर भी कम रह सकते हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह सप्ताह आपके लिएकमर और पैरों में दर्द लेकर आ सकता है जिसकी वजह तनाव हो सकती है। ऐसे में, इन जातकों को तनाव से बचने की सलाह दी जाती है।
उपाय: शनिवार के दिन हनुमान जी के लिए यज्ञ/हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 के अंतर्गत पैदा होने वाले जातक हर समय किसी न किसी काम को करते हुए दिखाई देते हैं इसलिए हमेशा व्यस्त रहते हैं। इस मूलांक वाले अपने हर काम को समय पर पूरा करने का प्रयास करते हैं क्योंकि उन्हें देर पसंद नहीं होती है।
प्रेम जीवन: इस लोगों का प्रेम जीवन साथी के साथ सुगमता से आगे बढ़ेगा जो कि पार्टनर के प्रति आपके सकारात्मक दृष्टिकोण का परिणाम होगा। ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: इस सप्ताह शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 9 के छात्र अपनी चमक बिखेरेंगे। इस दौरान अच्छे तरीके से योजना का निर्माण करने की वजह से आप उच्च अंक हासिल कर पाएंगे जिसके चलते आप सफलता प्राप्त करेंगे।
पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस अवधि में आप पेशेवर तरीके से आगे बढ़ेंगे। वहीं, जिन लोगों का अपना व्यापार है, वह प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें, तो इस सप्ताह आपकी सेहत अच्छी रहेगी और यह आपके भीतर की ऊर्जा का परिणाम होगी।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अंक 9 के स्वामी कौन हैं?
अंक ज्योतिष में मंगल ग्रह को अंक 9 का स्वामी माना गया है।
2. अपना मूलांक कैसे पता करें?
आपको अपनी जन्म तिथि को जोड़ने पर जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है।
3. अंक ज्योतिष से अपना भविष्य कैसे जान सकते हैं?
अंक शास्त्र में प्रत्येक अंक एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसे में, आप अपने मूलांक और भाग्यांक की सहायता से अपना भविष्य जान सकते हैं।
एक ही दिन की जाती है गोवर्धन और विश्वकर्मा पूजा- जानें इसका महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त!
हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान कृष्ण को ही समर्पित है गोवर्धन पूजा। आज के हमारे खास ब्लॉग में हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे वर्ष 2024 में गोवर्धन पूजा किस दिन मनाई जाएगी, इसका महत्व क्या होता है और साथ ही जानेंगे कुछ ऐसे उपायों की जानकारी जिन्हें अपना कर आप गोवर्धन पूजा के इस दिन को और अपने जीवन को सुखमय और शुभ बना सकते हैं।
बात करें गोवर्धन पूजा की तो गोवर्धन पूजा का यह त्योहार दिवाली के पांच दिवसीय त्योहारों में से एक होता है। गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन मनाई जाती है। यह त्यौहार भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही इस दिन गौ माता, गोवर्धन पर्वत और श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा का विधान बताया गया है।
अपने इस खास लेख में आज हम जानेंगे कि गोवर्धन पूजा इतनी महत्वपूर्ण क्यों होती है, इसकी विधि क्या होती है, और इस दिन पूजा करने से क्या कुछ लाभ मिलते हैं लेकिन आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं वर्ष 2024 में गोवर्धन पूजा किस दिन मनाई जाएगी।
2024 में गोवर्धन पूजा कब है?
जैसा कि हमने पहले भी बताया गोवर्धन पूजा का यह शुभ दिन दिवाली के अगले दिन पड़ता है। ऐसे में वर्ष 2024 में 2 नवंबर 2024 शनिवार के दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी। इसके अलावा बात करें इस दिन की शुभ मुहूर्त की तो,
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त :06:34:09 से 08:46:17 तक
अवधि :2 घंटे 12 मिनट
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त :15:22:44 से 17:34:52 तक
अवधि :2 घंटे 12 मिनट
अधिक जानकारी: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
गोवर्धन पूजा के इस पर्व का सीधा संबंध प्रकृति और मानव से जोड़कर देखा जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्न कूट का त्यौहार भी कहते हैं और यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। यूं तो यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन विशेष तौर पर उत्तर भारत में खास कर मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना में इसकी भव्यता देखने लायक होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
गोवर्धन पूजा के नियम और विधि
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण के साथ-साथ वरुण देव, इंद्रदेव और अग्नि देव की पूजा का भी विधान बताया गया है। इस दिन गोवर्धन पर्वत गोवर्धन यानी गाय और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। यह त्यौहार मानव जाति को इस बात का संदेश देता है कि हमारे जीवन में प्रकृति कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। बात करें इस दिन की नियम और विधि की तो,
सबसे पहले गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन पर धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, फूल, सब चढ़ाए जाते हैं।
इसके अलावा इस दिन गाय, बैल और कृषि के काम में आने वाले पशुओं की पूजा करने का विधान है।
गोवर्धन जी गोबर से लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाए जाते हैं।
नाभि के स्थान पर एक मिट्टी का दीपक रखा जाता है।
इस दीपक में दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे डाले जाते हैं और बाद में इसे प्रसाद के रूप में बाँट दिया जाता है।
पूजा के बाद गोवर्धन जी की सात परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा के वक्त हाथ में लोटे से भरा जल होता है। इसे गिराते हुए और जौ को बोते हुए परिक्रमा पूरी की जाती है।
गोवर्धन गिरी भगवान के रूप में माने जाते हैं और कहा जाता है कि इस दिन उनकी पूजा करने से घर में धन, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा का विधान बताया गया है।
गोवर्द्धनधराधार गोकुलत्राणकारक। विष्णुबाहुकृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव॥ या लक्ष्मीर्लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता। घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु॥ अग्रतः सन्तु मे गावो गावो मे सन्तु पृष्ठतः। गावो मे हृदये सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ॥
अर्थात- पृथ्वी को धारण करने वाले गोवर्धन आप गोकुल की रक्षा करने वाले हैं। भगवान विष्णु ने अपनी भुजाओं से आपको ऊंचा उठाया था। आप मुझे कोटी गोदान देने वाले हो लोकपालों की जो लक्ष्मी यहां धेनुरूप से विराज रही है और यज्ञ के लिए घृत का भार वहन करती है, वह मेरे पापों को दूर करें. गायें मेरे आगे हों, गायें मेरे पीछे हों, गायें मेरे हृदय में हों और मैं सदा गायों के मध्य में निवास करूं।’
अपनी पूजा सिद्ध करने के लिए गोवर्धन मूर्ति के सामने नीचे दिए गए गोवर्धन मंत्र का जाप करें:
“|| श्रीगिर्रिराजधरणप्रभुतेरीशरण ||”
भगवान कृष्ण आपके लिए भाग्य लेकर आए और आपके जीवन से सभी बुराइयों और कष्ट को दूर करें।
गोवर्धन पूजा पर अन्नकूट उत्सव
गोवर्धन पूजा के मौके पर ही मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। अन्नकूट का अर्थ होता है कई प्रकार के अन्नों का मिश्रण जिसे भोग के रूप में भगवान कृष्ण को चढ़ाया जाता है और उनके भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। बहुत सी जगहों पर इस दिन बाजरे की खिचड़ी बनाई जाती है और तेल की पूरी बनाई जाती है। अन्नकूट के साथ दूध से बनी मिठाई और स्वादिष्ट पकवान भोग में चढ़ाए जाते हैं। पूजा के बाद यह प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को बांटा भी जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव को पराजित करके उनका घमंड चूर किया था। गोवर्धन पूजा करने से घर में सुख संपदा बनी रहती है। इसके अलावा इस दिन अन्नकूट तैयार करने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं रहती है, घर में खुशहाली और समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय की नियमित सेवा करने और उनके स्पर्श से शरीर में चर्म रोग जैसी बीमारी भी नहीं होती है।
गोवर्धन पूजा में विशेष तौर पर गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा का विधान बताया गया है। स्कंद पुराण के अनुसार गौ पूजा करने से मृत्यु का भय और कई तरह के दोष जीवन से दूर होते हैं। साथ ही जीवन में सफलता मिलती है और सारे काम आसानी से पूरे होने लगते हैं। इसके अलावा कहते हैं कि गोवर्धन पूजा करने से मनुष्य को लंबी आयु और आरोग्यता की प्राप्ति होती है, जीवन से दरिद्रता दूर होती है। इस दिन की पूजा करने से घर परिवार में धन, संतान और गौ रस में वृद्धि होती है।
गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें
गोवर्धन पूजा के दिन शरीर में तेल की मालिश करें। इसे बेहद ही शुभ माना गया है।
इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए जाने की भी परंपरा है।
56 भोग लगाना पूजा का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से पहले अपने घर के बाहर या घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाएं।
गोवर्धन पूजा के दिन उत्तर पूर्व की दिशा में दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति हमेशा बनी रहेगी।
गोवर्धन पूजा के दिन सभी सदस्य अलग-अलग पूजा ना करें बल्कि एक साथ सामूहिक रूप से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें।
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट कभी भी बंद कमरे में ना करें। ऐसा करने से पूजा का संपूर्ण फल नहीं प्राप्त होता है।
गोवर्धन पूजा के दिन चंद्रमा के दर्शन ना करें। ऐसा करने से व्रत संपूर्ण नहीं होता है।
इसके अलावा इस दिन विशेष रूप से अन्न की बर्बादी ना करें।
गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा की बात करें तो कहा जाता है एक बार देवराज इंद्र को अपनी शक्तियों पर अहंकार हो गया और उनके इसी अहंकार को तोड़ने के लिए श्री कृष्ण ने एक लीला रची। एक बार सभी गोकुलवासी तरह-तरह के व्यंजन बना रहे थे तब भगवान कृष्ण ने मां यशोदा से पूछा कि, ‘आप सब किस उत्सव की तैयारी कर रहे हैं’? जिस पर मां यशोदा ने कहा कि हम देवराज इंद्र की पूजा की तैयारी कर रहे हैं। इस जवाब पर श्री कृष्ण ने पूछा कि हम इंद्रदेव की पूजा क्यों करते हैं? तब मां यशोदा ने जवाब दिया कि इंद्रदेव की कृपा से ही अच्छी बारिश होती है जिससे अन्न की पैदावार अच्छी होती है और हमारी गायों को चारा मिलता है।
मां यशोदा की बात सुनकर भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि अगर ऐसा है तो हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें तो वही चरती हैं। वहां पर मौजूद पेड़ पौधों से बारिश होती है। श्रीकृष्ण की इस बात को सुनकर और उनसे सहमत होकर सभी गोकुल वासियों ने गोवर्धन की पूजा प्रारंभ कर दी। यह देखकर देवराज इंद्र को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपने अपमान का बदला लेने के लिए मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। बारिश इतनी तेज थी कि सभी गोकुलवासी डर गए।
सात दिनों तक की लगातार बारिश होती रही और तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला दिखाई और गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठा लिया और इस पर्वत के नीचे सभी गोकुल वासियों ने शरण ले ली। इसके बाद देवराज इंद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्हें तब इस बात का भी एहसास हुआ कि उनसे मुकाबला करने वाला कोई साधारण मनुष्य नहीं हो सकता है। तब इंद्रदेव ने भगवान कृष्ण से क्षमा मांगी और स्वयं श्री कृष्ण का पूजन कर उन्हें भोग लगाया। कहते हैं द्वापर में हुई इस घटना के बाद से ही गोवर्धन पूजा करने की शुरुआत हुई है।
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गोवर्धन पूजा ज्योतिषीय उपाय- पूरी करेंगे हर मनोकामना
गोवर्धन पूजा के दिन विशेष रूप से कुछ उपाय कर लिए जाए तो इससे आर्थिक संपन्नता आती है और साथ ही जीवन से दुख परेशानियां भी दूर होती है:
गोवर्धन पूजा के दिन दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से पंचामृत तैयार करें। इसमें गंगाजल और तुलसी अवश्य डालें। इसके बाद भगवान कृष्ण को शंख में भरकर यह पंचामृत अर्पित कर दें। ऐसा करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।
इस दिन गाय को स्नान करा कर उसका तिलक करें, उसे फल और चारा खिलाएं और गाय की सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती है।
गोवर्धन पूजा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक अवश्य जलाएं। इससे भी धन संबंधित समस्याएं दूर होती है।
कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में अगर इस दिन इस पेड़ में जल चढ़ाया जाए तो आर्थिक मनोकामनाएं भी पूरी होती है।
अगर जीवन में आर्थिक समस्या ज्यादा बढ़ गई है तो गोवर्धन पूजा के दिन एक लाल कपड़े में पांच गोमती चक्र और पांच कौड़ी रख दें और रोली चावल से इसकी पूजा करें। पूजा के बाद इन्हें लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इससे आर्थिक समस्या दूर होगी और जीवन में आय के नए स्रोत खुलने लगेंगे।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म मृत्यु के चक्कर से साधक मुक्त हो जाते हैं। साथ ही जीवन से तनाव और चिंता कम होती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?
गोवर्धन पूजा के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है।
2: गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है?
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाए जाते हैं, उन्हें फूलों से सजाया जाता है, सुबह और शाम के समय उनकी पूजा की जाती है, इनकी सात बार परिक्रमा की जाती है।
3: दिवाली के दूसरे दिन किसकी पूजा होती है?
दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस दिन गोवर्धन पर्वत,गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा का विधान होता है।
4: वर्ष 2024 में गोवर्धन पूजा किस दिन मनाई जाएगी?
वर्ष 2024 में 2 नवंबर 2024 शनिवार के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी।
5: गोवर्धन पूजा से क्या लाभ होता है?
गोवर्धन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धर्म, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है।
दिवाली के शुभ त्योहार से शुरू होगा नवंबर का महीना, यहाँ देखें व्रत-त्योहारों की पूरी सूची!
एक साल में आने वाले प्रत्येक महीने का अपना महत्व होता है और इसी प्रकार, हर माह में पड़ने वाले त्योहार मौसम में होने वाले बदलाव को दर्शाते हैं जो इन्हें सबसे ख़ास बनाते हैं। जैसे कि जनवरी में मकर संक्रांति, फरवरी में बसंत पंचमी, मार्च में होली और अक्टूबर-नवंबर में दिवाली आदि मौसम में होने वाले बदलावों की तरफ संकेत करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर में नवंबर साल का ग्यारहवां महीना है। इस समय सर्दियां धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और लोगों के गर्म कपड़े बाहर आने लगते हैं। ठंडी-ठंडी हवाएं वातावरण को मनोहर बनाती हैं जबकि कोहरा प्रकृति की अपने अंदर समेत लेता है। इसी क्रम में, नवंबर का महीना त्योहारों और पर्वों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाएगा क्योंकि इस माह में दिवाली, कार्तिक अमावस्या, भाई दूज समेत कई बड़े व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं, जो नवंबर के माह के महत्व को बहुत अधिक बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा, नए महीने की शुरुआत के साथ ही हम सबके मन में यह जानने की उत्सुकता होती है कि यह महीना अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? कौन से पर्वों एवं व्रतों को इस माह मनाया जाएगा। इसके अलावा, नवंबर 2024 में राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जातकों को जीवन में किस तरह के परिणाम प्राप्त होंगे और किन समस्याओं का आपको सामना करना होगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
नवंबर 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
नवंबर 2024 के पंचांग की बात करें, तो साल 2024 के ग्यारहवें महीने नवंबर की शुरुआत चित्रा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी कि 01 नवंबर 2024, शुक्रवार को होगी। वहीं, इस महीने का अंत अनुराधा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अर्थात 30 नवंबर 2024 को होगा। इस माह की सबसे विशेष बात यह है कि नवंबर का आरंभ और समाप्ति दोनों ही अमावस्या तिथि पर होगा। नवंबर के पंचांग को जानने के बाद अब हम आपको इस माह से जुड़े कुछ रोचक पहलू बताएंगे।
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नवंबर 2024 का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से नवंबर को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस माह में कई बड़े और प्रमुख पर्वों एवं त्योहारों को मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नवंबर महीने का आरंभ कार्तिक माह के अंतर्गत होगा जबकि इसका समापन मार्गशीर्ष के तहत होगा। बता दें कि कार्तिक मास का धार्मिक रूप से विशेष महत्व माना गया है जो हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है। वहीं, ग्रेगोरियन कैलेंडर में कार्तिक माह अक्टूबर और नवंबर में आता है। इस साल कार्तिक मास का आरंभ 18 अक्टूबर 2024 को होगा और इसका अंत 15 नवंबर 2024 को हो जाएगा।
नवंबर का पंचांग तो हमने जान लिया, लेकिन अब जानते हैं इन महीनों के महत्व के बारे में और सबसे पहले शुरुआत करते हैं कार्तिक माह से। यह महीना सभी माह में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है क्योंकि यह भगवान विष्णु को अति प्रिय महीनों में से एक है। इस वजह से हिंदू धर्म में कार्तिक माह को महत्वपूर्ण माना जाता है और यह मास मनुष्य के सभी पापों का नाश कर देता है। साथ ही, उनके जीवन में उत्पन्न संकट एवं कष्टों को दूर करता है। इस माह का पालन पूरे नियम-कायदों से करने पर धन, सुख, समृद्धि, शांति और निरोगी काया की प्राप्ति होती है।
कार्तिक में मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करना शुभ होता है। इस महीने दान-स्नान का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक में किये गए स्नान-दान से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं। इस माह में दिवाली, भाई दूज, धनतेरस, देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह, देव दिवाली जैसे बड़े पर्व मनाए जाते हैं। जगत के पालनहार भगवान विष्णु का प्रिय माह कार्तिक अक्षय फल देने वाला कहा गया है। स्वयं भगवान ब्रह्मा ने कार्तिक माह की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है कि “कार्तिक मास सभी महीनों में श्रेष्ठ है और कार्तिक मास में भगवान श्रीहरि विष्णु देवताओं में तथा नारायण तीर्थ (बद्रिकाश्रम) तीर्थों में श्रेष्ठ हैं।”
अब हम बात करते हैं मार्गशीर्ष माह की, इस माह का आरंभ कार्तिक पूर्णिमा के साथ हो जाएगा। मार्गशीर्ष हिंदू वर्ष के बारह महीनों में से नौवें स्थान पर आता है जिसे मगसर, अग्रहायण, अगहन, मंगसिर आदि नामों से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष माह की गणना सनातन धर्म के सबसे पवित्र और शुभ महीनों में होती है।साल 2024में मार्गशीर्ष का आरंभ 16 नवंबर 2024 को होने जा रहा है और इसका अंत 15 दिसंबर 2024 को होगा।
शास्त्रों में मार्गशीर्ष का वर्णन करते हुए कहा गया है कि“मासोनम मार्गशीर्षोहम्”अर्थातमार्गशीर्ष के समान शुभ कोई दूसरा माह नहीं है। पवित्र धार्मिक ग्रंथ गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं मार्गशीर्ष के बारे में कहा है कि “महीनों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में मैं बसंत हूं।” इससे ही मार्गशीर्ष की शुभता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष में ही सतयुग का आरंभ हुआ था और इस महीने में ही कश्यप ऋषि ने कश्मीर की रचना की थी इसलिए मार्गशीर्ष मास को जप, तप और ध्यान आदि के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
मार्गशीर्ष में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना फलदायी होती है और इस माह में आने वाली एकादशी, द्वादशी और पूर्णिमा के व्रत करने मात्र से मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही, पवित्र नदियों में स्नान एवं दान करना शुभ होता है। मार्गशीर्ष में संतान से संबंधित आशीर्वाद आसानी से मिल जाता है, तो वहीं चंद्रमा से अमृत तत्व प्राप्त होता है। मार्गशीर्ष और कार्तिक माह के धार्मिक महत्व के बारे में जानने के बाद अब हम नज़र डालते हैं नवंबर में आने वाले व्रत-त्योहारों पर।
कार्तिक एवं मार्गशीर्ष माह में धन-समृद्धि पाने के लिए करें ये उपाय
कार्तिक माह में करें ये उपाय
करियर में प्रगति और व्यापार में बढ़ोतरी के लिए कार्तिक माह में मंदिर में घी का दान करना शुभ होता है और इसके बाद, भगवान से प्रार्थना करें।
जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की पाने के लिए कार्तिक महीने में भगवान विष्णु के मंदिर जाएं और वहां घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा, ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ का 11 बार जाप करें।
जो जातक अपने मनपसंद व्यक्ति से विवाह करने के इच्छुक हैं, उन्हें कार्तिक माह के दौरान स्नान से निवृत होकर तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद, श्रीहरि विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाएं।
वैवाहिक जीवन को सुख-शांति से पूर्ण बनाने के लिए तुलसी के पौधे के आसपास केले के पत्तों का मंडप तैयार करें। साथ ही, उन्हें लाल चुनरी अर्पित करें और उन्हें सुहाग की सामग्री जैसे आलता, सिंदूर, बिछिया, चूड़ी, बिंदी आदि चढ़ाएं। इसके बाद, भगवान विष्णु को रोली, अक्षत आदि से उनका पूजन करें और उन्हें प्रसाद के रूप में बतासे का भोग लगाना चाहिए।
मार्गशीर्ष में करें ये उपाय
मार्गशीर्ष के महीने में प्रतिदिन गीता का पाठ करें क्योंकि यह श्रीकृष्ण का प्रिय माह है इसलिए इस माह में गीता पढ़ना शुभ रहता है।
इस महीने भगवान कृष्ण की पूजा पूरे भक्तिभाव के साथ करनी चाहिए। ऐसा करने से वह भक्त से प्रसन्न होते हैं।
मार्गशीर्ष माह में लड्डू गोपाल की पूजा और उनकी सेवा विशेष रूप से करनी चाहिए। इस उपाय को करने से आपके दुखों का अंत होता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान विष्णु को श्रीकृष्ण के अवतार माना जाता है इसलिए इन्हें तुलसी अति प्रिय है। मार्गशीर्ष में भगवान कृष्ण को तुलसी के पत्तों का प्रसाद के रूप में भोग लगाना चाहिए।
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नवंबर 2024 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार की तिथियां
हिंदू धर्म में एक महीने में अनेक व्रत-त्योहार को मनाया जाता है और इसी क्रम में, नवंबर 2024 में भी सनातन धर्म के सबसे बड़े पर्वों को मनाया जाएगा। तो आइए बिना देर आगे बढ़ते हैं और जानते हैं नवंबर 2024 में आने वाले प्रमुख व्रत-पर्वों की तिथियों पर।
तिथि
दिन
पर्व/ त्योहार
01 नवंबर 2024
शुक्रवार
दिवाली, कार्तिक अमावस्या
02 नवंबर 2024
शनिवार
गोवर्धन पूजा
03 नवंबर 2024
रविवार
भाई दूज
07 नवंबर 2024
गुरुवार
छठ पूजा
12 नवंबर 2024
मंगलवार
देवुत्थान एकादशी
13 नवंबर 2024
बुधवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
15 नवंबर 2024
शुक्रवार
कार्तिक पूर्णिमा व्रत
16 नवंबर 2024
शनिवार
वृश्चिक संक्रांति
18 नवंबर 2024
सोमवार
संकष्टी चतुर्थी
26 नवंबर 2024
मंगलवार
उत्पन्ना एकादशी
28 नवंबर 2024
गुरुवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
29 नवंबर 2024
शुक्रवार
मासिक शिवरात्रि
कुछ ऐसा होता है नवंबर में पैदा होने वालों का व्यक्तित्व
वैसे तो हर महीना अपने आप में खास होता है, लेकिन जिस महीने में आपका जन्म होता है, उस महीने के मायने बढ़ जाते हैं। ऐसे में, अगर आपका जन्म 01 नवंबर 2022 से 22 नवंबर के बीच हुआ है, तो आपकी राशि वृश्चिक होती है। इस माह में जन्मे लोग अपने रहस्यों को अपने तक रखने में माहिर होते हैं। हालांकि, यह लोग स्वभाव से बेहद भावुक और संवेदनशील होते हैं। इनमें रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी होती है। नवंबर बोर्न जातक थोड़े महत्वाकांक्षी और दबंग प्रवृत्ति के होते हैं।
लेकिन, जिन जातकों का जन्म 22 नवंबर के बाद होता है, उनकी राशि धनु होती है। सामान्य रूप से धनु राशि वाले बहुत आशावादी और साहसी होते हैं। इन लोगों का व्यक्तित्व दूसरे लोगों से हटकर होता है इसलिए यह हमेशा दूसरों से कुछ अलग करने की चाहत में रहते हैं। इनकी यह बात इन्हें दूसरों से अलग बनाती है। इन लोगों के सोचने-समझने का तरीका भी सबसे अलग होता है और ऐसे में, यह जो भी काम अपने हाथ में लेते हैं, उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं।
जब बात आती है रिश्तों की, तो रिश्ते से लेकर दोस्ती तक के मामले में यह ईमानदार होते हैं। नवंबर के तहत पैदा होने वाले लोग किसी को निराश नहीं करते हैं और हर रिश्ते को बहुत वफ़ादारी से निभाते हैं। यह अपने जीवन में प्राइवेसी को बहुत महत्व देते हैं और अपना कोई राज़ दूसरों को कभी नहीं बताते हैं। इस माह में जन्मे जातक अपने करीबियों का साथ मुश्किल समय में नहीं छोड़ते हैं और अंत तक आपका साथ निभाते हैं।
नवंबर में पैदा होने वाले किसी को भी जानबूझकर चोट नहीं पहुंचाते हैं और जिन लोगों को यह जातक पसंद नहीं आते हैं, वह इनके शब्दों और व्यवहार के आधार पर इन्हें गलत समझ लेते हैं। इस माह में जन्मे लोगों की सबसे बड़ी खासियत होती है कि यह कही-सुनी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं, बल्कि यह सिर्फ वही मानते हैं जिसे इन्होने अपनी आँखों से देखा हो।
शुभ अंक: 03, 01, 07
शुभ रंग: गुलाबी, सफ़ेद और चॉकलेटी
शुभ दिन: गुरुवार, मंगलवार
शुभ रत्न: मोती, मूनस्टोन
नवंबर 2024 में आने वाले बैंक अवकाश
दिन
बैंक अवकाश
कहाँ-कहाँ मान्य होगा
01 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
दिवाली
सभी राज्य सिवाय आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना
01 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
हरियाणा दिवस
हरियाणा
01 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
कन्नड़ राज्योत्सव
कर्नाटक
01 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
कूट
मणिपुर
01 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
पुडुचेरी मुक्ति दिवस
पांडिचेरी
02 नवंबर 2024 (शनिवार)
दिवाली/दीपावली
दमन और दिउ, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
02 नवंबर 2024 (शनिवार)
विक्रम संवत नया साल
गुजरात
03 नवंबर 2024 (रविवार)
भाई दूज
गुजरात, राजस्थान, सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
07 नवंबर 2024 (गुरुवार)
छठ पूजा
असम, बिहार, छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड
15 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
गुरु नानक जयंती
सभी राज्य सिवाय आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नागर हवेली, दमन और दिउ, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर,मेघालया, उड़ीसा, पांडिचेरी, सिक्किम, तमिलनाडुऔर त्रिपुरा
15 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
कार्तिक पूर्णिमा
उड़ीसा और तेलंगाना
18 नवंबर 2024 (सोमवार)
कनकदास जयंती
कर्नाटक
22 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
ल्हाबब ड्यूंचन
सिक्किम
23 नवंबर 2024 (शनिवार)
सेंग कुट स्नेम
मेघालय
यहां हमने आपको अवगत करवाया नवंबर 2024 में पड़ने वाले बैंक अवकाशों से। अब हम आपको इस महीने मनाये जाने वाले त्योहारों के धार्मिक महत्व की जानकारी प्रदान करेंगे।
नवंबर में पड़ने वाले व्रतों एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व
दिवाली (01 नवंबर 2024, शुक्रवार): दिवाली का इंतज़ार हिंदुओं को साल भर रहता है जो हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। कहते हैं कि इस दिन भगवान राम, भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या वापिस लौटे थे। पंचांग के अनुसार, दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और यह पूरे पांच दिन चलता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भैया दूज पर होता है।
कार्तिक अमावस्या (01 नवंबर 2024, शुक्रवार): साल भर में आने वाली प्रत्येक अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है कार्तिक अमावस्या जो हर साल कार्तिक माह में आती है और इस दिन हीदिवाली का पावन त्योहार मनाया जाता है। यह अमावस्या पितरों का तर्पण और दान-पुण्य के लिए श्रेष्ठ रहती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, महाभारत के शांतिपर्व में स्वयं भगवान कृष्ण ने कार्तिक अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा है कि ‘यह मेरा प्रिय दिन है और इस दिन मेरी वंदना से मनुष्य के समस्त ग्रह दोष दूर हो जाएंगे। कार्तिक अमावस्या की रात को सबसे अंधेरी रात कहा जाता है इसलिए इस दिन दीपक जलाने से अंधेरा दूर हो जाता है।
गोवर्धन पूजा (02 नवंबर 2024, शनिवार): गोवर्धन पूजा का संबंध द्वापर युग से है और यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस पर्व को प्रकृति और मानव के बीच संबंध का प्रतीक माना गया है जिसे अन्नकूट भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है जो कि दिवाली के अगले दिन आता है। इस त्योहार की एक अलग ही रौनक मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना आदि में देखने को मिलती है।
भाई दूज (03 नवंबर 2024, रविवार): भाई दूज भाई-बहन के पवित्र बंधन और स्नेह का प्रतीक है जो कि भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया और भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। दिवाली के पांच दिनों का यह अंतिम दिन होता है और इस दिन प्रत्येक बहन अपने भाई का तिलक करके उसकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती है। भाई दूज पर यमराज और यमुना जी की भी पूजा की जाती है।
छठ पूजा (7 नवंबर 2024, गुरुवार): छठ पर्व सूर्य देव एवं छठी मैया को समर्पित भारत का एक बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्योहार है। यह एक लोकपर्व है जो कि छठ पूजा या सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा को हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर किया जाता है जो कि दिवाली के 6 दिन बाद आती है। बिहार समेत उत्तर भारत के राज्यों झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा को बहुत उत्साह से मनाया जाता है।
देवउठनी एकादशी (12 नवंबर 2024, मंगलवार): सनातन धर्म के लिएदेवउठनी एकादशी विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस तिथि पर चार महीनों की निद्रा के बाद भगवान विष्णु जागते हैं। इसी के साथ, एक बार फिर से शुभ एवं मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाता है। देवउठनी एकादशी दिवाली के बाद आती है। बता दें कि देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर पड़ती है जो कि देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जानी जाती है।
प्रदोष व्रत (कृष्ण) (13 नवंबर 2024, बुधवार): हिंदू धर्म में प्रत्येक माह में कई तरह के व्रतों को सच्चे मन और आस्था के साथ किया जाता है और प्रदोष व्रत भी इन्हीं में से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि प्रदोष व्रत को करने से भक्त को दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। जो जातक इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा (15 नवंबर 2024,शुक्रवार): एक वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमा तिथि को शुभ माना जाता है और इन्हीं तिथियों में से एक कार्तिक पूर्णिमा है। पंचांग में कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं और इस पूर्णिमा के संबंध में मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया था इसलिए इसे ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
वृश्चिक संक्रांति (16 नवंबर 2024, शनिवार): नवग्रहों के “राजा” कहे जाने वाले सूर्य देव जगत को जीवन प्रदान करते हैं जो कि प्रत्येक महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। सूर्य महाराज जब अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो उस घटना को संक्रांति कहा जाता है। अब इसी क्रम में सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं इसलिए इस संक्रांति को वृश्चिक संक्रांति कहा जाएगा। हालांकि, जिस दिन सूर्य अपना गोचर करते हैं, वह दिन सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। बता दें कि सूर्य ग्रह का गोचर एक वर्ष में 12 बार होता है।
संकष्टी चतुर्थी (18 नवंबर 2024, सोमवार): हिंदू धर्म मेंसंकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करने का विधान है जो कि विघ्नहर्ता गणेश को समर्पित होता है। संकष्टी चतुर्थी के व्रत से जुड़ी मान्यता है कि इस व्रत को जो भक्त सच्चे मन से करता है, उसके जीवन से भगवान गणेश सारे दुखों एवं बाधाओं को हर लेते हैं। यही वजह है कि संकष्टी चतुर्थी पर श्रीगणेश की पूजा पूरे विधि-विधान और श्रद्धापूर्वक की जाती है।
उत्पन्ना एकादशी (26 नवंबर 2024, मंगलवार): एक वर्ष में कुल 24एकादशी तिथि आती है और इनमें से एक उत्पन्ना एकादशी को बहुत शुभ माना जाता है। धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था इसलिए इसका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। बता दें कि देवी एकादशी को श्रीहरि विष्णु का शक्ति स्वरूप माना गया है। कहते हैं कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से जातक के पूर्व और वर्तमान जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।
मासिक शिवरात्रि (29 नवंबर 2024, शुक्रवार): हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि को महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि एक वर्ष में 12 बार आती है। हर माह में आने वालीशिवरात्रि यानी कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि कहते हैं। यह व्रत भगवान शिव की कृपा एवं आशीर्वाद पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से भक्त के जीवन में उत्पन्न सभी समस्याओं का अंत होता है और आपकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं।
मेष राशि के जातकों के लिए साल 2023 की तुलना में वर्ष 2024 अनुकूल रहेगा क्योंकि इस दौरान शनि और बृहस्पति आपकी चंद्र राशि में……(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
नवंबर के महीने में शनि आपके दसवें भाव में और बृहस्पति पहले भाव में मौजूद होंगे। जबकि राहु ग्यारहवें भाव में और केतु पांचवे……(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल नज़र आ रही है। बृहस्पति आपके बारहवें भाव में, शनि नौवें भाव के स्वामी के रूप में …(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति की बात करें तो राहु प्रतिकूल रहेंगे जबकि बृहस्पति ग्यारहवें भाव में, सातवें और आठवें के स्वामी …(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति को ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि राहु की आठवें भाव में स्थिति …(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति की बात करें तो, सातवें भाव में बैठे राहु की स्थिति अनुकूल नहीं कही जाएगी। लेकिन,…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
इस महीने प्रमुख ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो यह अनुकूल नजर आ रही है। बृहस्पति अष्टम भाव में स्थित रहेगा, राहु छठे भाव में स्थित रहेगा, जिससे आपके…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
नवंबर के महीने में प्रमुख ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो राहु की स्थिति अनुकूल नजर नहीं आ रही है, बृहस्पति सप्तम भाव में स्थित रहेगा, शनि इस…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
इस महीने नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो राहु चतुर्थ भाव में स्थित है, गुरु छठे भाव में स्थित है जिन्हें प्रतिकूल…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
नवंबर 2024 में, प्रमुख ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो राहु अनुकूल स्थिति में नजर आ रहा है, बृहस्पति पंचम भाव में स्थित है, शनि पहले…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
इस महीने नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो राहु की स्थिति अनुकूल नहीं है, बृहस्पति चतुर्थ भाव में स्थित रहेगा, शनि दूसरे घर में स्थित है जिस…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
इस महीने नवंबर 2024 में प्रमुख ग्रहों की स्थिति के बारे में बात करें तो राहु की स्थिति अनुकूल नहीं है। बृहस्पति तीसरे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)